बिहार की महिलाओं को 26 सितंबर 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीएम नीतीश कुमार मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के अंतर्गत उनके खाते में पैसा भेजा जाएगा (Mukhyamantri Mahila Rojgar Yojana).
बिहार समेत कई राज्यों में महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना चलाई जा रही है. इस योजना के तहत महिलाओं को उनके बैंक खाते में सीधे आर्थिक मदद भेजी जाती है. इस कदम का उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनाना और उन्हें स्वरोजगार के अवसर देना है.
मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना का मुख्य उद्देश्य है-
महिलाओं को आर्थिक सहायता प्रदान करना ताकि वे स्वयं का व्यवसाय या स्वरोजगार शुरू कर सकें.
परिवार की आर्थिक स्थिति मजबूत करना.
महिलाओं को समाज में आत्मनिर्भर बनाना और रोजगार सृजन में मदद करना.
आवेदन प्रक्रिया
इच्छुक महिलाएं महिला एवं बाल विकास विभाग या जन सेवा केंद्र (CSC) के माध्यम से आवेदन कर सकती हैं. आवश्यक दस्तावेजों में आधार कार्ड, बैंक खाता विवरण, निवास प्रमाण पत्र और आय प्रमाण पत्र होना जरूरी है.
बिहार विधानसभा चुनाव में इस बार महिलाओं ने मतदान के नए रिकॉर्ड बना दिए. पुरुषों की तुलना में ज्यादा महिलाओं ने वोट डालकर न सिर्फ अपनी राजनीतिक जागरूकता दिखाई बल्कि ये संकेत भी दिया कि अब बिहार की सत्ता का रास्ता महिलाओं की मर्जी से होकर गुजरता है.जानिए- इस रिकॉर्ड वोटिंग के पीछे क्या वजहें रहीं.
बिहार चुनाव से पहले भोजपुरी एक्टर पवन सिंह और उनकी पत्नी ज्योति सिंह का झगड़ा नए रूप में सामने आया है. जिस तरह ज्योति सिंह ने पवन सिंह को कठघरे में खड़ा किया है, वो न तो उनके लिए ठीक है, न ही बीजेपी के लिए. ज्योति सिंह ने महिलाओं की सहानुभूति बटोर ली तो बीजेपी को भी लेने के देने पड़ सकते हैं.
बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले सीएम नीतीश मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के तहत और 21 लाख महिला लाभार्थियों के बैंक खाते में 10-10 हजार रुपये ट्रांसफर करेंगे. 1 करोड़ महिलाओं को पहले ही इस योजना के तहत 10 हजार रुपये की पहली किस्त मिल चुकी है.
'हल्ला बोल' कार्यक्रम में बिहार में वोट चोरी के आरोपों और 47 लाख मतदाताओं के नाम हटाने के मुद्दे पर केंद्रित रही. एक पक्ष ने चुनाव आयोग की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हुए सीसीटीवी फुटेज और वोटिंग रिकॉर्ड जारी करने की मांग की. वहीं, दूसरे पक्ष ने बिहार के विकास दर को 14% बताते हुए राज्य को बीमारू श्रेणी से बाहर निकालने का दावा किया गया.
बिहार में आगामी चुनाव से पहले मुख्यमंत्री रोजगार योजना के तहत महिलाओं को दिए गए ₹10,000 पर राजनीतिक दलों के बीच तीखी बहस छिड़ गई है. सत्ता पक्ष का कहना है कि यह राशि महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और रोजगार शुरू करने में मदद करेगी, वहीं, विपक्षी दल ने इस योजना पर सवाल उठाते हुए कहा है कि यह ₹10,000 अनुदान नहीं बल्कि कर्ज है, जिस पर महिलाओं को ब्याज भी देना होगा.
बिहार में 75 लाख महिलाओं को रोजगार के लिए 10,000 रुपये देने की योजना पर राजनीतिक बहस छिड़ गई है. लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रवक्ता ने इसे महिलाओं के लिए 'आभार योजना' बताया, जो उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक कदम है. वहीं, जन सुराज के प्रवक्ता ने इसे चुनाव से ठीक पहले दी जाने वाली 'रिश्वत' और 'रेवड़ी' करार दिया.
आज तक के शो 'बहस बाजीगर' में सीएम महिला रोजगार योजना पर बिहार चुनाव में इसके असर को लेकर सवाल पूछा गया. नतीजों में 49% लोगों ने 'नहीं' का विकल्प चुना, 33% ने 'हाँ' कहा और 18% 'कह नहीं सकते' की श्रेणी में रहे.
चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार में 'मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना' की शुरुआत की है, जिसके तहत 75 लाख महिलाओं यानी करीब 22 फीसदी महिला वोटरों के खाते में 10-10 हजार रुपये भेजे गए हैं. मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में बीजेपी को मिली कामयाबी के हिसाब से इसे गेम चेंजर माना जा रहा है - क्या ये चुनावी जीत की गारंटी है?
बिहार में मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना को आज पीएम मोदी ने लॉन्च किया. योजना के तहत महिलाओं को ₹10,000 की राशि मिल रही है, जिससे वे रोजगार शुरू करेंगी. महिलाओं ने पीएम से बातचीत में बताया कि पहले उन्हें घर से निकलने पर विरोध का सामना करना पड़ता था, लेकिन अब परिवार खुश है. देखिए.