भारतीय व्यंजनों में अगर किसी डिश ने दुनिया भर में अपनी पहचान बनाई है तो वह है बिरयानी (Biryani). इसकी खुशबू, मसालों का अनोखा मेल और स्वाद ऐसा होता है कि एक बार खाने के बाद कोई भी इसका दीवाना हो जाता है. बिरयानी सिर्फ एक व्यंजन नहीं, बल्कि भारतीय खानपान की विरासत और संस्कृति का अहम हिस्सा है.
बिरयानी की उत्पत्ति को लेकर कई मत हैं. माना जाता है कि इसका जन्म फारस (ईरान) में हुआ और मुगलों के जरिए यह भारत आई. मुगल सल्तनत के दौरान इसे राजमहलों में खास व्यंजन के रूप में बनाया जाता था. धीरे-धीरे यह भारत के अलग-अलग हिस्सों में फैली और हर क्षेत्र ने इसे अपने अंदाज में ढाला.
भारत में बिरयानी के कई स्वाद मिलते हैं, जिनमें से हर एक का अपना अनूठा अंदाज है, इनमें हैदराबादी बिरयानी, लखनऊ (अवधी) बिरयानी, कोलकाता बिरयानी, मालाबार बिरयानी, बॉम्बे बिरयानी फेमस हैं.
बिरयानी को आमतौर पर दम पद्धति से पकाया जाता है. इसमें चावल और मसालेदार मांस/सब्जियों को परत-दर-परत जमाकर धीमी आंच पर पकाया जाता है, ताकि खुशबू और स्वाद चावल के हर दाने में बस जाए.
हालांकि बिरयानी पारंपरिक रूप से चिकन, मटन, फिश से बनाई जाती है, लेकिन आजकल वेज बिरयानी भी उतनी ही लोकप्रिय है. इसमें पनीर, मशरूम और मौसमी सब्ज़ियों का इस्तेमाल किया जाता है.
बिरयानी भारतीय त्योहारों, शादी-ब्याह और दावतों की शान होती है. चाहे मुस्लिम ईद का जश्न हो, हिंदू शादी का भोजन या फिर दोस्तों की पार्टी, बिरयानी हर जगह सबसे पहले परोसी जाती है.
बिरयानी सिर्फ खाने की डिश नहीं बल्कि एक अनुभव है. इसकी खुशबू, परतों में छुपा स्वाद और मसालों का मेल हर किसी को अपनी ओर खींच लेता है. यही कारण है कि आज बिरयानी भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में लोगों की पहली पसंद बन चुकी है.
स्विगी के डेटा के अनुसार कोरियन खाने की मांग में 17 गुना और वियतनामी खाने की मांग में 6 गुना वृद्धि हुई है. इसके साथ ही विदेशी ड्रिंक्स जैसे बोबा टी और माचा की लोकप्रियता भी बढ़ी है. ऑनलाइन फूड डिलीवरी मार्केट तेजी से बढ़ रहा है और 2024 तक इसकी वैल्यू $8.9 बिलियन तक पहुंच गई है. हालांकि, बिरयानी और डोसा जैसे पारंपरिक व्यंजन अभी भी सबसे ज्यादा ऑर्डर किए जा रहे हैं.