अभी तक N95 फेस मास्क केवल वायरस से बचाता था. लेकिन, अब ये वायरस को मारेगा भी. न्यूयॉर्क के Rensselaer Polytechnic Institute (RPI) के रिसर्चर ने एक ऐसी टेक्नोलॉजी तैयार की है जिससे N95 फेस मास्क एंटी-वायरल और एंटी-बैक्टीरियल की तरह काम करता है.
इससे ये इंफेक्शन से ज्यादा प्रोटेक्शन देता है. टीम ने ये भी दावा किया है कि एंटी-वायरल और एंटी-बैक्टीरियल मास्क को ज्यादा लंबे समय तक यूज किया जा सकता है. इससे प्लास्टिक वेस्ट कम होगा क्योंकि मास्क को बार-बार रिप्लेस करने की जरूरत नहीं होगी.
कैसे किया गया N95 फेस मास्क को मॉडिफाइड?
Applied ACS Materials and Interfaces में पब्लिश एक रिसर्च के अनुसार, टीम ने N95 फेस मास्क में इस्तेमाल होने वाले पॉलीप्रोपाइलीन फिल्टर पर ब्रॉड-स्पेक्ट्रम एंटीमाइक्रोबियल पॉलिमर को सफलतापूर्वक ग्राफ्ट किया. N95 में एक्टिव फिल्टरेशन लेयर्स केमिकल मॉडिफिकेशन को लेकर काफी सेंसेटिव है.
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वो पॉलीप्रोपाइलीन के बने होते हैं जिन्हें कैमिकली मॉडिफाई करना काफी मुश्किल है. दूसरा चैलेंज इसमें ये था कि मास्क में काफी फाइन फाइबर नेटवर्क को डिसरप्ट नहीं किया जा सकता था जो सांस लेने में दिक्कत पैदा कर सकते थे.
एक रिसर्चर ने बताया कि नॉन-लीचिंग पॉलीमर कोटिंग को क्रिएट किया गया जो वायरस और बैक्टीरिया को आउटर लेयर को ब्रेक करके मार सकते हैं. इस प्रोसेस में टीम ने UV लाइट और एसीटोन का इस्तेमाल किया. हालांकि, इस मास्क को बाजार में आने में समय लग सकता है. यानी आम पब्लिक फिलहाल इसे इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं.
इस साल की शुरुआत में भारतीय वैज्ञानिकों की एक टीम ने इंडस्ट्री पार्टनर के साथ मिलकर सेल्फ डिस-इंफेक्टिंग कॉपर-बेस्ड नैनो पार्टिकल कोटेड एंटी वायरल फेस मास्क तैयार किया था. इससे COVID-19 महामारी से निपटने के लिए तैयार किया गया था.