दिबांग वैली (Dibang Valley) भारत के उत्तर-पूर्वी राज्य अरुणाचल प्रदेश का एक दूरस्थ और सुंदर जिला है. यह जिला भारत का सबसे उत्तरी-पूर्वी हिस्सा है और इसकी सीमाएं चीन और म्यांमार से मिलती हैं. प्राकृतिक सुंदरता, घने जंगल, ऊंचे पर्वत और समृद्ध जैव विविधता के लिए यह क्षेत्र प्रसिद्ध है. दिबांग नदी इस जिले की प्रमुख नदी है, जिससे इस घाटी का नाम पड़ा है.
दिबांग वैली अरुणाचल प्रदेश के ऊपरी हिस्से में स्थित है और यह राज्य का सबसे कम जनसंख्या वाला जिला है. यहां का मुख्यालय अनिनी (Anini) है, जो समुद्र तल से लगभग 1,968 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. यह जिला पर्वतीय और दुर्गम इलाकों से घिरा हुआ है, जिससे यहां तक पहुंचना थोड़ा कठिन होता है.
यह क्षेत्र जैविक विविधता से भरपूर है. यहां दुर्लभ वन्यजीव जैसे मुष Deer (Mishmi Takin), लाल पांडा, हिम तेंदुआ और ब्लैक बियर पाए जाते हैं. दिबांग वन्यजीव अभयारण्य (Dibang Wildlife Sanctuary) यहां स्थित है, जो प्रकृति प्रेमियों और शोधकर्ताओं के लिए बेहद महत्वपूर्ण स्थान है.
दिबांग वैली में मुख्य रूप से मिष्मी (Mishmi) जनजाति के लोग निवास करते हैं. ये लोग अपनी परंपराओं, रीति-रिवाजों और लोककथाओं के लिए प्रसिद्ध हैं. इनकी भाषा, पोशाक, त्योहार और जीवनशैली इस क्षेत्र की सांस्कृतिक विरासत को दर्शाते हैं. मिष्मी समुदाय का "रेह" त्योहार विशेष रूप से प्रसिद्ध है.
दिबांग वैली अभी पर्यटन के लिहाज से बहुत अधिक विकसित नहीं है, लेकिन साहसिक यात्रा, ट्रेकिंग और प्राकृतिक दृश्यों के लिए यह एक बेहतरीन गंतव्य बन सकता है. यहां की शांति, प्राकृतिक सौंदर्य और सांस्कृतिक विविधता यात्रियों को आकर्षित करती है.
अरुणाचल प्रदेश के पहाड़ी सीमावर्ती इलाकों और ऊंचे इलाकों के कई कस्बों और गांवों में इस समय भारी बर्फबारी हो रही है, जिसके चलते सरकार ने राज्य में हिमस्खलन की चेतावनी जारी की है. मौसम विभाग ने इसका कारण वेस्टर्न डिस्टर्बेंस को बताया है.