रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ टेलीफोन पर बातचीत की. इस बातचीत के दौरान राष्ट्रपति पुतिन ने पिछले सप्ताह अलास्का में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ अपनी मुलाकात के बारे में अपनी राय साझा की. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 15 अगस्त को अलास्का में रूस-यूक्रेन संघर्ष पर युद्ध विराम को लेकर चर्चा की थी. हालांकि, इसमें रूस-यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध में संघर्ष विराम लागू करने पर सहमति नहीं बनी.
राष्ट्रपति पुतिन का धन्यवाद करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने रूस-यूक्रेन संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान के लिए भारत के निरंतर रुख को दोहराया. उन्होंने कूटनीति और संवाद के माध्यम से समाधान पर जोर देते हुए कहा कि भारत इस दिशा में सभी प्रयासों का समर्थन करता है. दोनों नेताओं ने भारत और रूस के बीच विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के लिए द्विपक्षीय सहयोग के कई मुद्दों पर भी चर्चा की.
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Thank my friend, President Putin, for his phone call and for sharing insights on his recent meeting with President Trump in Alaska. India has consistently called for a peaceful resolution of the Ukraine conflict and supports all efforts in this regard. I look forward to our…
— Narendra Modi (@narendramodi) August 18, 2025
पीएम मोदी ने X पर लिखा, 'मैं अपने मित्र, राष्ट्रपति पुतिन को उनके फोन कॉल और अलास्का में राष्ट्रपति ट्रंप के साथ उनकी हालिया मुलाकात के बारे में जानकारी साझा करने के लिए धन्यवाद देता हूं. भारत ने यूक्रेन विवाद के शांतिपूर्ण समाधान का लगातार आह्वान किया है और इस संबंध में सभी प्रयासों का समर्थन करता है. मैं आने वाले दिनों में हमारे बीच निरंतर संपर्क की आशा करता हूं.' बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर रूस से तेल खरीदने पर 50 फीसदी टैरिफ लगाया है. उनका कहना है कि रूस से तेल खरीदकर भारत उसे अपरोक्ष रूप से यूक्रेन युद्ध के लिए फंडिंग कर रहा है.
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भारत ने अमेरिकी टैरिफ पर कड़ी आपत्ति जताई थी. विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, 'हाल के दिनों में अमेरिका ने भारत के रूस से तेल आयात को निशाना बनाया है. हम पहले ही इन मुद्दों पर अपनी स्थिति स्पष्ट कर चुके हैं. हमारा रूस से तेल आयात अंतरराष्ट्रीय बाजार की परिस्थितियों के आधार पर होता है और इसका उद्देश्य भारत के 1.4 अरब लोगों की ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करना है. यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि अमेरिका ने भारत पर अतिरिक्त टैरिफ लगाने का फैसला किया, जबकि कई अन्य देश भी अपने राष्ट्रीय हितों के लिए रूस से तेल आयात कर रहे हैं. हम दोहराते हैं कि ये कदम अनुचित, गलत और बेतुका है. भारत अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए हर जरूरी कदम उठाएगा.'
भारत ने किया था अलास्का मीट का स्वागत
भारत ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच अलास्का में हुई बैठक का स्वागत किया था और शांति की दिशा में उनके नेतृत्व को सराहनीय बताया था. दोनों नेताओं की अलास्का में हुई बैठक के बाद विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा था, 'भारत अलास्का शिखर सम्मेलन में हुई प्रगति की सराहना करता है. आगे का रास्ता केवल बातचीत और कूटनीति से ही निकल सकता है. दुनिया यूक्रेन में संघर्ष का शीघ्र अंत देखना चाहती है.'