
अहमदाबाद (अमदावाद) 2030 के सेंचुरी कॉमनवेल्थ गेम्स का होस्ट शहर बनने जा रहा है. यह भारत के लिए ऐतिहासिक मौका है, जहां 15-17 खेलों के साथ ग्लोबल एथलीट्स इकट्ठा होंगे. CWG 2030 न केवल खेलों का महाकुंभ होगा, बल्कि ऐसे बुलंद भारत की तस्वीर पेश करेगा जो विकासशील से विकसित राष्ट्रों की कैटेगरी में प्रस्थान कर रहा होगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृह राज्य गुजरात में होने से यह आयोजन इंफ्रास्ट्रक्चर, टेक्नोलॉजी और सस्टेनेबिलिटी के माध्यम से भारत की प्रगति को दुनिया के सामने रखेगा.
ध्यान रखें कि 2030 वो डेडलाइन है जिससे पहले ही भारत उन देशों में शामिल हो जाएगा जिसके पास अपना बुलेट ट्रेन होगा. और ये बुलेट ट्रेन अहमदाबाद से निकलकर मुंबई तक जाएगी. भारत बुलेट ट्रेनों और आधुनिक स्पोर्ट्स इंफ्रा के जरिए यह दिखाएगा कि अब भारत सिर्फ भागीदार नहीं, बल्कि ग्लोबल लीडर है.
लेकिन अहमदाबाद कॉमनवेल्थ खेलों के सफल आयोजन के लिए अरबों रुपये खर्च करने होंगे. एक रिपोर्ट के अनुसार इन खेलों का सिर्फ ऑपरेशनल लागत ही 3000 से 5000 करोड़ के बीच आ सकता है.
इस खेल की प्लानिंग से जुड़े भरोसेमंद सूत्र बताते हैं कि इस बड़े इवेंट की कुल लागत को फाइनल करने के लिए, स्पोर्ट्स और पब्लिक यूटिलिटी सुविधाओं सहित चल रहे इंफ्रास्ट्रक्चर अपग्रेड के अनुमान पर अभी भी काम चल रहा है.
ऑपरेशनल कॉस्ट गेम के आयोजन का छोटा हिस्सा
पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि गुजरात ने दिल्ली में 2010 के गेम्स से जरूरी सबक लिए हैं. ये गेम, करप्शन, क्वालिटी समेत कई विवादों में घिर गया था. इसकी वजह से इसमें अनुमान से कई गुना ज्यादा खर्चा हुआ था.
रिपोर्ट के अनुसार, "अहमदाबाद CWG की ऑपरेशनल कॉस्ट 3,000 से 5,000 करोड़ रुपये होगी. इसमें वह फंड (कैपिटल खर्च) शामिल नहीं है जो दूसरे इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने में लगेगा, इसका कुछ हिस्सा अर्बन डेवलपमेंट डिपार्टमेंट संभालेगा."

इसमें पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने में होने वाला खर्च गेम्स में नहीं गिना जाएगा क्योंकि उसका फायदा गेम्स से कहीं ज़्यादा होगा.
क्या है ऑपरेशनल लागत
गेम्स की ऑपरेशनल कॉस्ट वह फंड है जो गेम्स के तय समय तक उनके आयोजन पर खर्च होता है, इसका कुछ हिस्सा इवेंट के दौरान गेट टिकट और कमर्शियल डील जैसे तरीकों से होने वाले रेवेन्यू से पूरा किया जा सकता है.
पहले दिल्ली कॉमनवेल्थ गेम का खर्चा समझिए
दिल्ली में आयोजित हुए 2010 के कॉमनवेल्थ गेम्स का ऑपरेशनल खर्च Rs 2,600 करोड़ से थोड़ा ज़्यादा था. हैरान करने वाली बात यह है कि इस गेम के लिए खर्चे का आकलन मात्र 635 करोड़ किया गया था. लेकिन इस खेल का ऑपरेशनल खर्च 2600 करोड़ रुपया चला गया था. ये भारत में आयोजित होने वाला सबसे महंगा खेल था.
कॉमनवेल्थ सरकारी गेम पर कुल मिलाकर Rs 70,000 करोड़ से ज़्यादा का खर्च आया था. निश्चित रूप से इसमें ज्यादा हिस्सा बुनियादी सुविधाओं पर होने वाला खर्च है. इसमें सड़कों का निर्माण, खिलाड़ियों के रहने के लिए आवास का निर्माण, स्टेडियम का निर्माण जैसे मूलभूत खर्चे शामिल हैं.
2010 में दिल्ली CWG की मेजबानी भ्रष्टाचार, देरी और बजट ओवररन (आकलन से ज्यादा) के कारण चर्चा में रही. स्पोर्ट्स विलेज में कई परेशानियां, मिसमैनेजमेंट और गड़बड़ियां उजागर हुई थी. अहमदाबाद 2030 CWG के लिए इनसे सबक लेते हुए एक नया मॉडल अपनाएगा.
सबसे बड़ा फर्क तैयारी की संरचना का है. दिल्ली की ऑर्गनाइजिंग कमिटी भ्रष्टाचार से घिरी हुई थी. जबकि अहमदाबाद की ऑर्गनाइजिंग कमिटी
नॉट-फॉर-प्रॉफिट कंपनी बनेगा जो मेलबर्न 2006 की तरह पारदर्शी और स्ट्रीमलाइंड होगा. CAG की सिफारिशों पर आधारित यह कंपनी करप्शन रोकेगी. खेल खत्म हो जाने के बाद ये कमेटी डिसॉल्व हो जाएगी.
दिल्ली में 70% वेन्यू लेट बने, लेकिन अहमदाबाद की सरकारी एजेंसियों ने दावा किया है कि 2029 में ही निर्माण पूरा हो जाएगा. यही वो समय है जब अहमदाबाद में बुलेट ट्रेन भी चलने लगा.
अहमदाबाद की तैयारी, हजारों की नौकरियां
अहमदाबाद में कॉमनवेल्थ खेलों के लिए विश्वस्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार की जा रही है. इसमें ₹6,000 करोड़ की लागत से बनने वाला सरदार वल्लभभाई पटेल स्पोर्ट्स एन्क्लेव शामिल है, जिसमें नरेंद्र मोदी स्टेडियम, 50,000 दर्शक क्षमता वाला फुटबॉल स्टेडियम, एक्वेटिक्स सेंटर, इंडोर स्टेडियम और खिलाड़ियों के लिए विलेज बनाया जा रहा है.
इसके अलावा शहर के विकास के लिए ₹3,130 करोड़ का नया एयरपोर्ट टर्मिनल, मेट्रो और बीआरटीएस नेटवर्क का विस्तार. यही नहीं यहां विश्व स्तरीय होटल और कन्वेंशन सेंटर भी विकसित किए जा रहे हैं.
आयोजकों ने कहा है कि अहमदाबाद CWG में 15 से 17 खेल आयोजित होंगे. एक अनुमान के अनुसार इन खेलों के लिए 10 हजार से ज्यादा एथलीट यहां जमा होंगे.
गुजरात सरकार के प्रिंसिपल सेक्रेटरी अश्विनी कुमार (स्पोर्ट्स, यूथ और कल्चरल एक्टिविटीज) ने कहा कि अहमदाबाद भारत की स्पोर्ट्स कैपिटल बनने के लिए तैयार है. उन्होंने कहा कि सरदार वल्लभभाई पटेल स्पोर्ट्स एन्क्लेव और पुलिस एकेडमी स्पोर्ट्स हब का कंस्ट्रक्शन अप्रैल 2026 में शुरू होगा और 2028 के आखिर या 2029 की शुरुआत तक पूरा हो जाएगा."
टीआईआई की एक रिपोर्ट के अनुसार अहमदाबाद गेम्स गुजरात की तस्वीर को बदल देंगे. क्रेडाई गुजरात के प्रेसिडेंट तेजास जोशी बताते हैं कि, "CWG होस्ट करना अहमदाबाद के लिए गेम-चेंजर साबित होगा. बेहतर सड़कों और कनेक्टिविटी के साथ शहर के इंफ्रास्ट्रक्चर में बड़ा बदलाव आने वाला है." उन्होंने कहा कि इससे 20,000 स्टार-कैटेगरी के होटल रूम की डिमांड पैदा होगी. शहर में होटल और रिटेल डेवलपमेंट को बढ़ावा मिलेगा. शहर में नए लोग आएंगे, जिससे घरों की डिमांड बढ़ेगी."
बता दें कि 2030 कॉमनवेल्थ खेलों के बाद अहमदाबाद 2036 ओलंपिक के आयोजन की तैयारी कर रहा है और शहर में इसी अनुरूप इंफ्रा तैयार किए जा रहे हैं. इस रिपोर्ट के अनुसार साल के 2030 तक अहमदाबाद इन खेलों के आयोजन से जुड़े 30 हजार नौकरियां पैदा करने की योजना बना रहा है.
2026 का कॉमनवेल्थ खेल
2026 का कॉमनवेल्थ खेल स्कॉटलैंड के ग्लासगो में होने वाला है. इन खेलों का आयोजन 23 जुलाई से 2 अगस्त 2026 होगा. यह खेल छोटे पैमाने पर होने वाला है, जिसमें केवल 10 खेल शामिल हैं.
इस खेल आयोजन का कुल बजट लगभग 114 मिलियन पाउंड (₹1,100-1,200 करोड़ रुपये) आने का अनुमान है. ये 2014 के ग्लासगो खेलों के बजट से काफी कम है. इस बार खर्च कम करने के लिए नए खेल विलेज नहीं बनाया गया है और खिलाड़ी होटलों में रहेंगे. आयोजन केवल चार वेन्यू पर होगा जिससे लॉजिस्टिक्स और निर्माण खर्च कम होगा.