तीन महीने की चोट और रिहैब के बाद टीम इंडिया के विकेटकीपर-बल्लेबाज ऋषभ पंत ने गुरुवार को प्रतिस्पर्धी क्रिकेट में वापसी की. वह बेंगलुरु के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस ग्राउंड पर खेले जा रहे इंडिया-ए बनाम साउथ अफ्रीका-ए चार दिवसीय सीरीज के पहले मैच में कप्तान के रूप में उतरे हैं. पंत के इस मैच में बल्ले से प्रदर्शन से पहले ही चर्चा उनकी जर्सी के नंबर को लेकर हो गई- क्योंकि उन्होंने विराट कोहली की प्रतिष्ठित नंबर-18 जर्सी पहनी थी.
विराट कोहली ने इस साल मई 2025 में टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की थी. यह वही नंबर-18 है, जिसे उन्होंने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर में 500 से अधिक मैचों में पहना और जिसके साथ उन्होंने 80 से ज्यादा शतक बनाए. उनके संन्यास के बाद फैन्स ने बीसीसीआई से नंबर-18 को रिटायर करने की मांग की थी, जैसा सचिन तेंदुलकर (10) और एमएस धोनी (7) की जर्सियों के साथ हुआ था। लेकिन अभी तक बोर्ड ने इस पर कोई निर्णय नहीं लिया है.
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— Star Sports (@StarSportsIndia) October 30, 2025
पंत जैसे ही विकेट के पीछे खड़े हुए, स्टंप माइक पर उनकी वही चिर-परिचित आवाज, मजाकिया कमेंट और जोशीले शब्द फिर गूंज उठे. यही अंदाज उन्हें बाकी विकेटकीपरों से अलग बनाता है.
जैसे ही पंत की तस्वीरें आईं, फैन्स के बीच चर्चा शुरू हो गई कि क्या उन्होंने अपनी पुरानी नंबर-17 जर्सी छोड़ दी है. कुछ लोगों ने इसे 'आदर्श को सम्मान देने का तरीका' कहा.
दरअसल, यह पहली बार नहीं है जब कोहली के टेस्ट संन्यास के बाद कोई खिलाड़ी नंबर-18 पहनकर मैदान में उतरा हो. जून में तेज गेंदबाज मुकेश कुमार भी इंग्लैंड लॉयन्सस के खिलाफ अनऑफिशियल टेस्ट में यही नंबर पहने दिखे थे, जिससे विवाद खड़ा हुआ था.
बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने तब कहा था कि इंडिया-ए टीम में खिलाड़ियों के जर्सी नंबर स्थायी नहीं होते. इन मैचों में खिलाड़ी कोई भी नंबर चुन सकते हैं, क्योंकि ये अंतरराष्ट्रीय नहीं, बल्कि विकासात्मक मुकाबले होते हैं.
... लेकिन उनकी नंबर-18 जर्सी ने एक बार फिर बहस छेड़ दी है- क्या विराट कोहली की विरासत वाला यह नंबर हमेशा के लिए भारतीय क्रिकेट के इतिहास में सुरक्षित कर दिया जाना चाहिए?