
तारीख थी 7 मई 2013... जगह थी जयपुर. तब दिल्ली डेयरडेविल्स (अब दिल्ली कैपिटल्स) और राजस्थान रॉयल्स के बीच आईपीएल का मैच नंबर 52 खेला गया. इस मैच में डेब्यू करने का मौका 41 साल के प्रवीण ताम्बे को मिला था. तब तक शायद किसी ने इस खिलाड़ी का नाम भी नहीं सुना था. पहले मैच में ताम्बे ने 4 ओवर किए और 30 रन दिए, सफलता नहीं मिली. लेकिन, इस मैच से ताम्बे उस जिद को परिभाषित करने वाले खिलाड़ी बन गए, जिसने उम्र से हार नहीं मानी, जो केवल क्रिकेट खेलना चाहता था और उसने खेला भी.
ताम्बे ने आईपीएल के उस सीजन में महज 3 मैच खेले और 1 विकेट झटका. लेकिन, इसके बाद अगले सीजन (IPL 2014) में जब प्रवीन ताम्बे खेले तो वह खबरों में छाए हुए थे.
अब बात ताम्बे के उस पहलू की, जिस वजह से वह आईपीएल के सबसे खास खिलाड़ी बन गए. दरअसल, ताम्बे ने 2013 में 41 साल की उम्र में राजस्थान के लिए डेब्यू किया था. उससे पहले वह लगातार मुंबई में क्लब क्रिकेट खेल रहे थे. वैसे प्रवीण ताम्बे की जिंदगी में बड़ा यूटर्न तब आया, जब उनका नाम साल 2000 में मुंबई रणजी टीम के संभावित खिलाड़ियों में शामिल हुआ था. लेकिन फिर वो एक लंबे अर्से के लिए भुला दिए गये.
लेकिन, ताम्बे को बड़ी पहचान आईपीएल से ही मिली. राहुल द्रविड़ ने उनके टैलेंट को स्पॉट किया. 2013 के आईपीएल सीजन के बाद उसी साल के अंत में वो चैंपियंस लीग T-20 में खेले. इस लीग में उन्होंने पांच मैचों में 12 विकेट झटके और इकोनॉमी रेट भी 6.50 रहा. ताम्बे का इकोनॉमी रेट सुनील नरायन और रविचंद्रन अश्विन से भी बेहतर रहा.

40 प्लस के ताम्बे का यह प्रदर्शन नोटिस किया गया और उन्हें मुंबई रणजी टीम में खेलने के लिए बुलाया गया. इसके लिए उन्होंने लंबे समय से सपना देखा था. ताम्बे की जिंदगी की कहानी पर 'कौन प्रवीण तांबे' बायोपिक भी बनी. इसमें उनका किरदार श्रेयस तलपड़े ने निभाया.
फिर 2014 में IPL में दो गेंदों पर हैट्रिक...
प्रवीण ताम्बे 2013 का आईपीएल खेल चुके थे, चैंपियंस लीग में उनका प्रदर्शन बेजोड़ रहा था. 2014 वह फिर से राजस्थान रॉयल्स के लिए खेले, इतिहास भी रचा. 5 मई 2014 की तारीख को उन्होंने कोलकाता नाइट राइडर्स के तीन बल्लेबाजों को लगातार तीन गेंदों पर आउट कर हैट्रिक ली. प्रवीन तांबे ने अपने चौथे ओवर की पहली गेंद फेंकी जिस पर मनीष पांडेय (Manish Pandey) को विकेट के पीछे संजू सैमसन से स्टम्प करवा दिया. हालांकि यह वाइड थी. इसके बाद उन्होंने अगली गेंद पर यूसुफ पठान को अपनी ही गेंद पर कैच लेकर आउट कर दिया. फिर उनका अगला शिकार रेयान टेन डोएश्चे (Ryan ten Doeschate) बने, जो एलबीडब्लू हुए. इस तरह ताम्बे ने दो गेंदों पर हैट्रिक ली.
आईपीएल के 2014 सीजन में प्रवीन तांबे ने 13 मैच खेले और कुल 15 विकेट झटके. 2015 में वह आईपीएल में 10 मैच खेले और 7 विकेट अपने नाम किए. 2016 में वह आईपीएल के 7 मैच खेलने उतरे फिर 5 विकेट लिए. कुल मिलाकर प्रवीण तांबे के करियर को देखा जाए तो उन्होंने यह भी साबित किया कि अगर जिद हो तो उम्र कोई मायने नहीं रखती है.
'आखिरी समझकर खेल रहा था हर मैच'
प्रवीण ताम्बे आईपीएल 2023 में लखनऊ सुपरजायंट्स के स्पिन बॉलिंग कोच हैं. 51 साल की उम्र में भी क्रिकेट के मैदान पर उनका जज्बा कायम है. अब वह क्रिकेट में स्पिन की नई पौध को कोचिंग दे रहे हैं. ताम्बे ने हाल में अपने डेब्यू और ज्यादा उम्र को लेकर खुलकर बात की. उन्होंने कहा कि जब वह पहली खेलने के लिए उतरे तो उनकी उम्र के बारे में ज्यादा बात हो रही थी. प्रवीन ने कहा- मैं तब हर मैच को आखिरी समझकर खेल रहा था. मैंने सोच लिया था कि मुझे टीम का मैच विनर बनना है. इस एटीट्यूड के साथ ही मैं हर मैच खेला.

अपनी सफलता का श्रेय ताम्बे ने पिता को दिया. प्रवीण के पिता खुद भी क्रिकेट खेलते थे, उन्हें देखकर ही प्रवीण में क्रिकेट खेलने की ललक हुई. प्रवीन तांबे ने अपने कोच विद्या पराड़कर (Vidya paradkar ) को भी याद किया. प्रवीण ने कहा- सर (विद्या) ने मेरे एक्शन और कलाई पर काम किया. पहले मैं स्पिन कराते हुए उंगलियों का ज्यादा इस्तेमाल करता था, लेकिन फिर मैं कलाई का भी इस्तेमाल करने लगा.
प्रवीण ने अपनी फिटनेस का श्रेय फुटबॉल खेलने को दिया और कहा कि वह इस खेल की वजह से ही इतना फिट हैं. प्रवीण ताम्बे ने लखनऊ के स्पिनर रवि बिश्नोई की खूब तारीफ की. उन्होंने कहा कि रवि कभी भी डरकर गेंदबाजी नहीं करता है. प्रवीन फिलहाल आईपीएल में लखनऊ के स्पिनर्स को गेंदबाजी के गुर सिखा रहे हैं.