टीम इंडिया के पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़ को लेकर जारी सस्पेंस समाप्त हो चुका है. द्रविड़ भारतीय टीम के हेड कोच बने रहेंगे. भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (BCCI) ने द्रविड़ और उनके सहयोगी स्टाफ का कॉन्ट्रैक्ट विस्तार किया. हालांकि, कॉन्ट्रैक्ट की अवधि कितनी होगी, इस बारे में BCCI ने फिलहाल कुछ भी स्पष्ट नहीं किया है. वैसे इस बात की संभावना है कि द्रविड़ को फिलहाल टी20 वर्ल्ड कप तक के लिए जिम्मेदारी मिली है. उस टूर्नामेंट में टीम के प्रदर्शन के आधार पर बतौर कोच उनका भविष्य तय होगा. पिछले कार्यकाल में बतौर कोच करीब 10 करोड़ रुपये सालाना मिल रहे थे.
द्रविड़ नहीं जिता पाए हैं ICC खिताब
टी20 विश्व कप 2021 के बाद राहुल द्रविड़ को रवि शास्त्री की जगह भारतीय टीम का मुख्य कोच नियुक्त किया गया था. तब से भारत ने तीनों प्रारूपों में अच्छा प्रदर्शन किया है. द्रविड़ की कोचिंग में भारत ने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी पर कब्जा बरकरार रखा. इसके अलावा न्यूजीलैंड, साउथ अफ्रीका और श्रीलंका को भी भारत ने अपने घरेलू मैदान पर हराया.
NEWS 🚨 -BCCI announces extension of contracts for Head Coach and Support Staff, Team India (Senior Men)
More details here - https://t.co/rtLoyCIEmi #TeamIndia— BCCI (@BCCI) November 29, 2023
हालांकि राहुल द्रविड़ की कोचिंग में भारतीय टीम एक भी आईसीसी खिताब नहीं जीता पाई, जो चिंतनीय बात है. 2022 के टी20 विश्व कप के सेमीफाइनल में भारत को इंग्लैंड के हाथों हार का सामना करना पड़ा. फिर इस साल विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप फाइनल में भी ऑस्ट्रेलिया ने भारत को हरा दिया. हाल में समाप्त हुए क्रिकेट वर्ल्ड कप 2023 में भी कहानी कुछ ऐसी ही थी. लगातार 10 मैच जीतकर भारतीय टीम फाइनल में पहुंची, लेकिन खिताबी जीत हासिल नहीं हो पाई.
... तो द्रविड़ को फिर क्यों मिला चांस?
राहुल द्रविड़ अपनी कोचिंग में भारत को भले ही आईसीसी खिताब नहीं जिता पाए हों, लेकिन बीसीसीआई ने उन्हें खिताबी सूखा खत्म करने के लिए एक और चांस दिया है. बीसीसीआई द्वारा द्रविड़ के कॉन्ट्रैक्ट को बढ़ाने के सबसे बड़ी वजह आगामी टी20 वर्ल्ड कप है, जो 3 जून से खेला जाना है. अगर टी20 वर्ल्ड कप 2024 से पहले कोचिंग सेटअप में फेरबदल होता तो यह भारतीय टीम के लिए अच्छी बात नहीं होती. यदि कोई नया कोच आता है तो उसे खिलाड़ियों के साथ तालमेल बैठाने में कुछ समय जरूर लगता.
50 वर्षीय द्रविड़ ने पिछले दो सालों में भारतीय टीम को संवारने का काम किया है. मोहम्मद सिराज, शुभमन गिल, वॉशिंगटन सुंदर, शार्दुल ठाकुर जैसे खिलाड़ियों को राहुल द्रविड़ ने अंडर-19 के दौर से ही कोचिंग दी है. यानी इन खिलाड़ियों को द्रविड़ ने अपनी कोचिंग के जरिए शुरुआत से ही तराशने का काम किया है. अपने कोचिंग कार्यकाल के दौरान द्रविड़ का सीनियर खिलाड़ियों विराट कोहली और रोहित शर्मा से भी जबरदस्त तालमेल रहा है.
टीम इंडिया के पूर्व बल्लेबाज गौतम गंभीर भी बीसीसीआई के फैसले से काफी खुश हैं. गंभीर ने एएनआई से कहा, 'यह अच्छी बात है क्योंकि टी20 वर्ल्ड कप नजदीक है और आप पूरे सपोर्ट स्टाफ को बदलना नहीं चाहते हैं. यह अच्छा है कि राहुल ने इसे स्वीकार कर लिया है. उम्मीद है कि हम अपना दबदबा बनाए रखेंगे और अच्छी क्रिकेट खेलेंगे. भारत ने लंबे समय तक ऐसा किया है. टी20 प्रारूप अलग और चुनौतीपूर्ण है. उम्मीद है कि राहुल और सहयोगी स्टाफ अच्छा प्रदर्शन करेंगे. उन्हें बधाई.'
द्रविड़ की कोचिंग में भारत का प्रदर्शन
17 टेस्ट: 9 जीत, पांच हार, 3 ड्रॉ
53 वनडे: 36 जीत, 14 हार, तीन मैच बेनतीजा
56 टी20: 39 जीत, 15 हार, एक टाई, एक मैच बेनतीजा
राहुल द्रविड़ ने बतौर खिलाड़ी 164 टेस्ट मैचों 13,288 रन बनाए, जिसमें 36 शतक और 63 अर्धशतक शामिल थे. इस दौरान उनका उच्चतम स्कोर 270 रहा. द्रविड़ ने 344 वनडे मैचों में 10,889 रन बनाए, जिसमें 12 शतक और 83 अर्धशतक शामिल थे. 153 रन द्रविड़ का वनडे में उच्चतम स्कोर रहा. द्रविड़ ने भारत के लिए एक टी20 मैच भी खेला था, जिसमें उन्होंने 31 रन बनाए. द्रविड़ ने 2012 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपना आखिरी टेस्ट खेला था.