अलास्का (Alaska), जिसे “द लास्ट फ्रंटियर” कहा जाता है, अमेरिका का सबसे बड़ा और सबसे उत्तरी राज्य है. यह अपनी विशाल प्राकृतिक सुंदरता, बर्फ से ढकी पर्वत-श्रृंखलाओं, गहरे जंगलों और अनगिनत ग्लेशियरों के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध है. क्षेत्रफल के मामले में यह इतना बड़ा है कि इसमें अमेरिका के सबसे छोटे 22 राज्यों को मिलाकर भी जगह बन सकती है, लेकिन आबादी बेहद कम है, जिससे यहाँ का प्राकृतिक वातावरण लगभग अछूता है.
अलास्का का उत्तरी भाग आर्कटिक सर्कल में आता है, जबकि दक्षिणी क्षेत्र में समुद्री तट और मध्यम जलवायु मिलती है. यहां सर्दियां लंबी और अत्यधिक ठंडी होती हैं. कुछ जगहों पर तापमान -50°C तक गिर सकता है, जबकि गर्मियों में लंबे दिन और ‘मिडनाइट सन’ का अद्भुत नजारा देखने को मिलता है, जब सूरज लगभग 24 घंटे क्षितिज पर रहता है.
अलास्का में ग्रिजली भालू, मूस, कारिबू, बाल्ड ईगल, और व्हेल जैसी दुर्लभ प्रजातियां पाई जाती हैं. इसके जल क्षेत्र में सैल्मन मछली की भरपूर पैदावार होती है. यहां तेल, गैस, सोना और अन्य खनिजों का भी बड़ा भंडार है, जिसने इसे आर्थिक दृष्टि से महत्वपूर्ण बनाया है.
अलास्का में इनुइट, यूपिक और अन्य स्वदेशी समुदाय हजारों वर्षों से बसे हुए हैं. 1867 में अमेरिका ने इसे रूस से खरीदा था, और 1959 में यह 49वां राज्य बना. आज भी यहां की संस्कृति में पारंपरिक नृत्य, कला और लोककथाओं का विशेष महत्व है.
अलास्का एडवेंचर प्रेमियों के लिए स्वर्ग है. डेनाली नेशनल पार्क, केनाई फ्योर्ड्स, ग्लेशियर बे जैसे स्थलों पर हाइकिंग, कैम्पिंग, माउंटेन क्लाइम्बिंग और वाइल्डलाइफ देखने का अनुभव अनोखा होता है. क्रूज शिप यात्राएं भी लोकप्रिय हैं, जो तटीय ग्लेशियरों और बर्फीले द्वीपों के शानदार दृश्य प्रस्तुत करती हैं.
अलास्का के उटकियागविक शहर में इस साल 18 नवंबर को सूरज आखिरी बार डूबा. अब पोलर नाइट शुरू. पूरे 65 दिन तक सूरज नहीं दिखेगा, सिर्फ अंधेरा और ठंड. पृथ्वी के झुकाव की वजह से ऐसा होता है. लोग लाइट थेरेपी और उत्तरी रोशनी का मजा लेते हैं. सूरज 22 जनवरी 2026 को वापस आएगा.
12 नवंबर 2025 को सूरज के विस्फोटों से भयानक जियोमैग्नेटिक तूफान आया. अमेरिका के आसमान को हरा-लाल-बैंगनी रंगों से सजाया. NOAA ने जीपीएस, बिजली ग्रिड और सैटेलाइट्स पर खतरे की चेतावनी दी. ब्लू ओरिजिन ने लॉन्च टाला. सोलर मैक्सिमम नजदीक है. ऐसे नजारे बढ़ेंगे. चश्मदीदों ने शानदार फोटो शेयर कीं.
अलास्का के ग्लेशियर बे में अलसेक ग्लेशियर के पिघलने से प्रो नॉब नामक नया द्वीप बन गया. नासा की लैंडसैट 9 तस्वीरों से पता चला कि ग्लेशियर 2025 में पहाड़ से अलग हो गया. यह जलवायु परिवर्तन का संकेत है. ग्लेशियर के पीछे हटने से अलसेक झील बनी. यह पर्यावरण संरक्षण की जरूरत बताता है.
ट्रंप से ट्रेड तनाव के बीच भारत-अमेरिका की सेनाएं अलास्का में 'युद्ध अभ्यास 2025' कर रही हैं. 1-14 सितंबर तक चलने वाले इस अभ्यास में मद्रास रेजिमेंट के जवान अमेरिकी आर्कटिक वुल्व्स के साथ हेलिबोर्न, ड्रोन, माउंटेन वॉरफेयर की ट्रेनिंग लेंगे. यह UN मिशनों और आतंकवाद विरोधी ऑपरेशंस के लिए सहयोग बढ़ाएगा.
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच बीते दिनों हुई मुलाकात काफी अहम मानी गई. इस मुलाकात के लिए अलास्का को चुना गया था. लेकिन इस मीटिंग के बाद अमेरिका से रूस लौटते वक्त पुतिन को करोड़ों रुपये खर्च करने पड़े
राष्ट्रपति पुतिन ने पिछले सप्ताह अलास्का में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ अपनी मुलाकात के बारे में प्रधानमंत्री मोदी के साथ अपनी राय साझा की.
मेलानिया ट्रंप ने पुतिन को एक चिट्ठी लिखी थी, जिसे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अलास्का समिट के दौरान पुतिन को व्यक्तिगत रूप से सौंपा था. पुतिन ने इस पत्र को तुरंत दोनों देशों के प्रतिनिधियों के सामने खोलकर पढ़ा था.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की अलास्का में अहम बैठक हुई, जिसका मकसद रूस-यूक्रेन युद्ध के समाधान की दिशा में रास्ता तलाशना था. बैठक से पहले ट्रंप अपने साथ एक खास पत्र लेकर पहुंचे, जो फर्स्ट लेडी मेलानिया ट्रंप ने पुतिन के नाम लिखा था.
यूक्रेनी संकट को खत्म करने को लेकर अलास्का में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात के बाद रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बताया कि यूक्रेनी संकट के निष्पक्ष समाधान पर बात की. निश्चित रूप से हमको इस संकट और इसके कारणों पर बात करने का अवसर मिला. देखें दुनिया आजतक.
डोनेट्स्क रीजन 2014 से काफी हद तक रूस के नियंत्रण में है. रूस वर्तमान में यूक्रेनी क्षेत्र के लगभग 20% हिस्से पर कब्जा किए हुए है, जिसमें डोनेट्स्क प्रांत का अधिकांश हिस्सा शामिल है.
Trump-Putin की Alaska Summit एक तरह का ‘पोल्ट्री-गेस्ट’ ही साबित हुई, कोई नतीजा नहीं निकला.
ट्रंप ने कहा कि रूस ने अपने तेल का एक बड़ा ग्राहक खो दिया है, और वो था भारत. ट्रंप के मुताबिक, भारत रूस के साथ करीब 40 प्रतिशत तेल व्यापार कर रहा था. उन्होंने कहा कि अगर वे अभी सेकेंडरी सैंक्शन लगाते हैं तो यह उनके लिए बेहद विनाशकारी साबित होता.
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि भारत अलास्का समिट में हुई प्रगति की सराहना करता है. आगे का रास्ता केवल बातचीत और कूटनीति से ही निकल सकता है. दुनिया यूक्रेन में संघर्ष का शीघ्र अंत देखना चाहती है.
ट्रंप ने कहा कि पुतिन से यूक्रेन युद्ध पर बातचीत के बाद अलास्का शिखर वार्ता सफल रही और इसे उन्होंने 10 में से 10 नंबर दिए. उन्होंने कहा कि मुझे हो सकता है कि 2-3 हफ्तों में इस (प्रतिबंधों) पर सोचना पड़े, लेकिन अभी तुरंत इसकी जरूरत नहीं है.
पुतिन से मुलाकात के बाद ट्रंप ने जेलेंस्की और यूरोपीय नेताओं से भी बातचीत की. जर्मनी के पूर्व राजदूत वुल्फ़गैंग इशिंगर ने X पर लिखा कि पुतिन को ट्रंप से रेड कार्पेट ट्रीटमेंट मिला, जबकि ट्रंप को कुछ नहीं मिला. न युद्धविराम, न शांति. लिहाजा पुतिन 1-0 से आगे चल रहे हैं.
अलास्का में डोनाल्ड ट्रंप और व्लादिमीर पुतिन के बीच रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर महत्वपूर्ण बैठक हुई. इस मुलाकात में युद्धविराम पर कोई सीधा समझौता तो नहीं हुआ, लेकिन इसे रूस के लिए कूटनीतिक अलगाव से बाहर आने का एक कदम माना जा रहा है. देखें रणभूमि स्पेशल.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा लगाए गए 'वोट चोरी' के आरोपों और बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण को लेकर विपक्षी दलों के लगातार विरोध के बीच चुनाव आयोग (ECI) रविवार शाम 3 बजे नई दिल्ली स्थित नेशनल मीडिया सेंटर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगा. वहीं, यूक्रेन के राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की ने कहा कि वह रूस के साथ युद्ध खत्म करने के लिए सहयोग करने को तैयार हैं. ट्रंप से बातचीत के बाद ज़ेलेंस्की ने सोमवार को वॉशिंगटन जाने का ऐलान किया.
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि अलास्का में एक शानदार और सफल दिन रहा. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात बहुत अच्छी रही, उसी तरह देर रात यूक्रेन के राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की और कई यूरोपीय नेताओं, जिनमें नाटो महासचिव भी शामिल हैं, उनसे हुई बातचीत भी सकारात्मक रही. वहीं, ज़ेलेंस्की ने सोमवार को वॉशिंगटन जाने का ऐलान किया.
विदेश मंत्रालय ने ट्रंप और पुतिन की मुलाकात का स्वागत किया है. मंत्रालय ने कहा है कि संवाद कूटनीति से ही आगे का रास्ता निकलेगा. इस बैठक को लेकर सकारात्मकता दिखाई गई है. विशेषज्ञों के अनुसार, इस वार्ता का मुख्य उद्देश्य रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध को रोकना था, जो करीब साढ़े तीन साल से जारी है. हालांकि, ऐसा प्रतीत होता है कि बातचीत का ज़्यादा ध्यान रूस और अमेरिका के भविष्य के संबंधों पर रहा, बजाय युद्धविराम पर.
प्रेस को संबोधित करते हुए पुतिन ने कहा कि अलास्का रूस और अमेरिका के साझा इतिहास का हिस्सा है और द्वितीय विश्व युद्ध में दोनों देशों ने एक साथ दुश्मनों से लड़ाई लड़ी थी. उन्होंने कहा कि हम करीबी पड़ोसी हैं. पुतिन ने माना कि बीते वर्षों में रिश्तों में मुश्किलें आईं, लेकिन दोनों नेताओं की यह आमने-सामने की मुलाकात लंबे समय से जरूरी थी.
अलास्का समिट के बाद रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 'पापा ऑफ जियोपॉलिटिक्स' के रूप में उभरे हैं, जबकि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप बड़े डीलमेकर की छवि के बावजूद खाली हाथ रह गए. इस घटना ने अंतरराष्ट्रीय राजनीति में ताकत संतुलन और कूटनीतिक डील करने की क्षमता पर नई बहस छेड़ दी है.