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इंग्लैंड के खिलाड़ी एंड्रयू स्ट्रॉस ने क्रिकेट से संन्यास लिया

इंग्लैंड के कप्तान एंड्रयू स्ट्रॉस ने इंग्लैंड की टेस्ट कप्तानी छोड़ने के साथ तुरंत प्रभाव से सभी तरह की क्रिकेट से भी संन्यास ले लिया.

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एंड्रयू स्ट्रॉस
एंड्रयू स्ट्रॉस

इंग्लैंड के कप्तान एंड्रयू स्ट्रॉस ने इंग्लैंड की टेस्ट कप्तानी छोड़ने के साथ तुरंत प्रभाव से सभी तरह की क्रिकेट से भी संन्यास ले लिया. स्ट्रॉस की जगह एकदिवसीय टीम के कप्तान एलिस्टेयर कुक को टेस्ट टीम की कप्तानी भी सौंपी गयी है.

इंग्लैंड एवं वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) ने बयान जारी करके स्ट्रास के संन्यास की घोषणा की. इस बयान में स्ट्रॉस ने कहा, ‘पिछले कुछ सप्ताह से काफी विचार विमर्श करने के बाद मैंने इंग्लैंड के टेस्ट कप्तान पद से हटने और क्रिकेट के सभी प्रारूप से संन्यास लेने का फैसला किया है.’

स्ट्रॉस के इस फैसले के साथ ही उनका दस साल का अंतरराष्ट्रीय करियर भी समाप्त हो गया जिसमें पिछले तीन साल से वह टीम के टेस्ट कप्तान थे. बायें हाथ के इस बल्लेबाज ने हाल में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ लॉर्ड्स में अपना 100वां टेस्ट मैच खेला था. उन्होंने इन 100 टेस्ट की 178 पारियों में 40.91 की औसत से 7037 रन बनाये जिसमें 21 शतक और 27 अर्धशतक शामिल हैं. स्ट्रॉस ने इसके अलावा 127 एकदिवसीय मैचों में 35.63 की औसत से 4205 रन बनाये. उन्होंने इस प्रारूप में छह शतक और 27 अर्धशतक लगाये. इसके अलावा उन्होंने चार ट्वेंटी 20 अंतरराष्ट्रीय मैच भी खेले.

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स्ट्रॉस ने ऐसे समय में संन्यास लिया है जबकि इंग्लैंड की टीम दक्षिण अफ्रीका से टेस्ट श्रृंखला में 0-2 से हारने के कारण नंबर एक का ताज गंवा बैठी है. इस श्रृंखला के दौरान ही स्टार बल्लेबाज केविन पीटरसन विवादों में फंसे और उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया था.

स्ट्रास ने कहा, ‘यह कड़ा फैसला है लेकिन मेरा मानना है कि इस समय पद छोड़ना और संन्यास लेना इंग्लैंड क्रिकेट टीम और स्वयं मेरे हित में है.’

उन्होंने कहा कि उनके संन्यास का पीटरसन को लेकर उठे विवाद से कोई लेना देना नहीं है. पीटरसन ने दक्षिण अफ्रीकी खिलाड़ियों को संदेश भेजे थे जिसके बाद इंग्लैंड ने उन्हें टीम से बाहर कर दिया था. माना जा रहा था कि इनमें से कुछ संदेश में पीटरसन ने स्ट्रॉस की आलोचना की थी.

स्ट्रॉस ने 2009 में पीटरसन की जगह ही कप्तानी संभाली थी. इस 35 वर्षीय क्रिकेटर ने उन सभी लोगों का आभार व्यक्त किया जिन्होंने क्रिकेट में आगे बढ़ने में उनकी मदद की. उन्होंने कहा, ‘मेरी इस अविश्वसनीय यात्रा में कई लोगों ने मेरी मदद की. मैं उन सभी का आभार व्यक्त करता हूं. मैं मिडिलसेक्स और इंग्लैंड के उन खिलाड़ियों का शुक्रिया अदा करता हूं जिनके साथ मैंने अपनी क्रिकेट खेली. मैं उन सभी कोच और सहयोगी स्टाफ का आभारी हूं जिनके साथ मैंने काम किया.’

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स्ट्रॉस ने कहा, ‘‘इस संबंध में मैं विशेषकर एंडी फ्लावर और डंकन फ्लैचर के नाम का जिक्र करना चाहूंगा. मैं मिडिलसेक्स, ईसीबी और पीसीए को उनके सहयोग के लिये धन्यवाद देता हूं.’’ उन्होंने कहा, ‘कोई भी अपने इर्द-गिर्द से मिलने वाले सहयोग के बिना इतने लंबे समय तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट नहीं खेल सकता है. मैं अपने परिवार का आभार व्यक्त करता हूं जिन्होंने मेरे करियर के दौरान मेरी पूरी मदद की.’

स्ट्रॉस ने 2004 में लॉर्ड्स में टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया था और संयोग से उन्होंने अपना आखिरी मैच भी इसी मैदान पर दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेला जिसमें इंग्लैंड को 51 रन से हार झेलनी पड़ी थी.

स्ट्रॉस की जगह टीम के नये कप्तान बने कुक की पहली परीक्षा नवंबर में भारत के खिलाफ होगी. इंग्लैंड की टीम तब चार टेस्ट मैच खेलने के लिये भारत दौरे पर जाएगी.

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