हाइड्रोजन कार
हाइड्रोजन कार (Hydrogen Car) एक प्रकार का वैकल्पिक ईंधन वाहन है जो हाइड्रोजन ईंधन का उपयोग करता है. हाइड्रोजन की रासायनिक ऊर्जा को यांत्रिक ऊर्जा में बदल कर इस्तेमाल किया जाता है.
2021 तक कुछ बाजारों में सार्वजनिक रूप से उपलब्ध हाइड्रोजन कारों के दो मॉडल हैं- Toyota Mirai (2014) और Hyundai Nexo (2018) (Hydrogen Car Models). भारत और जापान ने साझेदारी कर देश की सबसे मूल्यवान कंपनी ने लिथियम बैटरी निर्माता की संपत्ति खरीदी और जहां हाइड्रोजन कारों का निर्माण होगा. 15 मार्च को भारत के केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी (Union Road Transport Minister Nitin Gadkari) ने एक हाइड्रोजन कार को प्रमोट ककरने के लिए हाइड्रोजन कार, टोयोटा मिराई में संसद पहुंचे.
सरकार ने हाइड्रोजन को बढ़ावा देने के लिए 4 जनवरी 2023 को राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन की शुरुआत की थी. इस मिशन के लिए सरकार ने 19,744 करोड़ रुपये का बजट रखा है, जो वित्त वर्ष 2029-30 तक खर्च किया जाएगा. इस योजना का मकसद है कि भारत ऊर्जा के मामले में आत्मनिर्भर बने और हाइड्रोजन तकनीक में दुनिया में आगे रहे.
भारत में पहली बार टाटा मोटर्स ने हाइड्रोजन से चलने वाले भारी ट्रकों का ट्रायल शुरू किया है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और प्रह्लाद जोशी ने इस पहल को हरी झंडी दी। 16 ट्रकों की यह टेस्टिंग 18 से 24 महीने तक चलेगी और इससे ग्रीन हाइड्रोजन के भविष्य और लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में इसके उपयोग की संभावनाओं का आकलन किया जाएगा।
देश की पहली हाइड्रोजन ट्रेन का संचालन जल्द ही शुरू किया जाएगा.इसका डिजाइन लखनऊ के 'अनुसंधान, अभिकल्प एवं मानक संगठन-RDSO'(Research, Design and Standard Organisation) ने तैयार किया है.
पृथ्वी की सतह के नीचे वैज्ञानिको को हाइड्रोजन का खजाना मिला है. इसका थोड़ा हिस्सा ही पूरी धरती पर 200 साल तक बिजली सप्लाई कर सकता है. फॉसिल फ्यूल की जरूरत ही खत्म हो जाएगी. ये हाइड्रोजन पत्थरों और जमीन के नीचे स्रोतों में मौजूद है. ये धरती पर मौजूद तेल से 26 गुना ज्यादा है.