
ऑस्ट्रेलिया के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर उस्मान ख्वाजा के बड़े भाई को फर्जी आतंकी साजिश रच कर सहकर्मी को फंसाने के आरोप में गुरुवार को जेल भेज दिया गया.
उस्मान के भाई अर्सलान तारिक ख्वाजा ने स्वीकार किया कि उन्होंने अगस्त 2018 में न्यू साउथ वेल्स विश्वविद्यालय के सहकर्मी कामेर निजामदीन की नोटबुक में फर्जी बातें लिख दी थीं. वह निजामदीन की महिला मित्र से नजदीकी बढ़ने पर ईर्ष्या करने लगे थे.
निजामदीन को गिरफ्तार किया गया था और मीडिया में उसे गलत तरीके से आतंकवादी घोषित कर दिया गया था, लेकिन बाद पुलिस जांच में पता चला की उसे फंसाया गया है.
अर्सलान ने यह भी स्वीकार किया कि उन्होंने 2017 में भी प्यार के मामले में ईर्ष्या होने के कारण एक अन्य आदमी के खिलाफ आधिकारियों से फोन कर वीजा और आतंकवाद का आरोप लगाया था.

न्यू साउथ वेल्स जिला कोर्ट में न्यायाधीश रॉबर्ट वेबर ने 40 साल के अर्सलान को दो साल और छह महीने की गैर-पैरोल अवधि के साथ चार साल और छह महीने की जेल की सजा सुनाई.
ख्वाजा ने एक नोटबुक के कम से कम 22 पृष्ठों पर प्रविष्टियां कीं और इसे विश्वविद्यालय के कर्मचारियों को सौंप दिया. नोटबुक में तत्कालीन प्रधानमंत्री मैल्कम टर्नबुल और गवर्नर-जनरल के साथ-साथ पुलिस स्टेशनों पर हमला करने की सूची के अलावा मेलबर्न में बॉक्सिंग डे क्रिकेट टेस्ट मैच और अन्य स्थलों पर हमले की धमकी थी,
उस्मान ने ऑस्ट्रेलिया के लिए 44 टेस्ट और 40 वनजे खेले हैं. उन्होंने अपने बड़े भाई को सजा सुनाए जाने के बाद कहा, ‘वह अब तक एक आदर्श नागरिक थे. इस घटना से पहले वह अच्छे नागरिक थे.’