इंग्लैंड के लॉर्ड्स के मैदान पर साउथ अफ्रीका ने इतिहास रचते हुए विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप (WTC 2025) का खिताब अपने नाम किया. ऑस्ट्रेलिया को 5 विकेट से हराकर साउथ अफ्रीका ने 27 साल बाद आईसीसी खिताब अपने नाम किया है. लेकिन इस मुकाबल में साउथ अफ्रीका ने भारतीय टीम का भी एक 14 साल पुराना रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिया है.
टीम इंडिया का रिकॉर्ड भी तोड़ा
साउथ अफ्रीका को इस मुकाबले में जीत के लिए 282 रनों की दरकार थी. जिसे साउथ अफ्रीका ने चेज कर लिया. ये आईसीसी फाइनल के किसी भी फॉर्मेट में किया गया सबसे बड़ा रन चेज है. इससे पहले टीम इंडिया ने 2011 वनडे वर्ल्ड कप में श्रीलंका के खिलाफ 275 रन चेज किए थे. उस वक्त ये रिकॉर्ड
टीम इंडिया के नाम था जिसने आईसीसी फाइनल में इतना बड़ा टोटल चेज किया हो.अब ये रिकॉर्ड टेस्ट में ही सही लेकिन साउथ अफ्रीका के नाम है.
इस जीत के साथ ही टेम्बा बावुमा की कप्तानी वाली साउथ अफ्रीका ने 27 साल बाद आईसीसी का खिताब अपने नाम किया है. इससे पहले 1998 में दक्षिण अफ्रीका ने विल्स इंटरनेशनल कप (अब चैम्पियंस ट्रॉफी) जीती थी. इसके बाद कई मौके आए जब साउथ अफ्रीका के पास आईसीसी खिताब जीतने का मौका था. लेकिन बार-बार साउथ अफ्रीका के हाथ से मौका छूटता गया. इसके चलते इस टीम के सामने चोकर्स का ठप्पा भी लगा. लेकिन आखिरकार 27 साल बाद इस टीम ने टेस्ट मुकाबले की बादशाहत अपने नाम कर आईसीसी खिताब के सूखे को भी खत्म कर दिया है.
ऐसे रहा WTC का फाइनल मैच
टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी करते हुए ऑस्ट्रेलियाई टीम ने अपनी पहली पारी में 212 रन बनाए थे. ब्यू वेबस्टर ने सबसे ज्यादा 72 रनों की पारी खेली, जिसमें 11 चौके शामिल रहे. वहीं पूर्व कप्तान स्टीव स्मिथ के बल्ले से 66 रन निकले. स्मिथ ने अपनी पारी में 10 चौके लगाए. साउथ अफ्रीका की तरफ से तेज गेंदबाज कगिसो रबाडा ने सबसे ज्यादा पांच विकेट झटके, जबकि खब्बू पेसर मार्को जानसेन को तीन सफलताएं हासिल हुईं. स्पिन गेंदबाजों केशव महाराज और एडेन मार्करम ने भी एक-एक विकेट चटकाया.
पहली पारी में साउथ अफ्रीका पस्त दिखी
पहली पारी में साउथ अफ्रीका के बल्लेबाजों का प्रदर्शन भी निराशाजनक रहा. नतीजतन साउथ अफ्रीका की पूरी टीम 138 रनों पर ही सिमट गई. डेविड बेडिंघम ने साउथ अफ्रीकी टीम के लिए सबसे ज्यादा 45 रन बनाए, जिसमें छह चौके शामिल रहे. वहीं कप्तान टेम्बा बावुमा ने चार चौके और एक सिक्स की मदद से 84 गेंदों पर 36 रनों की पारी खेली.. ऑस्ट्रेलियाई कप्तान पैट कमिंस ने छह विकेट झटके थे, वहीं मिचेल स्टार्क को दो सफलताएं प्राप्त हुईं.
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ऐसा रहा दूसरी पारी का रोमांच
ऑस्ट्रेलिया की दूसरी पारी की बात करें, तो कंगारू टीम का स्कोर एक समय सात विकेट पर 73 रन हो चुका था. यहां से विकेटकीपर बल्लेबाज एलेक्स कैरी और मिचेल स्टार्क की शानदार बल्लेबाजी के चलते ऑस्ट्रेलिया 207 रनों के स्कोर तक पहुंच सका. स्टार्क ने 136 गेंदों पर 58* रन बनाए, जिसमें पांच चौके शामिल रहे. वहाीं एलेक्स कैरी ने 5 चौके की मदद से 50 गेंदों पर 43 रन बनाए. साउथ अफ्रीका के लिए कगिसो रबाडा ने दूसरी पारी में भी बेहतरीन गेंदबाजी करते हुए चार विकेट झटके. जबकि लुंगी एनगिडी को तीन सफलताएं प्राप्त हुईं. लेकिन इसके चलते साउथ अफ्रीका के सामने 282 रनों का टारगेट था.
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282 चेज कर साउथ अफ्रीका ने रचा इतिहास
282 का टोटल चेज करने के लिए जब साउथ अफ्रीका की टीम मैदान में उतरी तो एक समय ऐसा लग रहा था कि ये मैच ऑस्ट्रेलिया आसानी से जीत जाएगा. साउथ अफ्रीका की शुरुआत भी अच्छी नहीं रही थी. 9 के स्कोर पर साउथ अफ्रीका को पहला झटका लगा जब रेयान रिकेल्टन आउट हो गए. लेकिन इसके बाद मुल्डर और मारक्रम के बीच अच्छी साझेदारी हुई. फिर 70 के स्कोर पर मुल्डर का विकेट गिरा. लेकिन मारक्रम एक छोर पर टिके रहे. इसके बाद क्रीज पर कप्तान टेम्बा बावुमा आए. मारक्रम और बावुमा के बीच 147 रनों की ऐतिहासिक साझेदारी हुई. बावुमा ने 66 रनों की पारी खेली. 217 के स्कोर पर जब बावुमा आउट हुए तो ये मैच साउथ अफ्रीका की मुट्ठी में था. लेकिन मारक्रम एक छोर पर तब भी टिके रहे. उन्होंने शतक भी लगाया. आखिरकार साउथ अफ्रीका ने ये मैच 5 विकेट से जीत लिया. मारक्रम ने इस डब्लूटीसी फाइनल में 136 रनों की पारी खेली.
ऑस्ट्रेलिया का लगातार दूसरी बार खिताब जीतने का सपना टूटा
पिछले साल ऑस्ट्रेलिया ने भारत को हराकर टेस्ट चैम्पियनशिप का खिताब अपने नाम किया था. उस समय भी टीम की कमान पैट कमिंस के हाथो में थी. ऐसे में ये दूसरा लगातार मौका था जब कमिंस अपनी कप्तानी में ऑस्ट्रेलिया को टेस्ट चैम्पियन बनाते. लेकिन साउथ अफ्रीका ने उनकी इस उम्मीदों पर पानी फेर दिया.