प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को भारत की 2030 कॉमनवेल्थ गेम्स (CWG) की मेजबानी की बोली को मंजूरी दे दी है. सरकार ने अहमदाबाद को इसके लिए सबसे सही जगह बताया है क्योंकि यहां दुनिया के बेहतरीन स्टेडियम, आधुनिक ट्रेनिंग सुविधाएं और खेलों के प्रति गहरी रुचि मौजूद है.
ये फैसला उस समय आया है जब हाल ही में भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) ने भी इस प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी थी. भारत ने मार्च में इसके लिए ‘Expression of Interest’ यानी शुरुआती इच्छा पत्र जमा किया था.
#Cabinet approves submission of bid for the Commonwealth Games (CWG) 2030
— PIB India (@PIB_India) August 27, 2025
💠Cabinet Approves Signing of Host Collaboration Agreement and Grant-in-Aid Sanction for Gujarat Government if CWG 2030 Bid gets accepted
💠Ahmedabad: An ideal host city offering world class stadiums,…
पीआईबी (प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो) की ओर से बताया गया कि कैबिनेट ने स्पोर्ट्स मंत्रालय के प्रस्ताव को मंजूरी दी है. इसके तहत भारत अपनी बोली लगाएगा और अगर भारत को आयोजन का हक मिलता है तो गुजरात सरकार को जरूरी आर्थिक मदद भी दी जाएगी, साथ ही जरूरी मंत्रालयों और विभागों से सहयोगी समझौते पर साइन करने की भी अनुमति दे दी गई है.
भारत ने कब की थी कॉमनवेल्थ की मेजबानी?
31 अगस्त तक बोली लगानी है और IOA अगले 48 घंटे में ये प्रक्रिया पूरी करेगा. भारत ने आखिरी बार 2010 में कॉमनवेल्थ गेम्स की मेजबानी की थी.
भारत को कॉमनवेल्थ की मेजबानी मिलने के कितने चांस?
कॉमनवेल्थ स्पोर्ट की जनरल असेंबली नवंबर के आखिरी हफ्ते में ग्लासगो में मेजबान देश का चुनाव करेगी. भारत के चांस इसलिए भी बढ़ गए हैं क्योंकि कनाडा ने पैसों की कमी की वजह से अपनी दावेदारी वापस ले ली है.
भारत को क्यों मिल सकती है कॉमनवेल्थ की मेजबानी?
सरकार ने कहा कि अहमदाबाद में पहले से ही नरेंद्र मोदी स्टेडियम, जो दुनिया का सबसे बड़ा स्टेडियम है. यह 2023 क्रिकेट वर्ल्ड कप फाइनल जैसे बड़े आयोजन कर चुका है. इसके अलावा यहां सरदार वल्लभभाई पटेल स्पोर्ट्स एन्क्लेव भी तैयार हो रहा है, जिसमें एक्वाटिक्स सेंटर, फुटबॉल स्टेडियम और इंडोर स्पोर्ट्स एरीना बनाए जा रहे हैं.
भारत का मकसद सिर्फ 2030 CWG तक सीमित नहीं है, बल्कि 2036 ओलंपिक की मेजबानी का भी सपना है, जिसमें अहमदाबाद सबसे अहम दावेदार माना जा रहा है. सरकार का मानना है कि कॉमनवेल्थ गेम्स कराने से स्थानीय बिजनेस को फायदा होगा, रोजगार बढ़ेंगे, पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और लाखों युवाओं को खेलों में प्रेरणा मिलेगी. खेलों से जुड़े प्रोफेशन जैसे स्पोर्ट्स साइंस, इवेंट मैनेजमेंट, लॉजिस्टिक्स, मीडिया, पब्लिक रिलेशंस और आईटी आदि में भी लोगों को नए मौके मिलेंगे.