चांदीपुर
चांदीपुर (Chandipur), ओडिशा राज्य के बालासोर जिले का एक समुद्र तट है. यह समुद्र तट बंगाल की खाड़ी के तट पर स्थित है जो बालासोर रेलवे स्टेशन से लगभग 16 किलोमीटर दूर है.
इस समुद्र तट का पानी, लहरों के साथ लगभग 5 किलोमीटर तक घट-बढ़ता रहता है. अपनी अनूठी परिस्थितियों के कारण यह समुद्र तट जैव-विविधता का घर है. इस तट पर घोड़े की नाल का केकड़ा, मछली पकड़ने के बाजार और बुद्धबलंगा नदी (बलरामगड़ी) का संगम भी देखा जा सकता है. यह एक उपयुक्त पिकनिक स्पॉट है. यहां ओडिशा पर्यटन के गेस्ट हाउस भी स्थित है (Chandipur Sea Beaches).
चांदीपुर अब्दुल कलाम द्वीप पर भारतीय सामरिक बल कमान के एकीकृत परीक्षण रेंज (Integrated Test Range, ITR) का स्थान भी है, जिसे पहले व्हीलर द्वीप के नाम से जाना जाता था. परमाणु-सक्षम पृथ्वी, अग्नि और शौर्य बैलिस्टिक मिसाइलों के साथ-साथ आकाश और बराक 8 सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों सहित ITR से कई भारतीय मिसाइलों का परीक्षण और प्रक्षेपण यहां किया गया है (Indian missiles launch in Chandipur).
चांदीपुर तक पहुंचने के लिए रेल या सड़क मार्ग से बालेश्वर तक आना होता फिर बस, ऑटो या टैक्सी द्वारा पहुंचा जा सकता है. चांदीपुर समुद्र तट, बालासोर रेलवे स्टेशन से 16 किमी दूर है (how to Reach Chandipur).
पंचलिनीगेश्वर, खिराचोरा गोपीनाथ मंदिर, चांदीपुर बीच, इमामी जगन्नाथ मंदिर और नीलगिरि जगन्नाथ मंदिर यहां के प्रमुख स्थाल हैं जो पर्यटकों को आकर्षित करते हैं (Chandipur Tourist Places).
यहां खाने में कई तरह के सीफूड मिलते हैं (Sea Food in Chandipur).
भारत 24-25 सितंबर को बंगाल की खाड़ी में एक बड़े रणनीतिक मिसाइल परीक्षण की तैयारी कर रहा है. NOTAM जारी हुआ है, जिसमें 1400 किमी से ज्यादा का नो-फ्लाई जोन बनाया गया है. यह परीक्षण अब्दुल कलाम द्वीप से होगा. संभवतः अग्नि-प्राइम मिसाइल का टेस्ट होगा, जो भारत की रक्षा ताकत को और मजबूत करेगा. DRDO क्षेत्रीय सुरक्षा चुनौतियों के लिए तैयार है.
अग्नि-5 बैलिस्टिक मिसाइल का 90 डिग्री शार्प टर्न भारत की मिसाइल तकनीक में एक क्रांतिकारी कदम है. यह न केवल चीन और पाकिस्तान के लिए मजबूत संदेश है. इसमें 4-5 वॉरहेड्स ले जाने वाला MIRV बस, स्वदेशी सेंसर और तीव्र गतिशीलता ने DRDO की तकनीकी क्षमता को दुनिया के सामने ला दिया. यह उपलब्धि भारत को वैश्विक स्तर पर एक शक्तिशाली न्यूक्लियर और मिसाइल शक्ति के रूप में स्थापित करती है.
चांदीपुर में डीआरडीओ ने आपात बैठक बुलाई है. इस बीच, मिसाइल रेंज की सुरक्षा बढ़ा दी गई है. भारत ने अपनी पूरी तैयारी का प्रदर्शन किया है, पाकिस्तान के 'नापाक इरादों' को पहले से जानकर उन्हें विफल किया और जवाबी कार्रवाई में यह दर्शाया कि 'कैसे हम घर में घुसकर मार सकते हैं और उन्हें नेस्तानाबूद भी कर सकते हैं.
DRDO ने ओडिशा का चांदीपुर से Agni-4 मिसाइल का सफल परीक्षण किया है. एक टन वजनी परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम इस इंटरमीडियट रेंज की बैलिस्टिक मिसाइल से चीन और पाकिस्तान कांपते हैं. इसकी रेंज 4000KM है. दो साल बाद फिर यह परीक्षण किया गया है.
22 अगस्त 2024 की देर शाम करीब पौने आठ बजे Prithvi-2 परमाणु बैलिस्टिक मिसाइल का नाइट यूजर ट्रायल किया गया. मकसद था रात में हमला करने की क्षमता और सटीकता की जांच करना. यह मिसाइल हर मानक पर खरी उतरी. जानिए भारत की इस घातक मिसाइल की ताकत...
DRDO ने 24 जुलाई 2024 को जिस मिसाइल का परीक्षण किया है, उससे दिल्ली और मुंबई जैसे शहरों को हवाई कवच मिल सकता है. ये ऐसी एंटी-बैलिस्टिक इंटरसेप्टर मिसाइल प्रणाली है जो किसी भी दुश्मन देश की बैलिस्टिक मिसाइलों को जमीन से कई किलोमीटर ऊपर ही खत्म कर देगी.
भारत सरकार किसी बहुत खतरनाक मिसाइल की टेस्टिंग करने जा रही है. ओडिशा के चांदीपुर इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज के आसपास 10 गांवों के 10,581 लोगों को अस्थाई तौर पर हटा दिया गया है. DRDO ने मिसाइल टेस्ट के लिए रेंज के लिए जरूरी तैयारी कर ली है. फिलहाल ये नहीं बताया गया है कि ये किस तरह की मिसाइल होगी...
DRDO ने ओडिशा के चांदीपुर स्थित आईटीआर से उन्नत बूस्टर के साथ हाई स्पीड एक्सपेंडेबल एरियल टारगेट (HEAT) ‘अभ्यास’ के लगातार छह परीक्षण सफलतापूर्वक पूरे किए. यह तेज स्पीड में उड़ने वाला टारगेट है, जिसपर सेना मिसाइल टेस्टिंग करती है.
DRDO ने देश में बने स्वदेशी S-400 एयर डिफेंस सिस्टम जैसे महाहथियार की सफल टेस्टिंग की है. इसका नाम है वेरी शॉर्ट रेंज एयर डिफेंस सिस्टम (VSHORADS). यह हथियार तेज गति से आने वाले ड्रोन, फाइटर जेट, हेलिकॉप्टर या मिसाइल को मार सकता है. खासियत इसे कहीं भी तैनात कर सकते हैं.
DRDO ने 30 जनवरी से 02 फरवरी 2024 तक चार बार बार उस विमान की टेस्टिंग की, जो मिसाइल टेस्टिंग के दौरान उनका टारगेट बनता है. यह बहुत तेजी से उड़ान भरता है, इसपर सटीक निशाना आपकी मिसाइल की क्षमता को प्रदर्शित करता है. इस बार का परीक्षण सिंगल बूस्टर की मदद से किया गया.
भारत ने एक ऐसा महाहथियार बना लिया है, जो रूस के S-400 सिस्टम की तरह ही हवाई कवच बनाएगा. दुश्मन की तरफ से तेज गति से भेजा गया फाइटर जेट, मिसाइल, ड्रोन या हेलिकॉप्टर इसकी मार से बच नहीं पाएगा. खास बात ये है कि इसे आसानी से उठाकर ले जा सकते है. हर सीमा पर तैनात कर सकते हैं.
गोल्ड को इन्वेस्टर्स सुरक्षित निवेश मानते हैं. जब लागत बढ़ जाती है या शेयर मार्केट वोलेटाइल हो जाता है, इन्वेस्टर गोल्ड खरीदने लगते हैं. इकोनॉमिक अनसर्टेन्टी की स्थिति में भी इन्वेस्टर्स की पहली पसंद सोना बन जाता है.