चातुर्मास (Chaturmas) हिंदू धर्म में शयनी एकादशी (जून-जुलाई) से शुरू होकर प्रबोधिनी एकादशी (अक्टूबर-नवंबर) पर समाप्त होती है. यह चार महीनों की एक पवित्र अवधि है. साल 2024 में यह 17 जुलाई से प्रारंभ होकर 12 नवंबर तक चलेगा है. चातुर्मास में भगवान विष्णु योग निद्रा में चले जाते हैं और सृष्टि का संचालन भगवान शिव के हाथों में चला जाता है. ये चार महीने सावन, भाद्रपद, आश्विन और कार्तिक के होते हैं. इन महीनों में चार देवी-देवताओं की विशेष कृपा मिलती है.
व्रत-परंपरा और त्योहार भी सिर्फ एक खास दिन के आयोजन की तरह बीतने लगे हैं और इसके पीछे के विज्ञान को न समझ पाने के कारण हम इसके वास्तविक लाभ से अछूते रह रहे हैं. विडंबना ये है कि आजकल इन तिथियों और उनके व्रतों के पालन का भी चलन बढ़ गया है, लेकिन जिस सिद्धांत के आधार पर इन व्रत-परंपराओं को बनाया गया रहा होगा, वो सिद्धांत ही इन परंपराओं से खो चुका है.
Devshayani Ekadashi 2025: इस बार देवशयनी एकादशी का व्रत 6 जुलाई 2025, रविवार को रखा जाएगा. हिंदू पंचांग के अनुसार, आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को हर साल देवशयनी एकादशी मनाई जाती है. देवशयनी एकादशी के दिन चातुर्मास की भी शुरुआत होती है.
Chaturmas 2024 Date: चातुर्मास में सावन, भाद्रपद, अश्विन और कार्तिक माह शामिल होते हैं. चातुर्मास लगने के बाद शुभ व मांगलिक कार्य जैसे मुंडन संस्कार, विवाह, तिलक, यज्ञोपवीत जैसे 16 संस्कार बंद हो जाते हैं.
Vivah Muhurat 2024: इस बार देवशयनी एकादशी 17 जुलाई दिन बुधवार को पड़ रही है. इस दिन से भगवान विष्णु 4 महीने के लिए योग निद्रा में चले जाएंगे और तब से ही चातुर्मास की शुरुआत हो जाएगी. इसके बाद चार महीनों तक सभी मांगलिक कार्य बंद हो जाएंगे. तो आइए जानते हैं कि देवशयनी एकादशी तक कौन से खास मुहूर्त हैं.