भारत और इंग्लैंड के बीच 5 मैचों की टेस्ट सीरीज का आगाज 20 जून को लीड्स के हेडिंग्ले क्रिकेट ग्राउंड में हुआ था. भारत-इंग्लैंड के बीच यह सीरीज इस बार 'एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी' के लिए खेली जा रही है. क्रिकेट जगत के दो दिग्गजों जेम्स एंडरसन और सचिन तेंदुलकर के नाम पर इस ट्रॉफी का नामकरण किया गया है.
सुनील गावस्कर ने ECB पर साधा निशाना
बता दें कि पहले भारत-इंग्लैंड के बीच टेस्ट सीरीज के विजेता को पटौदी ट्रॉफी दी जाती थी, लेकिन इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ECB) ने मौजूदा सीरीज की शुरुआत से पहले नाम बदलने का फैसला किया. पटौदी ट्रॉफी देने की परंपरा 2007 में शुरू हुई थी, तब दोनों देशों के बीच इंग्लिश धरती पर खेले गए पहले टेस्ट मैच के 75 साल पूरे हुए थे.
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अब टीम इंडिया के पूर्व कप्तान एवं महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर ने ECB पर जमकर निशाना साधा है. गावस्कर इस बात से खुश नहीं हैं कि 'एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी' में जेम्स एंडरसन का नाम सचिन तेंदुलकर से पहले क्यों रखा गया. दलील दी जा रही कि इस सीरीज का नाम वर्णमाला क्रम (Alphabetical Order) में रखा गया है, लेकिन गावस्कर ने इस तर्क को खारिज कर दिया है.
सुनील गावस्कर का मानना है कि क्रिकेट के 'भगवान' सचिन तेंदुलकर की उपलब्धियां हर मामले में एंडरसन से ज्यादा है. गावस्कर ने भारतीय फैन्स से आग्रह किया कि वो मौजूदा सीरीज को 'तेंदुलकर-एंडरसन ट्रॉफी' कहें.
सुनील गावस्कर ने मिड-डे में अपने कॉलम में लिखा, 'ईसीबी को इस सीरीज को किसी भी नाम से पुकारने का पूरा हक है, लेकिन ज्यादातर भारतीय क्रिकेट फैन्स के लिए ये चौंकाने वाली बात है कि इसमें एंडरसन का नाम पहले आता है. कपिल देव के साथ-साथ सचिन तेंदुलकर ना केवल महानतम भारतीय क्रिकेटर हैं, बल्कि जेम्स एंडरसन से उम्र में 12 साल से भी ज्यादा बड़े हैं.'
उन्होंने आगे लिखा, 'जहां तक टेस्ट क्रिकेट में रनों और शतकों का सवाल है, तो सचिन तेंदुलकर नंबर-1 हैं, लेकिन वनडे इंटरनेशनल भी उन्होंने सबसे ज्यादा रन बनाए हैं. एंडरसन टेस्ट क्रिकेट में सर्वाधिक विकेट लेने वाले गेंदबाजों की सूची में तीसरे स्थान पर हैं और उनका रिकॉर्ड वनडे क्रिकेट में तेंदुलकर जितना अच्छा नहीं है.'
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सुनील गावस्कर ने इस बात का भी जिक्र किया कि इंग्लिश दिग्गज जेम्स एंडरसन कभी भी वनडे वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम का हिस्सा नहीं रहे. हालांकि एंडरसन साल 2010 में टी20 वर्ल्ड कप जीतने वाली इंग्लैंड टीम का हिस्सा थे, लेकिन उन्हें तब एक भी मैच में खेलने का मौका नहीं मिला. गावस्कर कहते हैं, 'जिमी एंडरसन मुख्य रूप से इंग्लिश कंडीशन्स में एक बेहतरीन गेंदबाज रहे. विदेशों में उनका रिकॉर्ड तेंदुलकर के जितना अच्छा नहीं है.'
गावस्कर ने इस फैसले पर भी उठाया सवाल
ECB ने घोषणा की थी कि सीरीज जीतने वाले कप्तान को पटौदी मेडल दिया जाएगा, ताकि पटौदी परिवार की विरासत कायम रहे. लेकिन सुनील गावस्कर ने ये सवाल उठाया है कि अगर सीरीज ड्रॉ पर छूटी तो क्या होगा? गावस्कर ने सुझाव दिया कि इस सीरीज में खेले जाने वाले टेस्ट मैचों में 'प्लेयर ऑफ द मैच' अवॉर्ड के तौर पर पटौदी मेडल मिले. वहीं 'प्लेयर ऑफ द सीरीज' को पटौदी ट्रॉफी दी जाए.