एशेज सीरीज 2023 के पहले टेस्ट का आज (20 जून) आखिरी दिन है. इस टेस्ट मैच को जीतने के लिए ऑस्ट्रेलिया को आखिरी दिन 174 रन चाहिए. उसके हाथ में 7 विकेट बाकी हैं. ऐसे में अब तक के समीकरण ऑस्ट्रेलिया के हाथ में नजर आ रहे हैं. उस्मान ख्वाजा (34) और नाइट वॉचमैन स्कॉट बोलैंड (13) रन बनाकर टिके हुए हैं. इन दोनों के बाद ट्रेविस हेड, कैमरन ग्रीन, एलेक्स कैरी, पैट कमिंस को आना है. जो बल्ले से जोरदार पारियां खेल सकते हैं.
मैच एक तरह से ऑस्ट्रेलिया के पलड़े में झुकता हुआ दिख रहा है, वहीं इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स अपनी उस गलती को जरूर याद कर रहे होंगे जो उन्होंने एशेज टेस्ट मैच के पहले दिन ही कर दी. दरअसल, इंग्लैंड ने पहले ही दिन अपनी पारी 393/8 (78 ओवर) पर घोषित कर दी थी. उस समय जो रूट 118 रन पर नॉट आउट थे. उन्होंने तब तक 152 गेंदों का सामना किया था और 7 चौके और 4 छक्के जड़े थे. रूट ने 'बैजबॉल' स्टाइल में बल्लेबाजी की, इस कारण उनका स्ट्राइक रेट 77.63 था, जो टेस्ट के लिहाज से शानदार कहा जाएगा. वहीं जॉनी बेयरस्टो ने भी 'बैजबॉल' फॉर्मेट में बल्लेबाजी की और 78 गेंदों पर 78 रन जड़े थे .
The stage is set. Our Aussie men need 174 runs to win. 👊#Ashes pic.twitter.com/5rYS1JIJUj
— Cricket Australia (@CricketAus) June 19, 2023
इंग्लैड ऐसे फंस गई अपने जाल में...
पहली पारी में धूम धड़ाके वाले अंदाज में बल्लेबाजी करने वाली इंग्लैंड की टीम दूसरी पारी में महज 273 रन बनाकर आउट हो गई. ऐसे में अब ऑस्ट्रेलिया को जीत के लिए 281 रनों का टारगेट मिला है. जो मौजूदा सिचुएशन देखते हुए लग रहा है कि ऑस्ट्रेलिया आसानी से पा लेगा. स्टोक्स अब यह जरूर मंथन कर रहे होंगे कि रूट को पहले दिन और खेलने देते और दूसरे दिन कम से कम लंच तक खेलते ताकि इंग्लैंड की टीम कम से कम 450 का स्कोर बना लेती, पर स्टोक्स की चतुराई बेवकूफी बन गई. केविन पीटरसन ने भी स्टोक्स द्वारा जल्दी पारी घोषित करने की आलोचना की.
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'बैजबॉल' के साइड इफेक्ट्स?
फिलहाल तो पहले टेस्ट मैच के अंतिम दिन ऑस्ट्रेलिया मजबूत स्थिति में नजर आ रहा है. वहीं बैजबॉल के कर्ता-धर्ता और इंग्लैंड टीम के हेड कोच ब्रेंडन मैक्कुलम (Brendon McCullum) भी जरूर सोच रहे होंगे कि पहले दिन तेजी से रन बनाने के बाद पारी घोषित करना गलत फैसला हो गया. दरअसल, 'बैजबॉल' से क्रिकेट में, खासकर टेस्ट क्रिकेट में क्रांति आ गई थी. इसमें बैटर्स, बॉलर्स के प्रति आक्रमक रवैया अपनाते हैं. हालांकि, मैक्कुलम इंग्लैंड के गेंदबाजों से आखिरी दिन निश्चित ही जबरदस्त कमबैक की उम्मीद कर रहे होंगे.
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क्या है बैजबॉल गेम?
'बैजबॉल' गेम को क्रिकेट में लाने का श्रेय इंग्लैंड टीम को जाता है, जिसने टेस्ट क्रिकेट में भी टी-20 स्टाइल में धमाकेदार तरीके से रन बनाना शुरू किया है. 'बैजबॉल गेम' के आने के बाद टेस्ट क्रिकेट में टुकटुक ना होकर धूम धड़ाके से रन बनने लगे हैं. इसी वजह से इंग्लैंड ने न्यूजीलैंड, साउथ अफ्रीका और पाकिस्तान जैसी टीमों को बुरी तरह से पटखनी दी है.
कहां से आया 'बैजबॉल' नाम
'बैजबॉल गेम' की शुरुआत कैसे और कब हुई? यह जानना जरूरी है. लेकिन कई क्रिकेट स्पेशलिस्ट मानते हैं कि न्यूजीलैंड के पूर्व क्रिकेटर ब्रेंडन मैक्कुलम ने जब से इंग्लैंड की टीम के हेड कोच का पद संभाला है, तभी से अंग्रेजों का टेस्ट मैच खेलने का स्टाइल बदल गया है. मैक्कुलम की कोचिंग में इंग्लैंड टीम ने टेस्ट फॉर्मेट में भी टी-20 स्टाइल में रन बनाए और जीत भी हासिल की.
मैक्कुलम भी अपने दौर में जब क्रिकेट खेलते थे तो वह तेजी से रन बनाते थे. उनका निकनेम 'बैज' था. इसी निकनेम के साथ 'बॉल' को जोड़ते हुए इंग्लैंड टीम ने 'BazBall' शब्द निकाला. 'बैजबॉल' का मतलब मैक्कुलम का निकनेम और उनके खेलने के अंदाज से है.