भारतीय टीम के युवा ओपनर यशस्वी जायसवाल अपने उभरते टेस्ट करियर में एक बड़ी उपलब्धि हासिल करने के करीब हैं. बाएं हाथ के इस बल्लेबाज़ के पास भारत के लिए सबसे तेज 2000 टेस्ट रन पूरे करने का मौका है. यह रिकॉर्ड इस समय राहुल द्रविड़ और वीरेंद्र सहवाग के नाम संयुक्त रूप से दर्ज है, जिन्होंने यह उपलब्धि 40 पारियों में हासिल की थी.
राहुल द्रविड़ ने 1999 में न्यूज़ीलैंड के खिलाफ हैमिल्टन में और वीरेंद्र सहवाग ने 2004 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चेन्नई में यह कारनामा किया था. यशस्वी ने जुलाई 2023 में वेस्टइंडीज के खिलाफ रोसो में टेस्ट डेब्यू किया था और अब तक 38 पारियों में 1,903 रन बना चुके हैं. उनका औसत 52.86 का है, जो बतौर सलामी बल्लेबाज़ बेहद प्रभावशाली है.
सबसे तेज़ 2000 टेस्ट रन बनाने वाले भारतीय बल्लेबाज़
राहुल द्रविड़ – 40 पारियां (न्यूज़ीलैंड, हैमिल्टन, 1999)
वीरेंद्र सहवाग 40 पारियां (ऑस्ट्रेलिया, चेन्नई, 2001)
विजय हज़ारे– 43 पारियां (वेस्टइंडीज, पोर्ट ऑफ स्पेन, 1953)
गौतम गंभीर – 43 पारियां (न्यूज़ीलैंड, नेपियर, 2009)
सुनील गावस्कर– 44 पारियां (वेस्टइंडीज, पोर्ट ऑफ स्पेन, 1976)
जायसवाल को इस रिकॉर्ड की बराबरी या उससे आगे निकलने का मौका 2 जुलाई से बर्मिंघम के एजबेस्टन में इंग्लैंड के खिलाफ शुरू हो रहे दूसरे टेस्ट में मिलेगा. पहले टेस्ट में यशस्वी ने शानदार प्रदर्शन किया था और पहली पारी में 101 रन (159 गेंदों में, 16 चौके और 1 छक्का) बनाए थे. हालांकि, दूसरी पारी में वे केवल 4 रन ही बना सके और ब्राइडन कर्स की गेंद पर आउट हो गए.
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हालांकि बल्लेबाज़ी में योगदान देने के बाद जायसवाल को अपनी फील्डिंग पर भी ध्यान देना होगा. लीड्स टेस्ट में उन्होंने चार आसान कैच छोड़े जिनका असर मैच के नतीजे पर पड़ा.
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एजबेस्टन में कभी नहीं जीत पाई टीम इंडिया
लीड्स टेस्ट में भारतीय टीम की हार के बाद शुभमन गिल की कप्तानी पर सवाल उठे हैं. शुभमन ने लीड्स टेस्ट में शार्दुल ठाकुर से काफी कम गेंदबाजी करवाई, जो समझ से परे रहा. साथ ही उन्होंने गेंदबाजों को सही से रोटेट भी नहीं किया गया. अब शुभमन के सामने अपने खिलाड़ियों को फिर से संगठित करने और उन्हें दूसरे टेस्ट के लिए तैयार करनी की चुनौती है. एजेबस्टन के मैदान पर भारत ने अब तक कभी टेस्ट मैच नहीं जीता है. यहां भारतीय टीम ने जो आठ टेस्ट मैच खेले, उसमें से सात में उसे हार का सामना करना पड़ा.