अवसानेश्वर महादेव मंदिर (Awsaneshwar Mahadev Mandir) भारत के उन गिने-चुने पवित्र स्थलों में से एक है जहां भगवान शिव को "अवसानेश्वर" अर्थात मृत्यु का अंत करने वाले रूप में पूजा जाता है. बाराबंकी के हैदरगढ़ तहसील की रौनी पंचायत में गोमती नदी के किनारे स्थित यह मंदिर पांडवकालीन है. यह मंदिर धार्मिक आस्था, रहस्यमयी मान्यताओं और प्राचीन भारतीय परंपराओं का संगम है. यह मंदिर उन श्रद्धालुओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है जो मानते हैं कि यहां पूजा करने से मृतात्माओं को मोक्ष की प्राप्ति होती है.
स्थानीय मान्यताओं और ऐतिहासिक घटनाओं के अनुसार, इस प्राचीन शिव मंदिर पर मुगल शासक औरंगजेब ने हमला करवाने की कोशिश की थी, लेकिन उसे असफलता का सामना करना पड़ा. माना जाता है कि जब औरंगजेब के सैनिकों ने मंदिर के शिवलिंग को आरे से काटने का प्रयास किया, तो शिवलिंग से रक्त बहने लगा. इसी दौरान सांप, बिच्छू और अन्य विषैले जीव-जंतु अचानक प्रकट होकर सैनिकों पर टूट पड़े, जिससे उनके बीच भगदड़ मच गई और औरंगजेब को अपना अभियान छोड़कर लौटना पड़ा.
इस चमत्कारी घटना के बाद मंदिर के पुजारियों ने शिवलिंग पर हुए घाव को भरने के लिए कई वर्षों तक घी में डूबी रूई का प्रयोग किया. समय के साथ घाव भर गया, लेकिन उसका निशान आज भी शिवलिंग पर मौजूद है, जो श्रद्धालुओं की आस्था को और भी मजबूत करता है.
पुरातत्व विभाग के अनुसार, यह मंदिर करीब 450 साल पुराना है.
यह मंदिर न सिर्फ धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि इतिहास और रहस्य से भी जुड़ा हुआ है, जो हर वर्ष हजारों श्रद्धालुओं और इतिहास प्रेमियों को अपनी ओर आकर्षित करता है.
बाराबंकी जिले के हैदरगढ़ क्षेत्र स्थित प्रसिद्ध अवसानेश्वर महादेव मंदिर में करंट फैलने से भगदड़ मच गई. मंदिर में स्थित टीन शेड पर कुछ बंदर कूद गए. जिससे बिजली का तार टूट गया और टीन शेड में करंट फैल गया व लोगों में भगदड़ मच गई.
सावन के तीसरे सोमवार को बाराबंकी जिले के हैदरगढ़ इलाके में प्रसिद्ध अवसानेश्वर महादेव मंदिर में बड़ा हादसा हो गया. यहां उस समय अफरा-तफरी मच गई, जब जलाभिषेक के दौरान अचानक करंट फैलने से भगदड़ की स्थिति बन गई. हादसे में दो श्रद्धालुओं की मौत हो गई, जबकि 40 लोग घायल हो गए.