ल्यारी (Lyari) कराची, पाकिस्तान (Pakistan) में एक ऐतिहासिक इलाका है. यह कराची का सबसे घनी आबादी वाला हिस्सा है, और इसके सबसे शुरुआती बसे हुए इलाकों में से एक है. 2025 की हिंदी जासूसी एक्शन थ्रिलर फिल्म 'धुरंधर' (Dhurandhar) ल्यारी के इलाकों पर आधारित है और कहानी इसके आस-पास के कई इलाकों के इर्द-गिर्द घूमती है.
बात करें इसके इतिहास की तो कहा जाता है कि ल्यारी कराची के सबसे पुराने बसे हुए इलाकों में से एक है, और इसके निवासी इसे "कराची की मां" कहते हैं. यह भी कहा जाता है कि इसका नाम सिंधी शब्द ल्यार से लिया गया है - एक ऐसा पेड़ जो नदी के किनारे उगता है.
ल्यारी के पहले निवासी सिंधी मछुआरे और बलूच खानाबदोश थे. पहली बार 1725 में सिंधी बनिया (वानिया) आए और इसे बढ़ाया. इसके बाद 1729 में कराची को औपचारिक रूप से बसाया गया. 1770 और 1795 में बलूच प्रवासियों की और लहरें आईं. ब्रिटिश शासन के तहत कराची के विकसित होने के बाद, बलूच प्रवासियों की बड़ी लहरें ईरानी बलूचिस्तान से ल्यारी में बस गईं.
वर्ष 1886 के आंकड़ों के अनुसार ल्यारी की आबादी लगभग 24,600 थी. उस समय यह इलाका कराची का बहुसंख्यक मुस्लिम क्षेत्र माना जाता था, जबकि दिलचस्प बात यह है कि उसी दौर में कराची की कुल जनसंख्या में हिंदू समुदाय बहुसंख्यक था,
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