मैसेजिंग ऐप्स के लिए बदला नियम
भारत में WhatsApp, Snapchat समेत ढेरों मैसेजिंग ऐप्स मौजूद हैं. इनकी लोकप्रियता किसी से छिपी नहीं है और इनके पास एक बड़ा यूजरबेस है. इसी यूजरबेस का फायदा उठाते हुए साइबर ठग अक्सर WhatsApp और टेलीग्राम आदि का यूज करके कई लोगों को साइबर ठगी का शिकार बना चुके हैं. (Photo: Unsplash.com)
भारत सरकार का आदेश क्या है?
भारत सरकार ने लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एक बड़ा आदेश जारी कर दिया है. नए आदेश के तहत अब भारत में मैसेजिंग ऐप्स जैसे WhatsApp, Telegram, Signal, Snapchat, ShareChat, JioChat, Arattai और Josh जैसे ऐप बिना एक्टिव SIM कार्ड के काम नहीं कर सकेंगे. (Photo: Getty Images)
नए नियम के तहत कंपनियों को क्या करना होगा?
भारत सरकार के दूरसंचार विभाग (DoT) ने यह नियम Telecommunication Cybersecurity Amendment Rules, 2025 के तहत लागू किया है. फैसले के तहत कंपनियां अब एक्टिव सिम कार्ड के साथ अपनी सर्विस दे पाएंगी. (Photo: Getty Images)
SIM अनिवार्य वाला नया नियम कब से लागू हो रहा है?
मैसेजिंग ऐप्स को नया सिस्टम लागू करने के लिए 90 दिन का समय दिया गया है. केंद्र सरकार ने अब मैसेजिंग ऐप्स को टेलिकम्युनिकेशन आईडेंटीफायर यूजर आईडेंटीज में रखा है. साथ ही अब कंपनियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि यूजर्स के एक्टिव सिम कार्ड से ऐप जुड़ा रहे. (Photo: Getty Images)
WhatsApp वेब के लिए भी बदला नियम
WhatsApp वेब चलाने वालों के लिए भी नियम में बदलाव किया गया है. कंप्यूटर या लैपटॉप में WhatsApp Web 6 घंटे के बाद ऑटोमैटिक लॉगआउट हो जाएगा. इसके बाद यूजर्स को दोबारा WhatsApp Web के QR Code को स्कैन करना होगा. (Photo: Getty Images)
क्या है मौजूदा सिस्टम?
अधिकतर मैसेजिंग ऐप में यूजर्स को पहली बार इंस्टॉल करते समय मोबाइल नंबर को वेरिफाई करना होता है. इसके बाद अगर वह सिम कार्ड मोबाइल से निकाल भी देते हैं, उसके बाद भी ऐप चलता रहता है. साइबर ठग और क्रिमिनल्स इस खामी का फायदा उठाते हैं. (Photo: Getty Images)