scorecardresearch
 

Team India, Archery Paris Olympics 2024: तीरंदाजी में खत्म नहीं हो सका 36 सालों का सूखा, ओलंपिक में मेडल जीतने से चूके भजन-दीपिका

दीपिका कुमारी की हार के साथ ही पेरिस ओलंपिक की तीरंदाजी इवेंट्स में भारतीय चुनौती समाप्त हो गई. इससे पहले मेन्स इंडिविजुअल, मेन्स टीम, वूमेन्स टीम और मिक्स्ड टीम में भारतीय चुनौती पहले ही खत्म हो चुकी थीं.

Advertisement
X
Bhajan Kaur (@PTI)
Bhajan Kaur (@PTI)

पेरिस ओलंपिक 2024 में भारतीय तीरंदाजों से मेडल की आस थी, लेकिन वे उम्मीदों पर खरे नहीं उतर पाए. 3 अगस्त (शनिवार) को दीपिका कुमारी और भजन कौर से काफी उम्मीदें थीं, लेकिन दोनों तीरंदाज मेडल राउंड तक भी नहीं पहुंच सकीं. भजन कौर वूमेन्स इंडिविजुअल इवेंट के प्री-क्वार्टर फाइनल में इंडोनेशियाई तीरंदाज डियांडा चोइरूनिसा से हार गईं. पांच सेट के बाद स्कोर 5-5 से बराबर था.  ऐसे में भजन कौर और डियांडा चोइरूनिसा के बीच शूटऑफ हुआ. शूटऑफ में डियांडा ने 9 का स्कोर किया, वहीं भजन 8 का स्कोर ही बना सकीं.

दूसरी तरफ दीपिका कुमारी को क्वार्टर फाइनल में कोरिया की नाम सु-ह्योन ने 6-4 से हरा दिया. दीपिका ने प्री-क्वार्टर फाइनल में जर्मनी की मिशेल क्रोपेन को 6-4 से हराकर मेडल की उम्मीद जगाई थीं, लेकिन अंतिम-8 मैच में वो कोरिया के खिलाफ अपना बेस्ट प्रदर्शन नहीं कर सकीं. दीपिका की हार के साथ ही तीरंदाजी इवेंट में भारतीय चुनौती समाप्त हो गई. इससे पहले मेन्स इंडिविजुअल, मेन्स टीम, वूमेन्स टीम और मिक्स्ड टीम में भारतीय चुनौती पहले ही समाप्त हो चुकी थीं.

36 सालों से तीरंदाजी में मेडल का इंतजार

भारत तीरंदाजी में केवल सिडनी ओलंपिक 2000 में क्वालिफाई नहीं कर पाय था. इसके अलावा उसने सभी ओलंपिक खेलों में भाग लिया है. तीरंदाजी को ओलंपिक में 1988 में शामिल किया गया था और तब से भारतीय तीरंदाज लगभग हर ओलंपिक खेल में हिस्सा ले रहे हैं, लेकिन अभी तक पोडियम तक पहुंचने में नाकाम रहे हैं. कहने का अर्थ यह है कि भारत ओलंपिक के तीरंदाजी इवेंट्स में 36 सालों से अब तक एक भी मेडल नहीं जीत पाया है.

Advertisement

deepika

देखा जाए तो लंदन ओलंपिक 2012 के बाद यह पहला अवसर रहा, जबकि भारत के 6 खिलाड़ियों ने खेलों के सबसे बड़े महाकुंभ में भाग लिया. धीरज बोम्मादेवरा, तरुणदीप राय, प्रवीण जाधव, भजन कौर, दीपिका कुमारी, अंकिता भकत पेरिस ओलंपिक 2024 में शिरकत कर रहे थे. बता दें कि भारतीय पुरुष और महिला टीमों ने रैंकिंग के आधार पर ओलंपिक के लिए क्वालिफाई किया था, जिसके चलते इस बार भारतीय तीरंदाज 5 स्पर्धाओं में भाग ले रहे थे. अनुभवी तरुणदीप राय और दीपिका कुमारी का ये चौथा ओलंपिक रहा.

टोक्यो ओलंपिक में भारत के सभी पुरुष तीरंदाज शीर्ष 30 में जगह नहीं बना पाए थे, जिससे भारतीय टीम को 9वीं वरीयता मिली थी. भारत की एकमात्र महिला तीरंदाज दीपिका ने 9वां स्थान हासिल किया था. भारत को तब अपने अपने क्वार्टर फाइनल मुकाबलों में शीर्ष वरीयता प्राप्त कोरिया से हार का सामना करना पड़ा था. हालांकि इस बार भारतीय तीरंदाजों के प्रदर्शन में सुधार आया, लेकिन मेडल का सूखा जारी रहा.

धीरज-भकत ने किया शानदार प्रदर्शन लेकिन...

तीरंदाजी स्पर्धा में भारत के लिए सराहनीय प्रदर्शन अंकिता भकत और धीरज बोम्मादेवरा ने किया. अंकिता-धीरज मिक्स्ड टीम इवेंट में ब्रॉन्ज मेडल जीतने से चूक गए. ब्रॉन्ज मेडल मैच में अंकिता-धीरज को यूएसए के ब्रैडी एलिसन और केसी काफहोल्ड ने 2-6 से हराया. अमेरिकी जोड़ी ने पहले दो सेट जीत लिए थे. इसके बाद भारतीय जोड़ी ने वापसी करते हुए तीसरा सेट जीता, लेकिन फिर चौथे सेट में बाजी एक बार फिर यूएसए के हाथ लगी. भारतीय जोड़ी को इससे पहले सेमीफाइनल में कोरिया के हाथों 2-6 से पराजित होना पड़ा था. हालांकि पदक से चूकने के बावजूद अंकिता-धीरज ने इतिहास रच दिया. पहली बार ओलंपिक में तीरंदाजी के किसी स्पर्धा में भारतीय खिलाड़ी सेमीफाइनल में पहुंचे. 

---- समाप्त ----
Live TV

Advertisement
Advertisement