उत्तर प्रदेश के बहराइच में 13 अक्टूबर 2024 को शाम दुर्गा मूर्ति विसर्जन के दौरान लोगों में झड़प हो गई. बहराइच के महसी तहसील के हरदी क्षेत्र के महाराजगंज कस्बे में समुदाय विशेष के मोहल्ले से दुर्गा मूर्ति विसर्जन यात्रा निकल रही थी. खबर है कि इसी दौरान डीजे बजाने को लेकर दो समुदायों में कहासुनी हुई. कहासुनी हिंसक झड़प में बदल गई. कुछ लोगों ने छतों से पथराव शुरू कर दिया, विरोध करने पर फायरिंग कर दी, जिसमें रामगोपाल मिश्रा नामक युवक को गोली लग गई (Bahraich Violence).
घटना में करीब 15 से अधिक लोग घायल भी हो गए. घायलों को अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने रामगोपाल को मृत घोषित कर दिया.
हालात काबू करने के लिए भारी पुलिस बल बुलाना पड़ा और लाठीचार्ज करना पड़ा. एसपी वृंदा शुक्ला ने लापरवाही बरतने के आरोप में हरदी थाने के एसओ और महसी के चौकी इंचार्ज को सस्पेंड कर दिया गया है. सीएम योगी ने भी मामले का संज्ञान लिया है.
बहराइच हिंसा में मुख्य दोषी सरफराज को फांसी की सजा सुनाई गई है जबकि अन्य दोषियों को आजीवन कारावास की सजा मिली है. यह केस करीब तेरह महीने चली कानूनी लड़ाई के बाद सत्र न्यायालय में समाप्त हुआ है. दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान हुई हिंसा में एक व्यक्ति की हत्या हुई थी, जिसके बाद तीन को छूट मिली और नौ दोषियों को सजा हुई.
बहराइच सांप्रदायिक हिंसा मामले में गुरुवार को अदालत ने फैसला सुनाया है. मुख्य आरोपी सरफराज को फांसी की सजा दी गई, जबकि अन्य नौ दोषियों को आजीवन कारावास की सजा मिली. कुल 13 अभियुक्तों में तीन को संदेह का लाभ देकर बरी किया गया. 13 अक्टूबर 2024 को महराजगंज बाजार में दुर्गा विसर्जन जुलूस के दौरान राम गोपाल मिश्रा की हत्या हुई थी.
देश में सैकड़ों साल पुरानी मजारों पर तलवारें खींची हैं. हजारों साल पुराने मेलों पर त्योरियां चढ़ी हैं. राज्य दर राज्य तनाव बढ़ रहा है. शहर दर शहर टकराव की स्थिति बनती जा रही है. आखिर देश का सुकून किसके निशाने पर है? हर तरफ इतना हंगामा क्यों बरपा है? देखें ये स्पेशल शो.
पुलिस अधीक्षक वृंदा शुक्ला ने बताया कि महाराजगंज शहर में दुर्गा प्रतिमा के विसर्जन जुलूस के दौरान मिश्रा की हत्या और उसके बाद हुई हिंसा के संबंध में हरदी थाने में बीएनएस की विभिन्न धाराओं के तहत 191(2) (दंगा), 103(2) (हत्या), 61(2) (आपराधिक साजिश), 109 (हत्या का प्रयास) और आर्म्स एक्ट के तहत दो मामले दर्ज किए गए हैं.
उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में हुई हिंसा के बाद एक्शन जारी है. बीते दिन एसपी ने 29 पुलिसकर्मियों को एक्टिव ड्यूटी से हटा दिया है, इन पुलिसकर्मियों को थाना-चौकी से हटाकर पुलिस लाइन भेजा गया है.
Bahraich Violence: बहराइच एसपी ने 29 पुलिसकर्मियों को सक्रिय ड्यूटी से हटा दिया है. इन पुलिसकर्मियों को थाना-चौकी से हटाकर पुलिस लाइन भेजा गया है.
बहराइच हिंसा में मारे गए रामगोपाल मिश्रा को बाइक से लाने का वीडियो सामने आया है. इस वीडियो में रामगोपाल जीवित था. अस्पताल पहुंचने के बाद उसने दम तोड़ा. आरोप है कि यदि मौके पर मौजूद तहसीलदार ने अपना वाहन दे दिया होता तो रामगोपाल मिश्रा की जान बच सकती थी. क्योंकि, बाइक से अस्पताल ले जाने में काफी वक्त लग गया.
पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक, बहराइच हिंसा का मुख्य आरोपी अब्दुल हमीद व उसका बड़ा बेटा पिंटू उर्फ महमूद आलम 2010 में जेल जाते जाते-बचा था. तब दोनों पर जान से मार डालने की नीयत से फायरिंग करने का आरोप लगा था.
Bahraich Violence: आरोप है कि यदि मौके पर मौजूद तहसीलदार ने अपना वाहन दे दिया होता तो रामगोपाल मिश्रा की जान बच सकती थी. क्योंकि, बाइक से अस्पताल ले जाने में काफी वक्त लग गया.
त्योहार रजिस्टर को चेक किए बगैर पता ही नहीं चल सकता कि कहां-कहां कौन-कौन सी मूर्तियों की स्थापना होती है. कहां-कहां समस्याएं आती हैं और कहां क्या उपाय करने की जरूरत पड़ती है, त्योहारों से पहले किन शरारती और उपद्रवी तत्वों के खिलाफ करवाई की जानी है. इस संबंध में उत्तर प्रदेश के सभी थानों में सतर्कता बरतने की आवश्यक है.
उत्तर प्रदेश के बहराइच में हिंसा के पीछे स्थानीय पुलिस और अधिकारियों की बड़ी लापरवाही और चूक सामने आई. हरदी थाने के त्योहार रजिस्टर में 13 साल से कोई एंट्री नहीं हुई थी. मुख्यमंत्री और डी जी पी लखनऊ द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन नहीं किया गया था.
बहराइच में 13 अक्टूबर को हुई हिंसा के मामले में आजतक के पास एक्सक्लूसिव जानकारी है. हिंसा के दौरान राम गोपाल मिश्रा की गोली मारकर हत्या के मामले में बहराइच पुलिस और जिला स्तर के अधिकारियों की बड़ी लापरवाही रही. हरदी थाने के त्योहार रजिस्टर में 13 साल से कोई एंट्री नहीं हुई थी. देखें ख़बरदार.
उत्तर प्रदेश के बहराइच में हिंसा के दौरान राम गोपाल मिश्रा की हत्या का मामला सामने आया है. यह खुलासा हुआ है कि बहराइच हिंसा का कारण स्थानीय पुलिस और जिला स्तरीय अधिकारियों की लापरवाही थी. हरदी थाने में त्योहार रजिस्टर में 13 वर्ष से कोई एंट्री नहीं हुई थी. यह साफ दर्शाता है कि मुख्यमंत्री और डीजीपी द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन नहीं हुआ.
मशहूर शायर मुनव्वर राणा की बेटी सुमैया राणा को पुलिस ने बहराइच के महाराजगंज इलाके में जाने से रोक दिया है. सपा नेता हिंसा प्रभावित इलाके में पीड़ितों से मिलने जा रही थीं. इसको लेकर उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि अगर पुलिस ने उस दिन सक्रियता दिखाई होती तो हिंसा न होती.
उत्तर प्रदेश की इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने बहराइच में हुई हिंसा के मामले में प्रस्तावित बुलडोजर एक्शन को 4 नवंबर तक टाल दिया है. मामले पर सुनवाई करते हुए अदालत ने दोनों पक्षों को सुना है. देखें वीडियो.
बहराइच में हुई हिंसा के मामले में प्रस्तावित बुलडोजर एक्शन के मामले पर सुनवाई करते हुए लखनऊ बेंच ने दोनों पक्षों को सुना. कोर्ट ने दोनों पक्षों को सबूत और डॉक्यूमेंट्स पेश करने का निर्देश दिया. अब इस मामले की सुनवाई के लिए 4 नवंबर की तारीख मुकर्रर की है. साथ ही बुलडोजर एक्शन पर भी 4 नवंबर तक रोक जारी रहने का निर्देश दिया है.
योगी सरकार ने यूपी पुलिस के एनकाउंटर को लेकर नई गाइडलाइन जारी की है. इन निर्देशों के तहत एनकाउंटर के दौरान अपराधी की मृत्यु या घायल होने की स्थिति में शूटआउट स्थल की वीडियोग्राफी अनिवार्य होगी. यदि अपराधी मारा जाता है, तो दो डॉक्टरों का पैनल शव का पोस्टमॉर्टम करेगा और इसकी भी वीडियोग्राफी होगी. इसके अलावा, फॉरेंसिक टीम भी वहां निरीक्षण करेगी. ये गाइडलाइन पुलिस कार्यवाही को पारदर्शिता देने के उद्देश्य से बनाई गई हैं.
बहराइच दंगे को सफलतापूर्वक शांत कराकर भी उत्तर प्रदेश सरकार और भारतीय जनता पार्टी की फजीहत हो रही है. महसी के विधायक सुरेश्वर सिंह ने अपनी ही पार्टी के लोगों पर एफआईआर दर्ज कराकर पार्टी को कठघरे में खड़ा कर दिया है.
बहराइच में 13 अक्टूबर की हिंसा के बाद सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को आदेश दिया है कि वे बुलडोजर का उपयोग ना करें. यह आदेश अवैध निर्माण गिराने के लिए दिया गया है. जस्टिस बीआर गवई ने कहा कि यदि यूपी सरकार इन आदेशों की अवहेलना करती है, तो वह उनकी मर्जी है. देखिए VIDEO
न्यायमूर्ति गवई ने पूछा, "क्या यह मामला हाईकोर्ट में है?" और कहा, "आप इस अदालत के आदेशों से अवगत हैं. अगर वे इन आदेशों की अवहेलना का जोखिम उठाना चाहते हैं, तो यह उनका निर्णय है. सरकार की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) ने कहा, "हमने हाईकोर्ट में आश्वासन दिया है कि 15 दिनों का नोटिस 20 अक्टूबर को जारी किया गया है."
एक युवक की माला चढ़ी फोटो शेयर करते हुए कई सोशल मीडिया यूजर्स बहराइच हिंसा में 13 अक्टूबर को मारे गए रामगोपाल मिश्रा को श्रद्धांजलि दे रहे हैं. आजतक के फैक्ट चेक में जाने इस तस्वीर की सच्चाई...