आईसीसी टूर्नामेंट में टीम इंडिया ने 13 सालों का सूखा खत्म किया और शनिवार को टी20 वर्ल्ड कप के फाइनल में रोमांचक जीत हासिल कर इतिहास रच दिया. फाइनल में दक्षिण अफ्रीका को हराकर साल 2007 के बाद भारत ने दूसरी बार टी20 वर्ल्ड कप अपने नाम कर लिया.
हालांकि इस हार ने दक्षिण अफ्रीका के कप्तान एडम मार्करम का दिल तोड़ दिया और एक बार फिर इस टीम पर चोकर्स होने का ठप्पा लग गया.177 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी दक्षिण अफ्रीका उस वक्त मैच हार गई जब छक्का मारने के चक्कर में डेविड मिलर बाउंड्री पर सूर्य कुमार यादव को कैच थमा बैठे.
अंतिम पलों में मैच का पासा पलटने के बाद दक्षिण अफ्रीका के कप्तान एडम मार्करम ने हार पर कहा, 'इस हार से बहुत अधिक निराश हूं और वास्तव में बेहतरीन अभियान के बाद काफी दुःख हुआ लेकिन ईमानदारी से कहूं तो काफी गर्व है. हमने अच्छी गेंदबाजी की लेकिन ये एक ऐसा टारगेट था, जिसे हासिल किया जा सकता था. अच्छी बलेबाजी की अंत तक टिके रहे लेकिन लक्ष्य को हासिल नहीं कर सके. आखिर गेंद तक मैच कभी समाप्त नहीं होता है. साउथ अफ्रीकी खिलाड़ी बहुत अधिक प्रतिस्पर्धी, सम्मानीय हैं और हम लड़कर हारे हैं, जिससे मुझे भी टीम पर नाज है.'
इस टूर्नामेंट में पहली बार हारा साउथ अफ्रीका
बता दें कि फाइनल से पहले तक इस टी 20 वर्ल्ड कप मैंच में दोनों ही टीमें इंडिया और साउथ अफ्रीका अनबीटेबल रही लेकिन फाइनल में दक्षिण अफ्रीका को भारत के हाथों 7 रनों की हार का सामना करना पड़ा.
दूसरी पारी में बल्लेबाजी करने उतरी दक्षिणी अफ्रीका की टीम ने दो शुरुआती झटकों के बाद शानदार खेल दिखाया लेकिन चेजिंग के अंत में जैसे ही हेनरिक क्लासेन को हार्दिक पंड्या ने आउट किया मैच का पासा पूरी तरह पलट गया.
क्लासेन 27 गेंद में दो चौके और पांच छक्कों की मदद से 52 रन बनाकर चलते बने. उनके आउट होते ही डेविड मिलर दबाव में आ गए और भारत की सधी हुई गेंदबाजी के सामने छक्का मारने के चक्कर में सूर्य कुमार के हाथों कैच थमाकर पवेलियन लौट गए. इसके बाद साउथ अफ्रीका की टीम 20 ओवरों में 8 विकेट पर 169 रन ही बना सकी और उसे सात रन से नजदीकी हार मिली.