सनातन धर्म में हर एकादशी का विशेष महत्व है. एकादशी व्रत के मुख्य देवता भगवान विष्णु, कृष्ण या उनके अवतार होते हैं जिनकी पूजा इस दिन की जाती है. चैत्र मास में एकादशी उपवास का विशेष महत्व है जिससे मन और शरीर दोनों ही संतुलित रहते हैं. इनमें से एक है कामदा एकादशी (Kamda Ekadashi).
कहते हैं इस दिन का व्रत करने से व्यक्ति के दुख और कष्ट सभी दूर हो जाते हैं. इसके साथ ही कामदा एकादशी का व्रत और पूजन करने से भगवान विष्णु व्यक्ति के जीवन की सभी अधूरी मनोकामनाएं पूरी करते हैं. यही वजह है कि इस एकादशी का एक नाम फलदा एकादशी भी है. कामदा एकादशी का व्रत शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि के दिन रखा जाता है (Kamda Ekadashi Vrat).
Kamada Ekadashi 2025: हर वर्ष चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को कामदा एकादशी का व्रत मनाया जाता है. यह व्रत पुण्य फल देने वाला और सभी पापों से मुक्ति दिलाने वाला माना जाता है.
Kamada Ekadashi 2025: हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को कामदा एकादशी का व्रत रखा जाता है. कामदा एकादशी को 'चैत्र शुल्का एकादशी' के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि यह चैत्र नवरात्र के बाद आती है.
kamada Ekadashi 2024: इस बार कामदा एकादशी 19 अप्रैल यानी आज है. कामदा एकादशी के दिन भगवान विष्णु की उपासना की जाती है. इस दिन व्रत करने से हर तरह के दुख और कष्टों से मुक्ति मिलती है. मान्यता है कि इस दिन व्रत-पूजन करने से विष्णु भगवान अधूरी मनोकामनाएं पूरी करते है. इसलिए इसे फलदा एकादशी भी कहा जाता है. ऐसा कहा जाता है कि कामदा एकादशी की व्रत कथा सुनने से सभी इच्छाएं पूरी होती हैं.
Kamada Ekadashi 2024: एकादशी माह में दो बार आती है. एक शुक्ल एकादशी और दूसरी कृष्ण एकादशी. एकादशी व्रत के मुख्य देवता भगवान विष्णु, कृष्ण या उनके अवतार होते हैं. एकादशी के दिन इन्हीं की पूजा होती है. चैत्र मास में एकादशी उपवास का विशेष महत्व है.