दो चंद्र चरणों में से प्रत्येक का ग्यारहवां चंद्र तिथि को एकादशी कहा जाता है (Ekadashi). वैदिक कैलेंडर महीने के अनुसार इसमें - शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष होते हैं. प्रत्येक एकादशी का समय चंद्रमा की स्थिति के अनुसार तय होता है. भारतीय कैलेंडर में पूर्णिमा से अमावस्या तक प्रगति को पंद्रह बराबर भागों में विभाजित किया गया है. प्रत्येक भाग एक चंद्र दिवस को मापता है, जिसे तिथि कहा जाता है (Ekadashi Vrat).
आमतौर पर एक कैलेंडर वर्ष में 24 एकादशी होती हैं. कभी-कभी, एक लीप वर्ष में दो अतिरिक्त एकादशी होती हैं. इस अतिरिक्त एकादशी को अपरा एकादशी कहा जाता है. भागवत पुराण में भगवान विष्णु के एक भक्त अंबरीष ने एकादशी के अवलोकन का उल्लेख किया है (Ekadashi by Ambarisha).
सनातन धर्म में एकादशी का विशेष महत्व है. एकादशी भगवान कृष्ण और विष्णु की पसंदीदा तिथि है. कृष्ण भक्त इस "उपवास" करते हैं (Ekadashi Vrat for Lord Krishna). भारत और नेपाल में एकादशी को शरीर और मन को शुद्ध करने का एक दिन माना जाता है. एकादशी का व्रत सूर्योदय से शुरू होकर अगले दिन सूर्योदय तक होती है. एकादशी करने के कुछ नियम होते जिसे अपनाते हुए इस दिन पूजा की जाए तो व्रती का पूजा सम्पन्न माना जाता है. हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, किसी भी एकादशी के दिन चावल खाना वर्जित है. ऐसा माना जाता है कि एकादशी के दिन चावल का सेवन करने वाले अगले जन्म में रेंगने वाले जीव का जन्म लेते हैं. एकादशी के दिन काले रंग के कपड़े नहीं पहनना चाहिए. कोशिश करनी चाहिए कि इस दिन पीले रंग के वस्त्र ही पहने, खासकर जो व्रत रखते हैं (Some Rules for Ekadashi Vrat).
Utpanna Ekadashi 2025: 15 नवंबर को उत्पन्ना एकादशी आने वाली है. इस तिथि को देवी एकादशी के जन्म के रूप में भी जाना जाता है. ज्योतिषविदों की सलाह है कि इस दिन तुलसी से जुड़ी कुछ गलतियां बिल्कुल नहीं करनी चाहिए.
Papankusha Ekadashi: अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को पापांकुशा एकादशी का व्रत रखा जाता है. हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का खास महत्व है. हर एकादशी तिथि को भगवान विष्णु और तुलसी माता की पूजा की जाती है.
Papankusha Ekadashi 2025: हिंदू धर्म में आश्विन माह में पड़ने वाली पापांकुशा एकादशी का खास महत्व है. इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का विधिपूर्वक पूजन किया जाता है.
Parivartini Ekadashi 2025: परिवर्तिनी एकादशी को पद्मा एकादशी या जयंती एकादशी भी कहा जाता है. अगर आप इस दिन व्रत रखते हैं, पूजा करते हैं तो आपके सारे पाप मिट जाते हैं. जो लोग इस दिन व्रत रखते हैं, उन्हें निश्चित ही मोक्ष की प्राप्ति होती है.
Parivartini Ekadashi 2025: इस बार परिवर्तिनी एकादशी पर आयुष्मान और सौभाग्य योग बनेंगे. ज्योतिष गणना के अनुसार, भगवान विष्णु के करवट बदलते ही 3 राशियों को दिवाली तक खूब लाभ होगा.
भाद्रपद माह की परिवर्तिनी एकादशी 03 सितंबर को है. इस दिन तुलसी पूजा का खास महत्व है. जानें इस दिन तुलसी पूजा के नियम और वो गलतियां जिनसे व्रत का पूर्ण फल नहीं मिलता.
Parivartini Ekadashi 2025: परिवर्तिनी एकादशी का व्रत रखकर भगवान विष्णु के वामन स्वरूप की पूजा की जाती है. इस व्रत को करने से तीनों लोकों की पूजा का फल मिलता है, इस व्रत को करने से पाप मिटते हैं और जीवन के अंत में मोक्ष की प्राप्ति होती है.
Aja Ekadashi 2025: भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष में आने वाली अजा एकादशी का व्रत अत्यंत शुभ और फलदायी माना जाता है. धर्मशास्त्रों में वर्णन है कि इस व्रत का विधिपूर्वक पालन करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है और जीवन के समस्त पापों का नाश होता है.
Aja Ekadashi 2025: भाद्रपद कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि का प्रारंभ 18 अगस्त 2025 की शाम 05 बजकर 22 मिनट पर होगा और यह 19 अगस्त को दोपहर 03 बजकर 32 मिनट पर समाप्त होगी. उदया तिथि मान्य होने के कारण अजा एकादशी व्रत 19 अगस्त 2025, मंगलवार को रखा जाएगा.
पुत्र-पुत्री की सुख-समृद्धि की कामना के लिए पुत्रदा एकादशी का व्रत रखा जाता है. यह व्रत भगवान विष्णु को समर्पित होता है. और खास उपाय करने से मां लक्ष्मी की असीम कृपा प्राप्त होती है.
Kamika Ekadashi 2025: श्रावण मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी को कामिका एकादशी कहा जाता है. यह व्रत भगवान विष्णु को समर्पित होता है. मान्यता है कि जो व्यक्ति इस दिन व्रत करता है, वह अपनी जिंदगी में आने वाली कठिनाइयों और परेशानियों से छुटकारा पाता है.
Kamika Ekadashi 2025: कमिका एकादशी का महत्तव प्राचीन हिंदू ग्रंथों में भी विशेष रूप से वर्णित है. ब्रह्मवैवर्त पुराण में भगवान श्रीकृष्ण ने स्वयं युधिष्ठिर से कहा है कि इस एकादशी का महात्म्य सुनने मात्र से ही व्यक्ति के पाप नष्ट हो जाते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है.
हरियाणा के करनाल स्थित श्री गोवर्धन नाथ जी मंदिर में श्रीकृष्ण को चढ़ाया गया 500 किलो आम का भोग. जानें क्यों है ठाकुर जी को आम प्रिय और क्या है इसके पीछे की धार्मिक कथा.
Padmini Ekadashi 2023: हिंदू धर्म में व्रत एवं त्योहार का विशेष महत्व है. हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का भी विशेष महात्म्य है. अधिक मास में आने के कारण पद्मिनी एकादशी का महात्म्य और भी ज्यादा हो जाता है. वहीं, पद्मिनी एकादशी 2023 इस बार शनिवार, 29 जुलाई यानी आज है. मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी की पूजा करने से यश और कीर्ति में वृद्धि होती है.
Padmini Ekadashi 2023 kab hai: अधिकमास या फिर मलमास के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी तिथि को कमला या पुरुषोत्तमी एकादशी कहते हैं. इसी एकादशी को पद्मिनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है. इस बार पद्मिनी एकादशी का व्रत 29 जुलाई, शनिवार को रखा जाएगा. पद्मिनी एकादशी अधिकमास की पहली और सावन की दूसरी एकादशी है.
अधिक मास या मलमास शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को पद्मिनी एकादशी कहा जाता है. इस साल पद्मिनी एकादशी 29 जुलाई को है. जानें खास दिन के 4 उपाय.
Apara Ekadashi 2023 Date: ज्येष्ठ कृष्ण एकादशी को अचला या अपरा एकादशी कहा जाता है. इसका पालन करने से व्यक्ति की गलतियों का प्रायश्चित होता है. इस व्रत के प्रभाव से व्यक्ति का नाम यश बढ़ता है. इसके प्रभाव से व्यक्ति के पितरों की आत्मा को शांति मिलती है.
Mohini Ekadashi 2023: वैशाख माह के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी तिथि को मोहिनी एकादशी कहा जाता है. धार्मिक मान्यता के अनुसार, भगवान विष्णु ने दैत्यों से अमृत की रक्षा करने के लिए मोहिनी का रूप धारण किया था. पुराणों के अनुसार, इस व्रत को विधि-विधान के साथ करने से मनुष्य मोह माया से निकल जाता है और उत्तम लोक में स्थान पाता है.
Varuthini Ekadashi 2023: हिन्दू धर्मग्रंथों के अनुसार वरुथिनी एकादशी के दिन श्रीहरि विष्णु की पूजा की जाती है. कहा जाता है कि कुरुक्षेत्र में सूर्यग्रहण के समय एक मन स्वर्णदान करने से जो फल मनुष्य को मिलता है वही फल वरुथिनी एकादशी का व्रत करने से मात्र से प्राप्त हो जाता है.
Varuthini Ekadashi 2023 Date & Time: वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी के दिन वरुथिनी एकादशी का व्रत रखा जाता है. इस व्रत को रखने से व्यक्ति को पापों से मुक्ति मिलती है. इस दिन भगवान विष्णु और श्रीकृष्ण का पूजन किया जाता है. साथ ही अन्न दान का भी विशेष महत्व माना गया है.
Kamda Ekadashi 2023: कामदा एकादशी को भगवान विष्णु का उत्तम व्रत कहा गया है. इस व्रत के प्रभाव से सभी कामनाओं की पूर्ति होती है और पापों का नाश होता है. इस एकादशी व्रत से एक दिन पूर्व यानि दशमी की दोपहर को जौ, गेहूं और मूंग आदि का एक बार भोजन करके भगवान का स्मरण करना चाहिए.