पिछले लगभग तीन दशक से पत्रकारिता से जुड़े. राजनीतिक और सामाजिक विषयों पर रिपोर्टिंग और लेखन. इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय और भारतीय सिनेमा, वैश्विक राजनीति, सांस्कृतिक और मानवीय पहलुओं पर भी इनका लगातार लेखन रहा है. पाणिनि आनंद डिजिटल मीडिया विशेषज्ञ के तौर पर पहचाने जाते हैं लेकिन एक पत्रकार के तौर पर उनका भाजपा, कांग्रेस और उत्तर भारतीय राजनीति की प्रमुख राजनीतिक पार्टियों को करीब से देखने और समझने का अनुभव रहा है. भाजपा, कांग्रेस और वामपंथी दलों के अलावा सपा, बसपा जैसे कई क्षेत्रीय दल, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, दलित राजनीति, पिछड़े वर्ग से जुड़े मुद्दे, ग्रामीण भारत और आधुनिक भारतीय समाज इनके लेखन के प्रमुख विषय रहे हैं.
पाणिनि ने बतौर पत्रकार अपने सफर की शुरुआत रायबरेली और बनारस से की. इसके बाद दिल्ली कर्मक्षेत्र बन गया. यहां बीबीसी, राष्ट्रीय सहारा, आउटलुक वीकली मैगज़ीन, राज्यसभा टीवी, कैच न्यूज़ में काम करने के बाद पाणिनि बतौर संपादक आजतक डिजिटल से जुड़े. वर्ष 2023 में उन्होंने टीवी9 समूह में ग्रुप एडिटर (डिजिटल) का दायित्व संभाला. वर्ष 2025 में पाणिनि बतौर मैनेज़िंग एडिटर (डिजिटल) इंडिया टुडे-आजतक में वापस जुड़े.
पाणिनि पत्रकारिता के अलावा रंगमंच, साहित्य, कला से जुड़े रहे हैं. उन्होंने खुद भी दो समाचार पत्र संपादित किए हैं. कई डॉक्युमेंट्री फिल्में बनाई हैं. कई नाटकों का निर्देशन और अभिनय किया है. राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय की नाट्य प्रस्तुतियों में काम किया है. कविताएं लिखते हैं. रेडियो से विशेष प्रेम है और पॉडकास्ट करते रहे हैं. सांस्कृतिक विषय, जीवन शैली, पर्व परंपरा, खानपान, सामाजिक और मानविकी से जुड़े विषयों पर एक टिप्पणीकार के तौर पर जाने जाते हैं. भारतीय शास्त्रीय संगीत में इनकी प्रारंभिक शिक्षा है. इन्होंने तबला, कथक भी सीखा है.
विज्ञान में स्नातक और फिर पत्रकारिता में पोस्टग्रेजुएट करने के बाद इन्होंने हिस्ट्री ऑफ आर्ट्स और विधि की पढ़ाई भी की है. पाणिनि रायबरेली, उत्तर प्रदेश के रहनेवाले हैं.