भारतीयों को जल्द ही अपने स्मार्टफोन में एक सरकारी ऐप प्री इंस्टॉल नजर आएगा. एक रिपोर्ट में बताया है कि भारत सरकार की टेलिकॉम मिनिस्ट्री ने निजी तौर पर स्मार्टफोन मैन्युफैक्चरर से कहा है कि वे मोबाइल के अंदर साइबर सिक्योरिटी से सुरक्षा देने वाला सरकारी ऐप को इंस्टॉल करके दें. इस ऐप को डिलिट नहीं किया जा सकेगा. हालांकि अभी तक मंत्रालय ने इसके बारे में कोई ऑफिशियल जानकारी नहीं दी है.
भारत में 1.2 बिलियन से अधिक सब्सक्राइबर हैं और भारत दुनिया के बड़े मोबाइल मैन्यूफैक्चरर में से एक है. भारत सरकार के पास संचार साथी ऐप है. ये सरकारी ऐप साइबर खतरों को रोकने, चोरी/गुम फोन को ट्रैक और ब्लॉक करने और नकली मोबाइल फोनों को काले बाजार में सेल होने के रोक सकेगा.
सरकारी डेटा के मुताबिक, इस ऐप की मदद से अब तक 7 लाख गुम या चोरी किए गए स्मार्टफोन बरामद किए जा चुके हैं. इसमें से सिर्फ अक्टूबर में 50,000 फोन रिकवर हुए. DoT ने साल 2023 में संचार साथी प्लेटफॉर्म को लॉन्च किया था.
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कंपनियों को 90 दिन का समय दिया
ये आदेश 28 नवंबर को जारी किया है, जिसकी जानकारी रॉयटर्स ने अपनी रिपोर्ट में दी है. नए ऐप के लिए कंपनियों को 90 दिन का समय दिया है. ऑर्डर के तहत कंपनियों को सुनिश्चित करना होगा कि संचार साथी ऐप नए मोबाइल में प्री-इंस्टॉल होना चाहिए और इसे डिसेबल या डिलीट नहीं किया जा सकेगा.
संचार साथी ऐप प्ले स्टोर और आईफोन के ऐप स्टोर पर मौजूद है. आइए इसके फीचर्स के बारे में जानते हैं.
पुराने फोन में अपडेट जरिए देना होगा ऐप
जो स्मार्टपोन पहले से सप्लाई चेन में मौजूद है, उनके लिए कंपनियों को एक सॉफ्टवेयर अपडेट देना होगा और उसके बाद संचार साथी ऐप उनके फोन में भी जाकर इंस्टॉल हो जाना चाहिए.
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ऐपल के पास खुद का सिस्टम मौजूद
ऐपल अपने डिवाइस में अपनी खुद के ऐप्स प्री-इंस्टॉल करता है, लेकिन उनकी पॉलिसी किसी भी सरकारी या थर्ड-पार्टी ऐप को आईफोन में इंस्टॉल करने की परमिशन नहीं देता है. बताते चलें कि ऐपल, गूगल, सैमसंग और शाओमी ने अभी तक इस पर कोई ऑफिशियल जानकारी शेयर नहीं की है.