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जोरहाट

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जोरहाट

जोरहाट (Jorhat) असम राज्य का एक प्रमुख शहर और सांस्कृतिक केंद्र है, जिसे अक्सर “असम की सांस्कृतिक राजधानी” कहा जाता है. यह शहर ब्रह्मपुत्र नदी के दक्षिणी तट के पास स्थित है और ऐतिहासिक, साहित्यिक तथा शैक्षिक दृष्टि से असम में विशेष स्थान रखता है. जोरहाट का नाम दो शब्दों से मिलकर बना है ‘जोर’ (दो) और ‘हाट’ (बाजार), क्योंकि पुराने समय में यहां दो प्रमुख बाजार हुआ करते थे.

जोरहाट का इतिहास अहोम राजवंश से गहराई से जुड़ा हुआ है. अहोम काल में यह क्षेत्र प्रशासनिक और सांस्कृतिक गतिविधियों का केंद्र रहा. पास में स्थित माजुली द्वीप, जो दुनिया का सबसे बड़ा नदी द्वीप माना जाता है, जोरहाट की पहचान को और भी खास बनाता है. माजुली असम की वैष्णव संस्कृति और सत्र परंपरा का प्रमुख केंद्र है.

यह शहर शिक्षा के क्षेत्र में भी अग्रणी है. असम कृषि विश्वविद्यालय (Assam Agricultural University) और जोरहाट इंजीनियरिंग कॉलेज जैसे प्रतिष्ठित संस्थान यहां स्थित हैं. इसके अलावा, जोरहाट को असमिया साहित्य और रंगमंच का गढ़ माना जाता है. प्रसिद्ध सांस्कृतिक संस्था असम साहित्य सभा का मुख्यालय भी यहीं है.

जोरहाट की अर्थव्यवस्था में चाय उद्योग की महत्वपूर्ण भूमिका है. शहर के आसपास फैले चाय बागान न केवल रोजगार प्रदान करते हैं, बल्कि असम की पहचान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करते हैं. जोरहाट को असम के चाय अनुसंधान का केंद्र भी कहा जाता है.

पर्यटन की दृष्टि से जोरहाट में टोकलाई टी रिसर्च सेंटर, राजमाओ पुखुरी, गिबन वाइल्डलाइफ सैंक्चुअरी और माजुली जाने के लिए फेरी घाट प्रमुख आकर्षण हैं. यहां का मौसम सामान्यतः आर्द्र उपोष्णकटिबंधीय है, जहां भरपूर वर्षा होती है.

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