Ind Vs Nz, Kanpur Test: न्यूजीलैंड की टीम ने हाल के मौकों पर भारतीय टीम को कई अहम मुकाबलों में मात दी है. 2019 के विश्व कप फाइनल से लेकर 2021 में खेली गई टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल और टी-20 विश्व कप में भी कीवी टीम ने भारतीय टीम को पटकनी दी है.
लेकिन घरेलू सरजमीं पर भारतीय टीम को टेस्ट फॉर्मेट में मात देना आसान नहीं है. पिछले 20 सालों में कुछ मौके ही थे जिसमें भारतीय टीम को हार का सामना करना पड़ा है. इसी कड़ी में कीवी टीम के खिलाफ भी भारतीय टीम का रिकॉर्ड शानदार है. न्यूजीलैंड की टीम ने भारत में अभी तक सिर्फ 2 टेस्ट ही जीते हैं.
क्या 33 साल के सूखे को खत्म करेगी कीवी टीम?
1955-56 में पहली बार कीवी टीम भारतीय दौरे पर आई थी, जिसके बाद उसे पहली टेस्ट जीत हासिल करने में 14 वषों का समय लगा. 1969 के बाद न्यूजीलैंड टीम को अगली टेस्ट जीत 1988 के भारतीय दौर पर नसीब हुई. इसके बाद कीवी टीम के हाथ खाली रहे हैं.
1988 में खेली गई टेस्ट सीरीज में भारतीय टीम 2-1 से विजयी हुई थी. मुंबई में खेले गए दूसरे टेस्ट में कीवी टीम ने भारत को 136 रनों के बड़े अंतर से मात दी थी. इस मैच के हीरो न्यूजीलैंड के महान ऑलराउंडर रिचर्ड हेडली और ऑफ स्पिनर जॉन ब्रेसवेल थे.
ब्रेसवेल बने थे मुंबई के हीरो
रिचर्ड हेडली और जॉन ब्रेसवेल दोनों ने मिलकर 282 रनों के लक्ष्य का पीछा कर रही भारतीय टीम को 145 रन पर समेट दिया. जॉन ब्रेसवेल ने दूसरी पारी में 6 और हेडली ने 4 विकेट झटके थे. इसके पहले ब्रेसवेल ने दोनों पारियों में न्यूजीलैंड के लिए महत्वपूर्ण रन भी बनाए थे. ब्रेसवेल ने पहली पारी में 52 और दूसरी पारी में 32 रन बनाकर न्यूजीलैंड को एक अच्छे स्कोर तक पहुंचने में मदद की थी.
इस जीत के बाद कीवी टीम के हाथ टेस्ट फॉर्मेट में भारतीय सरजमीं पर खाली रहे हैं. न्यूजीलैंड के कप्तान केन विलियमसन का जन्म भी कीवी टीम की इस ऐतिहासिक जीत के 2 साल बाद हुआ था.
केन विलियमसन का जन्म- 8 अगस्त, 1990 (31 साल)
न्यूजीलैंड की भारत में आखिरी जीत- 24 नवंबर, 1988 (33 साल)
25 नवंबर से शुरू होने वाले मुकाबले में न्यूजीलैंड टीम जीत के इरादे से ही उतरेगी. कीवी टीम के कोच ने भी भारतीय टीम को आगाह किया है. कोच गैरी स्टीड के मुताबिक न्यूजीलैंड भारतीय टीम को उन्हीं की रणनीती से हराने की कोशिश करेगी. कीवी टीम कानपुर में तीन स्पिन गेंदबाजों के साथ उतर सकती है.