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टोक्यो ओलंपिक

Olympics: मीराबाई से लेकर नीरज तक, टोक्यो में भारत के ये हैं '7 चैम्पियन'

Tokyo Olympics (PTI)
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भारत ने टोक्यो ओलंपिक में एक स्वर्ण सहित 7 पदक जीतकर इन खेलों में अब तक का अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है. इससे पहले भारत ने 2012 के लंदन ओलंपिक में 6 पदक जीत थे, लेकिन तब कोई गोल्ड नहीं आया था. भारत ने 13 साल बाद स्वर्ण पदक हासिल किया है. टोक्यो ओलंपिक में भारत के लिए पदक जीतने वाले खिलाड़ियों के प्रदर्शन और करियर पर एक नजर- 
 

Bajrang Punia (PTI)
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बजरंग पुनिया: कांस्य पदक

बजरंग को स्वर्ण पदक का सबसे बड़ा दावेदार माना जा रहा था. सेमीफाइनल में हार के बाद वह स्वर्ण पदक के सपने को पूरा नहीं सके, लेकिन कांस्य पदक जीतकर उन्होंने देश का नाम ऊंचा जरूर किया. 

वह बचपन से ही कुश्ती को लेकर जुनूनी थे और आधी रात के बाद दो बजे ही उठ कर अखाड़े में पहुंच जाते थे. कुश्ती का जुनून ऐसा था कि 2008 में खुद 34 किलो के होते हुए 60 किलो के पहलवान से भिड़ गए और उसे चित कर दिया.
 

Ravi Dahiya (PTI)
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रवि दहिया: रजत पदक

हरियाणा के सोनीपत जिले के नाहरी गांव में जन्मे रवि ने पुरुषों के 57 किग्रा फ्रीस्टाइल कुश्ती में रजत पदक जीत कर अपनी ताकत और तकनीक का लोहा मनवाया. रवि दहिया दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में प्रशिक्षण लेते हैं, जहां से पहले ही भारत को दो ओलंपिक पदक विजेता- सुशील कुमार और योगेश्वर दत्त मिल चुके हैं.

उनके पिता राकेश कुमार ने उन्हें 12 साल की उम्र में छत्रसाल स्टेडियम भेजा था. उनके पिता रोज अपने घर से 60 किमी दूर छत्रसाल स्टेडियम तक दूध और मक्खन लेकर पहुंचते थे. उन्होंने 2019 विश्व चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीतकर ओलंपिक का टिकट पक्का किया और फिर 2020 में दिल्ली में एशियाई चैम्पियनशिप जीती और अलमाटी में इस साल खिताब का बचाव किया.
 

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 Mirabai Chanu (PTI)
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मीराबाई चनू: रजत पदक

मणिपुर की इस खिलाड़ी ने 24 जुलाई को ही पदक तालिका में भारत का नाम अंकित करा दिया था. उन्होंने 49 किग्रा वर्ग में रजत पदक जीतकर भारोत्तोलन में पदक के 21 साल के सूखे को खत्म किया. इस 26 साल की खिलाड़ी ने कुल 202 किग्रा का भार उठाकर रियो ओलंपिक (2016) में मिली निराशा को दूर किया.

इम्फाल से लगभग 20 किमी दूर नोंगपोक काकजिंग गांव की रहने वाली मीराबाई छह भाई-बहनों में सबसे छोटी हैं. उनका बचपन पास की पहाड़ियों में लकड़ियां काटते और दूसरे के पाउडर के डब्बे में पास के तालाब से पानी लाते हुए बीता. वह तीरंदाज बनना चाहती थीं, लेकिन मणिपुर की दिग्गज भारोत्तोलक कुंजरानी देवी के बारे में पढ़ने के बाद उन्होंने इस खेल से जुड़ने का फैसला किया.

PV Sindhu (PTI)
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पीवी सिंधु : कांस्य पदक

सिंधु को पहले से पदक का मजबूत दावेदार माना जा रहा था और उन्होंने कांस्य पदक जीतकर किसी को निराश नहीं किया. इस 26 साल की खिलाड़ी ने इससे पहले 2016 रियो ओलंपिक में रजत पदक जीता था, वह ओलंपिक में दो पदक जीतने वाली देश की पहली महिला और कुल दूसरी खिलाड़ी हैं.

टोक्यो खेलों में उनके प्रदर्शन का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सेमीफाइनल में ताइ जु यिंग के खिलाफ दो गेम गंवाने से पहले उन्होंने एक भी गेम में हार का सामना नहीं किया था. हैदराबाद की शटलर ने 2014 में विश्व चैम्पियनशिप, एशियाई खेलों, राष्ट्रमंडल खेलों और एशियाई चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीतने के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई.

Hockey India (PTI)
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पुरुष हॉकी टीम: कांस्य पदक

भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने कांस्य पदक जीतकर इस खेल में 41 साल के सूखे को खत्म किया. यह पदक हालांकि स्वर्ण नहीं था, लेकिन देश में हॉकी को फिर से लोकप्रिय बनाने के लिए काफी है. ग्रुप चरण के दूसरे मैच में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 1-7 से बुरी तरह हारने के बाद मनप्रीत सिंह की अगुआई में टीम ने शानदार वापसी की.

सेमीफाइनल में बेल्जियम से हराने के बाद टीम ने कांस्य पदक प्ले ऑफ में जर्मनी को 5-4 से मात दी. पूरे टूर्नामेंट के दौरान मनप्रीत की प्रेरणादायक कप्तानी के साथ गोलकीपर पीआर श्रीजेश ने शानदार प्रदर्शन किया.
 

Lovlina Borgohain (PTI)
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लवलीना बोरगोहेन: कांस्य पदक

असम की लवलीना ने अपने पहले ओलंपिक में कांस्य पदक जीतकर इतिहास रच दिया. वह विजेंदर सिंह और मैरीकॉम के बाद मुक्केबाजी में पदक जीतने वाली तीसरी भारतीय खिलाड़ी हैं. 23 साल की लवलीना का खेलों के साथ सफर असम के गोलाघाट जिले के बरो मुखिया गांव से शुरू हुआ जहां बचपन में वह ‘किक-बॉक्सर ’ बनना चाहती थीं.

ओलंपिक की तैयारियों के लिए 52 दिनों के लिए यूरोप दौरे पर जाने से पहले वह कोरोना वायरस से संक्रमित हो गईं, लेकिन उन्होंने शानदार वापसी करते हुए 69 किग्रा वर्ग में चीनी ताइपे की पूर्व विश्व चैम्पियन निएन-शिन चेन को मात दी.

Neeraj Chopra (PTI)
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नीरज चोपड़ा: स्वर्ण पदक

भाला फेंक एथलीट नीरज चोपड़ा ओलंपिक में व्यक्तिगत स्वर्ण जीतने वाले केवल दूसरे भारतीय है. नीरज को तीन वर्षों से ओलंपिक में पदक का सबसे बड़ा भारतीय दावेदार माना जा रहा था और शनिवार को उनके 87.58 मीटर के थ्रो के साथ ट्रैक एवं फील्ड स्पर्धा में भारत को पहला ओलंपिक पदक विजेता मिला.

2016 जूनियर विश्व चैम्पियनशिप में 86.48 मीटर के अंडर-20 विश्व रिकॉर्ड के साथ ऐतिहासिक स्वर्ण पदक जीतने के बाद से वह लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं. नीरज 2016 में ही भारतीय सेना में ‘चार राजपूताना राइफल्स’ में सूबेदार के पद पर नियुक्त हुए.

उनकी अन्य उपलब्धियों में 2018 राष्ट्रमंडल खेलों और एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक शामिल हैं. उन्होंने 2017 एशियाई चैम्पियनशिप में शीर्ष स्थान हासिल किया था.


 

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