महाराज सुहेलदेव (Maharaja Suhaldev) भारतीय इतिहास के एक महान योद्धा और राष्ट्ररक्षक थे, जिनका नाम शौर्य, पराक्रम और देशभक्ति के लिए जाना जाता है. उन्होंने 11वीं शताब्दी में भारत पर आक्रमण करने वाले ग़ज़नवी सेनापति सैय्यद सालार मसूद के विरुद्ध संघर्ष किया और उसे पराजित किया.
महाराज सुहेलदेव का जन्म उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती क्षेत्र में हुआ था वे पासी राजवंश के वीर राजा थे, जिन्होंने अपने शासनकाल में उत्तर भारत की रक्षा के लिए कई महत्वपूर्ण युद्ध लड़े. उनके शासनकाल का प्रमुख केंद्र वर्तमान उत्तर प्रदेश और उसके आसपास के क्षेत्र थे.
1031 ईस्वी में महमूद गजनवी के भतीजे सैय्यद सालार मसूद ने भारत पर आक्रमण किया और कई क्षेत्रों में तबाही मचाई. जब वह उत्तर प्रदेश के बहराइच क्षेत्र तक पहुंचा, तब महाराज सुहेलदेव ने विभिन्न राजाओं और सेनाओं को संगठित कर उसके खिलाफ संघर्ष छेड़ा.
1034 ईस्वी में बहराइच के पास हुए भीषण युद्ध में महाराज सुहेलदेव ने अपनी वीरता और रणनीति से सालार मसूद की सेना को परास्त कर दिया. इस युद्ध में सालार मसूद मारा गया और विदेशी आक्रमणकारियों को भारी नुकसान उठाना पड़ा.
महाराज सुहेलदेव भारतीय संस्कृति और इतिहास में राष्ट्ररक्षा के प्रतीक माने जाते हैं. उन्होंने न केवल विदेशी आक्रमणकारियों को हराया, बल्कि भारतीय गौरव और स्वाभिमान की रक्षा भी की.
वर्तमान समय में उत्तर प्रदेश सरकार और भारत सरकार ने महाराज सुहेलदेव की स्मृति को बनाए रखने के लिए विभिन्न योजनाएं शुरू की हैं. बहराइच में उनकी प्रतिमा की स्थापना और उनके नाम पर योजनाओं का क्रियान्वयन किया गया.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बहराइच में महाराजा सुहेलदेव स्मारक का लोकार्पण करेंगे. सीएम जिस शौर्य मेले में शामिल होने जा रहे हैं, उसका इतिहास क्या है?
प्रयागराज के बहारिया इलाके में गाजी मिया की दरगाह पर महाराज सुहेलदेव सम्मान सुरक्षा मंच के कार्यकर्ताओं ने भगवा झंडा लहराया और जय श्री राम के नारे लगाए. संगठन का दावा है कि यह स्थान मंदिर का हिस्सा है, न कि दरगाह. पुलिस ने इसे कानून व्यवस्था का मामला माना है. देखें.
संभल और बहराइच में आयोजित होने वाला नेजा मेला और जेठ मेला दोनों ही सालार मसूद से जुड़े हैं, लेकिन हाल के समय में इन पर ऐतिहासिक और धार्मिक आधार पर सवाल उठाए गए हैं. जहां एक पक्ष इन्हें सूफी परंपरा का हिस्सा मानता है, वहीं दूसरा पक्ष इन्हें विदेशी आक्रमण से जोड़ता है.