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खाप पंचायत

खाप पंचायत

खाप पंचायत

खाप एक सामुदायिक संगठन है जो उत्तर भारतीय कुलों के एक समूह का प्रतिनिधित्व करता है. वे ज्यादातर उत्तरी भारत के हरियाणा और उत्तर प्रदेश के जाट लोगों का एक ग्रुप है, जो पंचायत की तरह काम करती है (Khap Panchayat). हालांकि भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने खाप पंचायतों को अवैध घोषित कर चुका है (Supreme Court on Khap Panchayat).  

खाप, निर्वाचित सरकारी निकायों या विधानसभाओं से संबद्ध नहीं हैं फिर भी पंचायत कहलाती है. एक खाप पंचायत के पास कोई आधिकारिक सरकारी मान्यता या अधिकार नहीं है, लेकिन वह अपने समुदाय का प्रतिनिधित्व करती है. खाप पंचायत अपने रूढ़िवादी सोच को आगे बढ़ाते हुए ही समाज से जुड़े फैसले लेती है. वे अर्ध-न्यायिक निकायों के रूप में उभरे हैं जो सदियों पुराने रीति-रिवाजों और परंपराओं के आधार पर कठोर दंड देते हैं, जो अक्सर आधुनिकता के खिलाफ रही है (Khap Panchayat in UP and Haryana).

2011 तक महेन्द्र सिंह टिकैत के नेतृत्व वाली जाटों की बलियान खाप काफी चर्चा में रही थी. हरियाणा में एक दलित लड़की ने चार युवकों द्वारा कथित रूप से गैंगरेप किए जाने के बाद आत्महत्या कर ली थी. खाप ने इस घटना की निंदा करने के बजाय कहा कि लड़कियों की जल्दी शादी कर देनी चाहिए ताकि बलात्कार से बचा जा सके (Khap Panchayat Controversial comment on Rape). खाप के पास इस बारे में कहने के लिए कुछ नहीं था कि वह बलात्कारियों को कैसे अनुशासित करेगी. इसी तरह, उत्तर प्रदेश में, राज्य के पश्चिमी हिस्सों में खाप पंचायतों ने महिलाओं के मोबाइल फोन रखने या इस्तेमाल करने या जींस या अन्य पश्चिमी पोशाक पहनने के खिलाफ फैसला सुनाया था (Khap Panchayat Controversial comment on Girl Jeans). 

खाप पंचायतों के इस तरह के फैसले को लेकर काफी आलोचना हुई थी. अखिल भारतीय लोकतांत्रिक महिला संघ ने कुछ ऐसे मामलों की सूचना भी दी थी, जिसमें खापों पर आरोप लगाया गया था कि उन्होंने अपने मंडली और समुदाय के बाहर शादी करने वाले जोड़ों को हत्या और हिंसा की धमकी दी गई थी. हालांकि सर्वोच्च न्यायालय ने खाप पंचायतों को अवैध घोषित कर दिया है (SC Declared Khap Panchayat Illegal).

 

 

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