प्रयोग, प्रयोग, प्रयोग... हेड कोच गौतम गंभीर की कोचिंग में ऐसा ही हो रहा है. नतीजे सही आते रहें तो कमजोरियां ढक जाती हैं, लेकिन हार के बाद आलोचनाओं का तूफान उठना लाजिमी है.
भारतीय टीम ने कटक में साउथ अफ्रीका को पूरी तरह पस्त किया, लेकिन मुल्लांपुर टी20 मैच में उसे 51 रनों से हार झेलनी पड़ी. टीम इंडिया ने एक बार फिर पलटवार किया और धर्माशााला में हुए मैच को 7 विकेट से हराया. साउथ अफ्रीका के खिलाफ इन तीनों ही मैचों में एक चीज जो देखने को मिली, वो थी बैटिंग के दौरान नंबर-3 पोजीशन पर बार-बार बदलाव.
इन तीनों ही मैचों में भारतीय टीम ने अलग-अलग बल्लेबाजों को इस पोजीशन पर आजमाया. कप्तान सूर्यकुमार यादव पहले मैच में खुद तीसरे नंबर पर उतरे और 12 रन बना सके. इसके बाद मुल्लांपुर में अक्षर पटेल ने इस नंबर पर मोर्चा संभाला, जिसने सबको चौंका दिया. अक्षर ने 100 की स्ट्राइक रेट से 21 रन बनाए, जो टी20 के लिहाज बेहद धीमी इनिंग्स मानी जाएगी. अब धर्मशाला में तिलक वर्मा को भेजा गया, जिन्होंने नाबाद 25 रन बनाए. हालांकि इसके लिए तिलक ने 34 गेंदें खेलीं.
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टी20 क्रिकेट टॉप ऑर्डर (ओपनिंग और नंबर-3) मैच का रुख तय करते हैं. टॉप ऑर्डर के बल्लेबाजों को नई गेंद संभालनी होती है, पावरप्ले का पूरा फायदा उठाना होता है. लेकिन इस समय टॉप ऑर्डर भारतीय टीम के लिए सबसे बड़ा सिरदर्द बन चुका है. शुभमन गिल के बल्ले से रन नहीं निकल रहे हैं. वहीं नंबर-3 की पोजीशन पर जिसे भी आजमयाा जा रहा, वो कुछ खास नहीं कर पा रहा.
गौतम गंभीर के अंडर तीसरे नंबर पर लगातार प्रयोग किए जा रहे हैं, लेकिन नतीजे अब तक उम्मीदों के मुताबिक नहीं रहे. हालिया ऑस्ट्रेलिया दौरे से लेकर अब तक नंबर-3 पर 5 बल्लेबाजों को आजमाया गया, मगर कोई भी खुद को स्थायी विकल्प के तौर पर स्थापित नहीं कर सका. सूर्यकुमार यादव ने तीन मैचों में नंबर-3 पर बल्लेबाजी की. वहीं संजू सैमसन, शिवम दुबे, अक्षर पटेल और तिलक वर्मा ने एक-एक मैच में इस पोजीशन पर बल्लेबाजी की. आंकड़ों से साफ है कि हर मैच में एक नई उम्मीद तो जगी, लेकिन कोई भी पारी ऐसी नहीं रही, जिसने टीम मैनेजमेंट को राहत दी हो.
ऑस्ट्रेलिया दौरे से अब तक नंबर-3 पर भारतीय बैटर्स
कैनबरा टी20: सूर्यकुमार यादव- 39* रन
मेलबर्न टी20: संजू सैमसन- 2 रन
होबार्ट टी20: सूर्यकुमार यादव 24 रन
गोल्ड कोस्ट टी20: शिवम दुबे 22 रन
कटक टी20: सूर्यकुमार यादव- 12 रन
मुल्लांपुर टी20: अक्षर पटेल- 21 रन
धर्मशाला टी20: तिलक वर्मा- 25* रन
टी20 क्रिकेट में नंबर-3 का रोल सिर्फ रन बनाने तक सीमित नहीं होता. अगर ओपनर जल्दी आउट हो जाए, तो यही बल्लेबाज पारी को स्थिर करता है.पावरप्ले में स्ट्राइक रोटेशन और बड़े शॉट्स का संतुलन बनाता है. साथ ही मिडिल ओवर्स के लिए ठोस प्लेटफॉर्म तैयार करता है. यही वजह है कि विराट कोहली, केन विलियमसन जैसे खिलाड़ी अपनी-अपनी टीमों के लिए व्हाइट बॉल फॉर्मेट में नंबर-3 पर स्तंभ रहे हैं.
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सूर्यकुमार यादव के पास अनुभव और शॉट्स की भरमार है, लेकिन हालिया फॉर्म सवालों के घेरे में रही है. तिलक वर्मा के पास तकनीक और धैर्य है, लेकिन उन्हें इस पोजीशन पर ढलने के लिए लगातार मौका देना होगा. शिवम दुबे और अक्षर पटेल को इस पोजीशन पर तेजी से रन बनाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है, लेकिन ये दोनों स्थायी विकल्प नहीं हैं. संजू सैमसन को भी इस पोजीशन पर दोबारा ट्राई किया जा सकता है, लेकिन बड़ी बात यह है कि उनकी प्लेइंग-11 में जगह अब बन नहीं पा रही.
सूर्यकुमार यादव की फॉर्म बैटिंग ऑर्डर में बदलाव के चलते काफी प्रभावित हुआ है. सूर्या पहले नंबर-3 पर बैटिंग करते थे और उन्होंने खूब रन बनाए, लेकिन अब उनके बल्ले से रन नहीं निकल रहे. इस साल सूर्यकुमार ने एक अर्धशतक तक नहीं लगाया है. टीम कॉम्बिनेशन हालात के हिसाब से बदलना चाहिए, लेकिन लगातार बदलाव कहीं न कहीं अस्थिरता भी पैदा करते हैं. टी20 वर्ल्ड कप 2026 की शुरुआत में अब ज्यादा समय नहीं बचा है, ऐसे में भारत को अपना कॉम्बिनेशन अब पूरी तरह सेट कर लेना होगा.