महाराष्ट्र जिला परिषद और बीएमसी जैसे नगर निगम चुनाव से पहले मनसे प्रमुख राज ठाकरे की सियासी टेंशन बढ़ गई है. 2008 के हिंसा मामले में राज ठाकरे के खिलाफ आरोप तय हो गया है. राज ठाकरे गुरुवार को ठाणे जिला अदालत में पेश हुए और उन्होंने खुद को बेकसूर बताया. हालांकि, राज ठाकरे और उनके समर्थकों पर चार्ज फ्रेम होने के चलते अब उन्हें कोर्ट के चक्कर लगाने पड़ेंगे.
वह ठाणे की जिला न्यायिक मजिस्ट्रेट ए.वी. कुलकर्णी के सामने पेश हुए. इस दौरान उनके समर्थक भी बड़ी संख्या में जुट गए थे. राज ठाकरे ने मजिस्ट्रेट के सामने खुद को 2008 हिंसा मामले में निर्दोष बताया. जब मजिस्ट्रेट ने उनसे पूछा कि क्या वह तय आरोप को स्वीकार करते हैं, तो राज ठाकरे ने कहा कि नहीं. इस तरह उन्होंने आरोप स्वीकार नहीं किए हैं. इसके बाद कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 16 दिसंबर की तारीख तय की है.
राज ठाकरे की किस मामले में बढ़ी मुश्किल?
बात साल 2008 की है. रेलवे बोर्ड की परीक्षा का सेंटर महाराष्ट्र में पड़ा था. बिहार और उत्तर प्रदेश के तमाम अभ्यर्थी रेलवे भर्ती बोर्ड की परीक्षा देने पहुंचे थे. राज ठाकरे की पार्टी के कार्यकर्ताओं ने उत्तर प्रदेश और बिहार के आए हुए अभ्यर्थियों को निशाना बनाया था. इस दौरान काफी हिंसा हुई थी. मनसे कार्यकर्ताओं ने पुलिस और उत्तर भारतीयों के साथ मारपीट की थी.
उत्तर भारतीय और पुलिस के साथ मारपीट के मामले में राज ठाकरे और मनसे कार्यकर्ताओं के खिलाफ कुल 54 मामले दर्ज किए गए थे. इसके बाद उस समय राज ठाकरे को एक लाख रुपये के मुचलके पर रिहा कर दिया गया था.
बॉम्बे हाईकोर्ट के निर्देश के बाद राज ठाकरे ने जून 2009 में अपनी अग्रिम जमानत रद्द होने के बाद अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया था. हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया था कि उनकी हिरासत में पूछताछ अनावश्यक थी, लेकिन सरकार के इस तर्क को स्वीकार किया कि निचली अदालत द्वारा दी गई अग्रिम जमानत निरर्थक हो गई थी.
राज ठाकरे को लगाने पड़ेंगे कोर्ट के चक्कर
2008 हिंसा करने के मामले में अदालत ने राज ठाकरे और उनकी पार्टी के 8 कार्यकर्ताओं के खिलाफ आरोप तय कर दिया है, इसके बाद अब उन्हें कोर्ट के चक्कर लगाने होंगे. राज ठाकरे के वकील राजेंद्र शिरोडकर ने कहा कि कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 16 दिसंबर को रखी है, जिसमें राज ठाकरे हाजिर होंगे. उन्होंने कहा कि जब भी उन्हें कहा जाएगा, राज ठाकरे कोर्ट कार्रवाई में शामिल होंगे. इस तरह से साफ है कि राज ठाकरे को हर तारीख पर कोर्ट आना होगा.
बीएमसी चुनाव के बीच बढ़ीं मुश्किलें
महाराष्ट्र में जिला परिषद और नगर निगम चुनाव की सियासी तपिश के बीच राज ठाकरे की मुश्किलें बढ़ गई हैं. राज ठाकरे की ठाणे कोर्ट में पेशी ऐसे वक्त पर हुई जब उनकी पार्टी मनसे उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) के साथ मिलकर चुनाव लड़ने की दिशा में आगे बढ़ रही है. माना जा रहा है कि बीएमसी चुनाव में राज और उद्धव मिलकर लड़ने का फैसला कर सकते हैं. ऐसे में राज ठाकरे पर आरोप तय हो जाने से उन्हें कोर्ट के चक्कर लगाने पड़ेंगे.