प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पैरालंपिक में शामिल हो रहे एथलीटों का हौसला बढ़ाया है. मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उन्होंने खिलाड़ियों से बात की. टोक्यो में 24 अगस्त से पैरालंपिक खेलों की शुरुआत हो रही है, जो 5 सितंबर तक चलेगा. इस बार 9 इवेंट्स में 54 पैरा एथलीट्स भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे. यह भारत का अब तक का सबसे बड़ा दल है.
प्रधानमंत्री ने खिलाड़ियों से कहा, 'जमकर खेलिए और पूरी ताकत लगा दीजिए. इस बार भी आप विजयी होकर आएंगे तो मैं जरूर आपसे मिलूंगा और आपके अनुभव जानूंगा. आप पैरालंपिक में देश का प्रतिनिधित्व करने जा रहे हैं. पूरा प्रयास करिएगा, लेकिन कोई दबाव नहीं लेना है.' उन्होंने कहा, 'आप तिरंगा लेकर टोक्यो में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करेंगे तो पदक ही नहीं जीतेंगे, बल्कि नए भारत के संकल्पों को भी नई ऊर्जा देने वाले हैं.'
पीएम मोदी ने कहा, 'भारत में स्पोर्ट्स कल्चर को विकसित करने के लिए हमें अपने तौर-तरीकों को लगातार सुधारते रहना होगा. आज अंतरराष्ट्रीय खेलों के साथ साथ पारंपरिक भारतीय खेलों को भी नई पहचान दी जा रही है. आप किसी भी स्पोर्ट्स से जुड़े हों, एक भारत-श्रेष्ठ भारत की भावना को भी मजबूत करते हैं.'
उन्होंने खिलाड़ियों से कहा, 'आप किस राज्य से हैं, किस क्षेत्र से हैं, कौन सी भाषा बोलते हैं, इन सबसे ऊपर आप आज ‘टीम इंडिया’ हैं. ये स्पिरिट हमारे समाज के हर क्षेत्र में होनी चाहिए, हर स्तर पर दिखनी चाहिए.'
टोक्यो ओलंपिक में इस बार भारत ने अपना अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया. भारत ने 7 मेडल जीते, जिसमें एक गोल्ड, दो सिल्वर और 4 ब्रॉन्ज मेडल शामिल हैं. नीरज चोपड़ा ने भारत को भाला फेंक में गोल्ड मेडल दिलाया है.
पैरा एथलीटों का पीएम मोदी ने ऐसे बढ़ाया हौसला
प्रधानमंत्री मोदी ने 24 अगस्त से शुरू हो रहे पैरालम्पिक से पहले भारत के पैरा एथलीटों से मंगलवार को करीब डेढ़ घंटा संवाद किया. उन्होंने दिव्यांग खिलाड़ियों के जीवन में आई चुनौतियों के बारे में पूछा, उनके परिवार के योगदान को सराहा और टोक्यो में अच्छे प्रदर्शन के लिए खिलाड़ियों पर से दबाव कम करने की कोशिश भी की.
प्रधानमंत्री ने वर्चुअल बातचीत में कहा, ‘आप असली चैम्पियन हैं. आपने जिंदगी के खेल में संकटों को हराया है और कोरोना महामारी से बढ़ी परेशानियों में भी अभ्यास नहीं रुकने दिया. ‘यस वी विल डू इट , वी कैन डू इट’ को आपने चरितार्थ करके दिखाया. एक खिलाड़ी के रूप में पदक अहम है, लेकिन नई सोच का भारत अपने खिलाड़ियों पर पदक के लिए दबाव नहीं बनाता.’
प्रधानमंत्री मोदी ने इस मौके पर दो बार के ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता भाला फेंक खिलाड़ी देवेंद्र झझारिया की बेटी से पूछा कि वह स्टेच्यू ऑफ यूनिटी देखने अभी तक गई है या नहीं, वहीं रियो पैरालंपिक के स्वर्ण पदक विजेता मरियप्पन थंगावेलु की मां का तमिल में अभिवादन करते हुए पूछा कि उनके बेटे को खाने में क्या पसंद है. उन्होंने पैरा बैडमिंटन खिलाड़ी पारुल से गुजराती में बात की तो पावरलिफ्टर सकीना खातून से बांग्ला में.
तीरंदाज ज्योति बालियान से उन्होंने कहा ,‘पिता के निधन के बाद आपने अपने खेल को और घर को भी संभाला. आप अच्छी खिलाड़ी होने के साथ अच्छी बेटी और बहन भी हैं और आपके बारे में जानने के बाद देश के हर व्यक्ति के विचारों में ज्योति का प्रकाश आएगा.’
उन्होंने 2009 में एक दुर्घटना में अपना पैर गंवा बैठे कटरा के पैरा तीरंदाज राकेश कुमार से पूछा कि जीवन की बाधाओं ने कैसे उन्हें बेहतर खिलाड़ी के रूप में उभरने में मदद की. उन्होंने कहा ,‘जीवन में कितने भी संघर्ष हों, लेकिन जीवन बहुमूल्य हैं. आप देश का प्रतिनिधित्व करने जा रहे हैं और जमकर खेलिए. परिवार और देश का नाम रोशन कीजिए.’
एथेंस में 2004 और रियो में 2016 में भालाफेंक में स्वर्ण पदक जीतने वाले विश्व रिकॉर्डधारी झझारिया से उन्होंने पूछा कि इतने बड़े अंतराल के बावजूद उम्र को झुकाते हुए पदक कैसे जीते. उन्होंने झझारिया की पत्नी और पूर्व कबड्डी खिलाड़ी मंजू से पूछा कि वह अब खेलती हैं या बंद कर दिया. वहीं, बेटी जिया से कहा, ‘टोक्यो खेलों के बाद आप पूरे परिवार के साथ स्टेच्यू ऑफ यूनिटी देखने जाना.’
रियो में ऊंचीकूद में स्वर्ण जीतने वाले थंगावेलु से उन्होंने कहा, ‘वणक्कम. आपने हिन्दी बोलना सीख लिया, सिनेमा जगत में जैसे एक्टर बाद में डायरेक्टर और प्रोड्यूसर भी बन जाते हैं, आप भी खिलाड़ी और कोच दोनों हो और सुना है कि आप पर बायोपिक भी बन रही है.’
उन्होंने आगे कहा, ‘आप विजयी होकर आएगे तो आप सभी लोगों से मैं मिलूंगा और आपके अनुभव जानूंगा.’
पैरा बैडमिंटन खिलाड़ी पलक कोहली से उन्होंने कोरोना महामारी के दौरान परिवार से दूर रहने, बीमारी से उबरकर वापसी करने और कोच गौरव खन्ना के उनके करियर में योगदान के बारे में पूछा. वहीं, पलक की जोड़ीदार गुजरात की 48 साल की पैरा बैडमिंटन खिलाड़ी पारुल परमार से पूछा कि उम्र के अंतर के बावजूद उनकी जोड़ी सुपर हिट कैसे है.
पैरा केनोइंग में पैरालंपिक खेल रही भारत की पहली खिलाड़ी प्राची यादव से उन्होंने पूछा कि रोल मॉडल के रूप में उन्हें कैसा लगता है. वहीं, पावरलिफ्टर सकीना से कहा कि बड़े लक्ष्य रखने वाले छोटे शहरों की और गरीब परिवारों की लड़कियों को वे क्या संदेश देंगी.
बारूदी सुरंग विस्फोट में पैर गंवाने वाले शॉटपुट खिलाड़ी सेना के सोमन राणा से उन्होंने कहा, ‘आप इस बात का उदाहरण हैं कि भारतीय सेना का किसी के जीवन पर क्या असर होता है . आप फाइटर भी हैं और विनर भी.’