साल 1983 में भारत ने पहली बार वर्ल्ड कप जीतकर इतिहास रच दिया था. इसके बाद भारत 2007 में टी20 वर्ल्ड कप और साल 2011 में दूसरी बार वनडे का विश्व विजेता बना था. 2013 में चैम्पियंस ट्रॉफी की जीत ने भारतीय क्रिकेट को आसमां पर पहुंचा दिया. ये चारों वे पल हैं, जिन्होंने भारत में क्रिकेट के लिए दीवानगी के बीज बोए. लेकिन इंग्लैंड में टीम इंडिया इससे भी बड़ा इतिहास लिखने के बेहद करीब है.
इंग्लैंड में भारत की टीम टेस्ट का चैम्पियन बनने से महज एक कदम के फासले पर खड़ी है. 18 से 22 जून के बीच भारत और न्यूजीलैंड की टीमें टेस्ट चैम्पियनशिप को जीतने के लिए दम दिखाने वाली हैं. यह ऐतिहासिक फाइनल आज (शुक्रवार) से साउथैम्पटन में खेला जाएगा.
क्रिकेट में टेस्ट का अपना अलग मुकाम है. टीम हो या खिलाड़ी सभी इसमें कामयाब होना चाहते हैं. इसीलिए इंग्लैंड की धरती पर भारत और न्यूजीलैंड के बीच धमाकेदार टक्कर होने वाली है. टीम इंडिया भले ही अच्छे फॉर्म में हो. लेकिन सामने न्यूजीलैंड की टीम है, जो बार-बार विराट को हार की तरफ धकेल देती है.
विराट कोहली के नेतृत्व में भारत को 2 बड़े टूर्नामेंट में मायूसी मिली है. साल 2019 में न्यूजीलैंड ने ही वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में भारत को मात देकर विराट के वर्ल्ड कप जीतने के सपने को तोड़ दिया. इसी तरह 2017 में चैंम्पियंस ट्रॉफी जीतने की मंजिल पर पहुंचने से पहले ही टीम इंडिया की उम्मीदों ने दम तोड़ दिया. तो वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप का फाइनल मुकाबला सिर्फ टेस्ट का वर्ल्ड कप जीतने भर का मामला नहीं है. विराट के लिए ये मौका बाकी सभी हिसाब को चुकता करने का है. इसीलिए विराट खुलकर खेलने की बात कह रहे हैं.
The Big Day is here! 👏 👏
— BCCI (@BCCI) June 18, 2021
Get behind #TeamIndia & show your support as they take on New Zealand in #WTC21 Final in a few hours from now! 💪 💪 pic.twitter.com/8k9B74DMPg
ICC वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप में भारत और न्यूजीलैंड के बीच दो मैच खेले गए हैं. और दोनों ही बार न्यूजीलैंड ने भारत को हराया है. भारत ने अपनी आखिरी 9 टेस्ट सीरीज में सिर्फ एक ही बार हार का मुंह देखा है और वो न्यूजीलैंड के खिलाफ ही है. साउथैम्पटन का मैदान भी भारत के लिए लकी नहीं है. क्योंकि इस मैदान पर खेले गए आखिरी दोनों मैचों में इंग्लैंड ने भारत को हराया है. 2014 के दौरे में भारत को इंग्लैंड ने 266 रनों से करारी शिकस्त दी थी. इसके बाद 2018 में भी भारत को 60 रनों से हार का सामना करना पड़ा था.
दूसरी ओर न्यूजीलैंड के लिए यह मैदान बिल्कुल नया है और उसने अब तक इस मैदान पर कोई भी टेस्ट मैच नहीं खेला है. इस मैदान पर ओवरऑल छह टेस्ट मैच खेले गए हैं. इसमें से 3 मैचों का ही नतीजा निकल पाया, वहीं तीन मुकाबले ड्रॉ पर छूटे.
भारत में हर क्रिकेट प्रशंसक इंग्लैंड में टीम इंडिया के लिए दुआ कर रहा है. सबको भरोसा है कि इस बार भारतीय टीम न्यूजीलैंड को मात देकर हार के सिलसिले को टेस्ट का बादशाह बनकर खत्म करेगी. इसमें लिटिल मास्टर भी शामिल हैं. भारत के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने कहा, 'भारत चैम्पियन बनेगा. भारतीय खिलाड़ियों के पास पिछले दो-तीन सालों में इंग्लैंड में खेलने का अच्छा अनुभव है. यह फायदा देगा. भारतीय टीम पिछले 2-3 सालों से अच्छा खेल रही है. उससे ये आशा है कि भारत पहली वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप जीतेगा.'
फाइनल मुकाबले में भारत के सामने कुछ बड़ी चुनौतियां हैं, जिन पर काम किए बगैर न्यूजीलैंड को हराना मुश्किल होगा. टीम इंडिया की पहली कमजोर कड़ी सलामी जोड़ी में अनुभव की कमी है. रोहित शर्मा का जहां इंग्लिश जमीं पर महज दूसरा टेस्ट मैच होगा, वहीं दूसरे ओपनर शुभमन गिल पहली बार इंग्लैंड में टेस्ट खेलने उतरेंगे. इंग्लैंड में भारत के अधिकतर बल्लेबाजों का रिकॉर्ड बहुत अच्छा नहीं है. इसकी सबसे बड़ी वजह स्विंग के सामने जल्दी घुटने की आदत है, जो अक्सर भारत की हार की वजह बनती है. हालांकि टीम इंडिया के लिए राहत की बात यह है कि साउथैम्पटन के मैदान पर चेतेश्वर पुजारा शतक जड़ चुके हैं. वहीं, उपकप्तान अजिंक्य रहाणे भी इस ग्रांउड पर तीन अर्धशतक जड़ चुके हैं..
पिच की तस्वीरें वायरल हो चुकी हैं. इसकी वजह पिच पर दिख रही हरी घास है, जो भारतीय बल्लेबाजों को परेशान कर सकती है. हालांकि मैच से पहले अक्सर घास को काटा जाता है, लेकिन ये पिच जितनी हरी रहेगी. न्यूजीलैंड के गेंदबाजों को उतना ही फायदा मिलेगा. हालांकि विराट एंड कंपनी बड़े मौकों पर खुद को साबित करना जानती है.