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'सचिन तेंदुलकर से बेहतर हूं...', विनोद कांबली ने कहा था ऐसा? भाई वीरू ने खोल दिया राज, VIDEO

पूर्व क्रिकेटर विनोद कांबली के भाई वीरेंद्र कांबली ने कहा कि विनोद ने कभी खुद को सचिन तेंदुलकर से अधिक प्रतिभाशाली नहीं बताया. दोनों 80-90 के दशक में साथ उभरे, लेकिन करियर की दिशा अलग रही,जहां सचिन महान बल्लेबाज बने, वहीं विनोद का करियर 2000 में खत्म हो गया.

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भारतीय क्रिकेट में कांबली-सचिन साथ उभरे. (Photo, Getty)
भारतीय क्रिकेट में कांबली-सचिन साथ उभरे. (Photo, Getty)

पूर्व क्रिकेटर विनोद कांबली के भाई वीरेंद्र कांबली ने कहा कि विनोद ने कभी खुद को सचिन तेंदुलकर से अधिक प्रतिभाशाली नहीं बताया. दोनों 80-90 के दशक में साथ उभरे, लेकिन करियर की दिशा अलग रही,जहां सचिन महान बल्लेबाज बने, वहीं विनोद का करियर 2000 में खत्म हो गया.

पूर्व भारतीय क्रिकेटर विनोद कांबली के भाई वीरेंद्र कांबली (वीरू) ने अपने भाई और क्रिकेट लीजेंड सचिन तेंदुलकर के रिश्ते पर खुलकर बात की है. उन्होंने साफ किया कि लोकप्रिय धारणा के विपरीत, विनोद ने कभी यह दावा नहीं किया कि वह सचिन से ज्यादा प्रतिभाशाली थे. दोनों खिलाड़ी 1980 के दशक के आखिर और 1990 के दशक की शुरुआत में उभरते सितारे बनकर सामने आए थे, लेकिन उनके करियर ने बिल्कुल अलग रास्ते चुने.

करियर का फर्क

जहां सचिन तेंदुलकर आगे चलकर क्रिकेट इतिहास के सबसे महान खिलाड़ियों में से एक बने, वहीं विनोद कांबली का अंतरराष्ट्रीय करियर 2000 में समाप्त हो गया. उन्होंने भारत के लिए 17 टेस्ट और 104 वनडे मैच खेले.

वीरेंद्र कांबली ने एक इंटरव्यू में कहा, 'दोनों में एक जैसी प्रतिभा थी. आप यह नहीं कह सकते कि मेरा भाई सचिन से बड़ा था या सचिन उससे बड़े थे. दोनों बराबर थे. मैंने कभी अपने भाई को यह कहते नहीं सुना कि वह सचिन से बेहतर है.'

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अब कैसा है कांबली-सचिन का रिश्ता?

वीरेंद्र ने जोर देकर कहा कि सचिन और विनोद का रिश्ता आज भी मजबूत है. महान बल्लेबाज अब भी अपने पुराने दोस्त और उनकी पत्नी एंड्रिया हेविट से जुड़े रहते हैं. उन्होंने कहा, 'सचिन दादा हमेशा विनोद का साथ देते रहे हैं. उनकी दोस्ती आज भी उतनी ही गहरी है. सचिन दादा अब भी फोन करके एंड्रिया से हालचाल लेते रहते हैं.'

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रणजी ट्रॉफी की यादें....

अपने क्रिकेटिंग दिनों को याद करते हुए वीरेंद्र ने दोनों के बीच की दोस्ती और मस्ती के किस्से सुनाए- 'सचिन दादा, वही सबसे करीब थे. मुझे दूसरों के बारे में नहीं पता, लेकिन जब भी मैं रणजी ट्रॉफी मैच देखने जाता था तो उन्हें साथ में देखता. मैं ड्रेसिंग रूम में खाने जाता और वहां सचिन दादा, विनोद और मैं साथ बैठकर मजे करते. हम लोग खूब मजाक करते और अच्छा समय बिताते.'

विनोद कांबली के करियर आंकड़े उनकी प्रतिभा को उजागर करते हैं. टेस्ट क्रिकेट में उनका बल्लेबाजी औसत 54 से ऊपर है. दूसरी ओर, सचिन तेंदुलकर ने क्रिकेट इतिहास की किताबों को नए सिरे से लिखा और टेस्ट व वनडे दोनों प्रारूपों में सर्वाधिक रन बनाने वाले खिलाड़ी बने.
 

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