ममी
ममी एक मृत मानव होता है जिसके सॉप्ट टिश्यू और अंगों को रसायनों के सहारे अत्यधिक ठंड, बहुत कम आर्द्रता, या हवा की कमी से संरक्षित किया जाता है, ताकि शरीर में आगे क्षय न हो (Mummy Preserved by Chemicals).
मनुष्यों और जानवरों की ममी हर महाद्वीप पर पाई गई हैं. मिस्र में दस लाख से अधिक पशु ममी पाए गए हैं, जिनमें से कई बिल्लियां हैं. मिस्र के कई पशु ममी पवित्र आइबिस हैं. रेडियोकार्बन डेटिंग से पता चलता है कि 450 और 250 ईसा पूर्व में मिस्र की इबिस ममियों का विश्लेषण किया गया है (Animal Mummies in Egypt).
प्राचीन मिस्र की ममियों के अलावा उत्तरी अमेरिका में फॉलन, नेवादा की स्पिरिट केव ममियां 9,400 वर्ष से अधिक पुरानी हैं. इस खोज से पहले, सबसे पुरानी ममी एक बच्चा था, जो चिली की कैमरोन्स घाटी में पाई जाने वाली चिंचोरो ममियों में से एक थी. यह लगभग 5050 ईसा पूर्व की है. सबसे पुरानी प्राकृतिक रूप से ममीकृत मानव लाश 6,000 साल पुरानी एक कटे हुए सिर की है. यह 1936 ईस्वी में दक्षिण अमेरिका के इंका क्यूवा नंबर 4 नाम के साइट पर पाई गई थी (Oldest Human Mummy).
एक नई रिसर्च में पता चला है कि चीन और Southeast Asia में ममी बनाने की परंपरा Egypt से भी हजारों साल पहले मौजूद थी रिसर्च में पाया गया है कि यहां लोग dead bodies को जलाते नहीं थे बल्कि धुएं में सुखाकर यानि smokedrying करके protect करते थे
दुनिया की सबसे पुरानी ममियां, जो 10,000 साल पुरानी हैं, चीन और दक्षिण-पूर्व एशिया में मिलीं. स्टडी से पता चला कि हंटर-गेदरर लोग मृतकों को धुएं से सुखाकर ममी बनाते थे. कंकालों को टाइट फीटल पोजीशन में बांधकर आग पर सुखाया जाता था. यह प्रथा धार्मिक महत्व रखती थी. आज भी कुछ जनजातियां इसे करती हैं.
मिस्र में 3000 साल पुरानी मगरमच्छ की एक ममी मिली. ये मगरगमच्छ कैसे मरा और मरने से पहले इसने क्या खाया था? ये पता करने के लिए वैज्ञानिकों ने इस ममी का सीटी स्कैन किया. स्कैन में जो सामने आया वो जानकर वो हैरान रह गए. इस मगरमच्छ को सोबेक देवता के लिए चढ़ावे के तौर पर मारा गया था.
पिछले साल पेरू में दिखाए गए दो Alien Mummies खूब चर्चा में रहे. जांच के बाद पता चला कि वो हड्डियों से बनी प्राचीन गुड़िया हैं. उनका किसी भी एलियन सभ्यता से लेना-देना नहीं है. यह खुलासा वैज्ञानिकों ने जांच करने के बाद किया.
मिस्र में खोजकर्ताओं ने दो हजार भेड़ों को सिर को खोजा है. मिस्र के राजा फिरौन रामसेस द्वितीय के मंदिर में भेड़ों के सिर के अलावा कुत्तों, बकरियों आदि जानवरों के सिर भी मिले हैं. खोजकर्ताओं का कहना है कि मिस्र के राजा को जानवरों के सिर की बलि दी जाती थी.
मिस्र में सोने की परत में लिपटी एक ममी ने प्राचीन मिस्र के कई राज खोले हैं. प्राचीन मिस्र के लोगों का मानना था कि सोना देवताओं का रंग है. इसलिए वो शवों को ममी बनाने के लिए सोने की पत्तियों से ढकते थे ताकि अगले जन्म में मृतक दैवीय गुणों से युक्त हो.
इजिप्ट के पिरामिड्स और ममी में वैज्ञानिकों के साथ आम लोगों की भी दिलचस्पी रही. इनपर दशकों से रिसर्च चल रही है. इसी कड़ी में ब्रिटिश इजिप्टोलॉजिस्ट निकोलस रीवस ने दावा किया है कि तूतेनखामेन की कब्र के पीछे एक सीक्रेट दरवाजा है, जिसतक पहुंच सकें तो रहस्यों की दूसरी दुनिया खुलेगी. वे यह दावा पहले भी कर चुके, लेकिन पुरातत्वविद् इसपर हाथ डालने से कतराते हैं.
प्राचीन मिस्र में शवों को सुरक्षित रखने के लिए जिन रसायनों का इस्तेमाल होता था, उससे जुड़ी कई रोचक जानकारी सामने आई है. एक नए अध्ययन में पता चला है कि ममीकरण के लिए इस्तेमाल रसायनों को दूर देशों से लाया जाता था. मिस्रवासी इसके लिए एक व्यापार मार्ग का इस्तेमाल करते थे जो भारत से भी होकर गुजरता था.
मिस्र की राजधानी काहिरा के पास 4300 साल पुरानी संरक्षित ममी की खोज की गई है. यह मिस्र में मिली अब तक कि सबसे पुरानी ममी हो सकती है.
मिस्र की ममियां हमेशा से ही लोगों के लिए कौतुहल का विषय रही हैं. अब इन ममियों के बारे में एक अनोखी बात पता चली है. पुरातत्वविदों को कई ऐसी ममी मिली हैं जिनमें सोने से बनी जीभ मिली हैं. जिस जगह जीभ होनी चाहिए, वहां सोने की जीभ मिलना शोधकर्ताओं के लिए पहेली बन गया है.
ऑस्ट्रिया के पुराने कुलीन परिवार के बच्चे की एक ममी से 16वीं और 17वीं शताब्दी की खास जानकारी मिलती है. वैज्ञानिकों ने सबसे पहले इस बच्चे की मौत का पता लगाया. ऑटोप्सी से पता चलता है कि यह बच्चा अच्छे परिवार से था, फिर भी कुपोषित था. बच्चे की मौत धूप की कमी से हुई थी.
हाल ही में वैज्ञानिकों को एक गर्भवती ममी के बारे में पता लगा था. अब वैज्ञानिकों ने इस ममी की मौत का कारण खोज लिया है. मौत की वजह जानकर वैज्ञानिक हैरान रह गए हैं.
इस बात पर शायद किसी को यकीन न हो, लेकिन ये सच है कि एक समय, लोग ये मानते थे कि नरभक्षण उनकी सेहत के लिए अच्छा है. और इसलिए उन्होंने ममी खाना शुरू कर दिया था. लेकिन ममी ही क्यों...आइए जानते हैं.
गीज़ा के पिरामिड के दक्षिण में स्थित सक्कारा में पुरातत्वविद खुदाई कर रहे थे. इस खुदाई में 250 ताबूत, 150 कांसे की मूर्तियां और अन्य वस्तुएं मिली हैं.