भारत समेत दुनियाभर के बाजार में अधिकतर इलेक्ट्रोनिक्स आइटम की निर्भरता सेमीकंडक्टर चिपसेट पर है. मोबाइल से लेकर सैटेलाइट तक में चिपसेट का इस्तेमाल किया जाता है. भारत में आयात होने वाली चिपसेट महंगी पड़ती है, जिससे यहां कई सामान हाई रेट पर मिलते हैं. लेकिन अब कई लोगों के खुशखबरी है.
दरअसल, एक बार भारत में चिपसेट का प्रोडक्शन शुरू हो जाएगा, तो उसके बाद मोबाइल फोन, कंप्यूटर, मेडिकल उपकरण, होम अप्लायसेंस और गेमिंग हार्डवेयर की कीमत को कम करने में मदद मिलेगी. भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार जल्द से जल्द इस सपने को पूरा करना चाहती है.
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने वादा किया है कि पहली मेड इंडिया चिप दिसंबर 2024 में बनकर तैयार हो जाएगी. गुजरात पहला राज्य होगा, जहां फैक्टरी का सेटअप किया जाएगा. इसके बाद अन्य राज्य भी इस राह पर आगे बढ़ेंगे. सरकार ने इसके लिए दुनियाभर में मौजूद बड़ी कंपनियों को भारत में अपना प्लांट सेटअप लगाने का निमंत्रण दिया है. Foxconn समेत कई बड़ी कंपनियां भारत सरकार से बातचीत कर रही हैं. बताते चलें कि Foxconn का 60 बिलियन डॉलर का सेमीकंडक्टर का बिजनेस है. इसके दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में प्लांट मौजूद हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत में सेमीकंडक्टर चिपसेट उद्योग को स्पीड देने के लिए गांधीनगर में 'सेमीकॉन इंडिया 2023' सम्मेलन उद्घाटन किया है. जहां बताया गया कि सेमीकंडक्टर उद्योग के लिए लाल कालीन बिछा दिया है. इस इंडस्ट्री में निवेशकों को लुभाने के लिए पीएम ने ऐलान किया कि देश में सेमीकंडक्टर फैक्टरी लगाने वाली टेक्नोलॉजी फर्म को 50 प्रतिशत वित्त सहायता दी जाएगी. पीएम ने आगे बताया कि सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री की ग्रोथ के लिए भारत में एक पूरा ईको सिस्टम तैयार किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री भारत में तेजी से विकास करेगी.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव से अमेरिका में कॉर्पोरेट्स ने कहा था कि भारत में सेटअप लगाने से पहले एक पूरे ईको सिस्टम की जरूरत होगी. इस ईको सिस्टम के लिए सरकार ने युद्ध स्तर पर काम किया. केंद्र और राज्य सरकार की स्पष्ट नीतियों के चलते ही पहली फैक्टरी का सेटअप होने जा रहा है.
भारत सरकार सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री के प्रोत्साहन और आर्थिक सहायता के लिए 10 बिलियन अमेरिकी डॉलर का प्रोग्राम शुरू कर चुकी है. इसकी मदद से निवेशकों को यहां चिपसेट की फैक्टरी बनाने में मदद मिलेगा.
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इंडिया टुडे से कहा, आने वाले 5 साल में इलेक्ट्रोनिक्स मैन्यूफैक्चरिंग इंडस्ट्री 300 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक की हो जाएगी. कुछ साल के अंदर ही प्रोडक्शन लिंक इनसेंटिव स्कीम का भी ऐलान किया जाएगा. ऐसे में सेमीकंडक्टर की तरह इलेक्ट्रोनिक्स पर भी काम शुरू होगा. मंत्री ने बताया कि कैसे सेमीकंडक्टर बिजनेस भारत के विकास को नई गति प्रदान कर सकता है.
भारत का सेमीकंडक्टर मिशन यह सुनिश्चित करेगा कि कंपनियां अपने नेचुरल तरीके से काम करते हुए यहां पर प्लांट स्थापित करें. हमने उनकी बात सुनी है और उनकी सहायता करने के लिए एक एक सिस्टम तैयार किया है. उन्होंने बताया कि आने वाले 12 महीनों के दौरान सरकार को उम्मीद है कि वह दो हाई क्वालिटी सेमीकंडक्टर चिपसेट प्लांट को अप्रूव दे सकती है.