वेस्टइंडीज क्रिकेट टीम का प्रदर्शन हालिया सालों में कुछ खास नहीं रहा है. खासतौर पर टेस्ट एवं वनडे क्रिकेट में तो इस टीम ने काफी संघर्ष किया है. वेस्टइंडीज पिछले साल भारत में हुए क्रिकेट वर्ल्ड कप के लिए भी क्वालिफाई नहीं कर पाया था, जो उसके लिए शर्मिंदगी वाली बात रही. हालांकि एक वक्त ऐसा भी था जब वेस्टइंडीज टीम की क्रिकेट जगत में तूती बोलती थी और इस खेल में उसका एकछत्र राज हुआ करता था.
...फाइनल में लॉयड ने जड़ दिया था शतक
इसी कड़ी में वेस्टइंडीज ने 49 साल पहले यानी 1975 में आज (21 जून) ही के दिन क्रिकेट के मक्का लॉर्ड्स में इतिहास रचा था. तब क्लाइव लॉयड की कप्तानी में वेस्टइंडीज ने क्रिकेट वर्ल्ड कप के पहले संस्करण का खिताब अपने नाम किया था. फाइनल में वेस्टइंडीज ने उम्मीदों के मुताबिक खेल दिखाते हुए ऑस्ट्रेलिया को 17 रनों से हराकर खिताबी जीत दर्ज की थी.
फाइनल मुकाबले में वेस्टइंडीज ने टॉस हारकर पहले बैटिंग करते हुए 60 ओवर्स में आठ विकेट पर 291 रन बनाए थे. कप्तान क्लाइव लॉयड ने 85 गेंदों पर 102 रनों की पारी खेली थी, जिसमें 12 चौके और 2 छक्के शामिल रहे. वहीं रोहन कन्हाई ने 55 और कीथ बॉयस ने 34 रनों का अहम योगदान दिया था. कंगारू टीम की ओर से तेज गेंदबाज गैरी गिल्मर ने सबसे ज्यादा पांच विकेट झटके थे.
जवाब में ऑस्ट्रेलियाई टीम 58.4 ओवर में 274 रन बनाकर आउट हो गई थी. ऑस्ट्रेलिया के लिए कप्तान इयान चैपल ने 62 और एलन टर्नर ने 40 रनों का योगदान दिया. वेस्टइंडीज की ओर से कीथ बॉयस ने गेंद के बाद बल्ले से भी धमाल मचाया और 50 रन देकर चार विकेट लिए. खास बात यह रही कि फाइनल मुकाबले में ऑस्ट्रेलियाई टीम के पांच बल्लेबाज रन-आउट हुए. इनमें से तीन रन-आउट तो विवियन रिचर्ड्स ने किए थे.
☝️ Alan Turner
— ICC (@ICC) June 21, 2020
☝️ Ian Chappell
☝️ Greg Chappell
In the 1975 World Cup, Viv Richards single-handedly effected three run-outs – an act that is still considered one of the greatest fielding performances in the tournament history 🙌 pic.twitter.com/axRSsAbRP6
भारत का प्रदर्शन रहा था निराशाजनक
बता दें कि 1975 का क्रिकेट विश्व कप 7 से लेकर 21 जून तक इंग्लैंड में खेला गया था. विश्व कप के पहले संस्करण में कुल आठ टीमों ने भाग लिया था. ग्रुप A में मेजबान इंग्लैंड, न्यूजीलैंड, भारत और पूर्वी अफ्रीका की टीमें थीं. दूसरी तरफ ग्रुप B में वेस्टइंडीज, ऑस्ट्रेलिया, पाकिस्तान और श्रीलंका को रखा गया था. 1975 के वर्ल्ड कप में भारतीय टीम का प्रदर्शन निराशाजनक रहा था. टीम इंडिया तीन में से केवल एक मैच में जीत दर्ज कर पाई थी, जिसके चलते वह सेमीफाइनल में नहीं पहुंच सकी. गौरतलब है कि एस. वेंकटराघवन 1975 के विश्व कप में भारतीय टीम के कप्तान थे.
1975 के विश्व कप में ग्रुप-ए से इंग्लैंड और न्यूजीलैंड की टीम सेमीफाइनल में पहुंची, वहीं ग्रुप-बी से वेस्टइंडीज और ऑस्ट्रेलिया ने यह उपलब्धि हासिल की. फिर पहला सेमीफाइनल मैच इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच हुआ, जिसमें ऑस्ट्रेलिया ने चार विकेट से जीत दर्ज की. इसके बाद दूसरे सेमीफाइनल में वेस्टइंडीज की टीम ने न्यूजीलैंड पर पांच विकेट से जीत हासिल की. ऐसे में फाइनल मुकाबले में दो तगड़ी टीमें ऑस्ट्रेलिया और वेस्टइंडीज का आमना-सामना हुआ.
वेस्टइंडीज ने 1975 के बाद 1979 के क्रिकेट वर्ल्ड कप में भी शानदार खेल दिखाया और मेजबान इंग्लैंड को हराकर दूसरी बार ट्रॉफी पर कब्जा किया. फिर क्लाइव लॉयड की ही कप्तानी में विंडीज टीम ने 1983 के विश्व कप फाइनल में पहुंचने में कामयाब रही थी, जहां उसे भारतीय टीम ने शिकस्त दी थी.