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मुल्तान

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मुल्तान (Multan), जिसे "संतों का शहर" (City of Saints) के नाम से जाना जाता है, पाकिस्तान (Pakistan) के पंजाब प्रांत का एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध नगर है. यह शहर सिंधु घाटी की सभ्यता से जुड़ी अपनी पुरातात्विक विरासत, सूफी परंपरा और व्यापारिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है.

मुल्तान का इतिहास 5000 साल से भी पुराना माना जाता है. प्राचीनकाल में इसे "मूलस्थान" कहा जाता था, जो सूर्य देवता के एक प्रमुख मंदिर के कारण प्रसिद्ध था. यह शहर कई बार विदेशी आक्रमणकारियों द्वारा लूटा गया, सिकंदर, मुहम्मद बिन कासिम और तैमूर जैसे आक्रमणकारियों ने इसे जीता और इसके इतिहास को प्रभावित किया.

मुल्तान मध्यकाल में इस्लामी संस्कृति का प्रमुख केंद्र बना और सूफी संतों का प्रमुख ठिकाना रहा. यह शहर बाबा फरीद, बहाउद्दीन जकारिया और शाह रुक़्न-ए-आलम जैसे सूफी संतों की समाधियों के लिए जाना जाता है.

मुल्तान पंजाब के दक्षिणी भाग में स्थित है, और यह चिनाब नदी के तट पर बसा हुआ है. इसकी जलवायु गर्म और शुष्क है, जो कपास और आम जैसी फसलों के लिए अनुकूल मानी जाती है.

यह शहर पाकिस्तान के प्रमुख औद्योगिक और कृषि केंद्रों में से एक है. कपड़ा, चीनी, सीमेंट और उर्वरक जैसे उद्योग यहां विकसित हैं. मुल्तान अपने उच्च गुणवत्ता वाले आमों और हस्तशिल्प उत्पादों जैसे मलमल, मिट्टी के बर्तन और रंग-बिरंगे कढ़ाईदार वस्त्रों के लिए प्रसिद्ध है.

मुल्तान सूफी संस्कृति का गढ़ माना जाता है. यहां कई प्रमुख दरगाहें हैं जो हर साल लाखों श्रद्धालुओं को आकर्षित करती हैं. बहाउद्दीन जकारिया की दरगाह और शाह रुक़्न-ए-आलम का मकबरा इसकी धार्मिक पहचान को मजबूत करते हैं.

इसके अतिरिक्त, यह शहर अपनी पारंपरिक संगीत, हस्तशिल्प और स्वादिष्ट व्यंजनों, खासकर सोजी हलवा, मुल्तानी कोफ्ते और पख्तूनी कबाब के लिए भी जाना जाता है.

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