शुक्रवार यानी 19 मई 2023 को दिखेगा काला चांद (Black Moon). आसमान साफ हो तो भी शायद चांद दिखे ही नहीं. क्योंकि रात काली होती है. ऐसे में काला चांद कैसे दिखेगा. या फिर हो सकता है बेहद धुंधली रोशनी के साथ दिखे. आइए समझते हैं कि काले चांद के पीछे का रहस्य क्या है?
काले चांद नाम का कई मतलब है. इनमें से भी मतलब वैज्ञानिक नहीं है. न ही उसका खगोल विज्ञान से कोई लेना-देना है. इस महीने दिखने वाले इस चांद को आमतौर पर सीजनल ब्लैक मून कहते हैं. इस सीजन के चार नए चंद्रमाओं में से यह तीसरा नया चांद होता है. टाइमएंडडेट डॉट कॉम के अनुसार ऐसा हर 33 महीने पर होता है.

धरती का एस्ट्रोनॉमिकल सीजन हर सॉल्सटिस से शुरू होता है. इक्वीनॉक्स पर खत्म होता है. अभी के सीजन में उत्तरी गोलार्ध में स्प्रिंग का मौसम है. जबकि, दक्षिणी गोलार्ध में फॉल का मौसम है. इसकी शुरुआत वर्नल इक्वीनॉक्स के साथ 20 मार्च 2023 से हुई है. उसी दिन नया चांद निकला था.
इन तारीखों पर निकला था नया चंद्रमा
नया चांद हर 29.5 दिन पर निकलता है. यानी चंद्रमा धरती का एक चक्कर पूरा करता है. गर्मियों में आने वाले सॉल्सटिस यानी 21 जून 2023 से पहले काफी समय होता है. इसलिए इस बीच तीन और नए चांद निकलते हैं. इस सीजन के नए चंद्रमाओं के निकलने की तारीख थी- 21 मार्च, 20 अप्रैल, 19 मई और 18 जून. इस महीने निकलने वाला तीसरा नया चांद ब्लैक मून है.

फरवरी महीने में दुर्लभ होता है ब्लैक मून
ब्लैक मून चंद्रमाओं से संबंधित अलग-अलग घटनाओं से अलग होता है. जैसे ब्लू मून दूसरा पूर्ण चांद होता है. दूसरा नया चांद कई बार ब्लैक मून हो जाता है. यह हर 32 महीने पर एक बार होता है. कई बार ब्लैक मून तब निकलता है, जब किसी महीने में नया चांद या पूर्ण चंद्र न हो. ऐसा सिर्फ फरवरी में हो सकता है. क्योंकि यह महीना दिनों के हिसाब से कम होता है. आमतौर पर सिर्फ 28 दिन ही होते हैं. इस महीने में ब्लैक मून पांच या दस के अंतर पर दिखता है.
रात में दिख सकते हैं ज्यादा तारें, ये है वजह
ब्लैक मून आपको इसलिए नहीं दिखता क्योंकि जो हिस्सा आप हर रोज देखते हैं. वह अंधेरे में चला जाता है. इसका मतलब ये नहीं कि रात में चांदनी नहीं होती. लेकिन रोशनी कम होने की वजह से आसमान में तारे ज्यादा दिखते हैं. यानी अगर आपको साफ आसमान में ज्यादा तारों को देखना है तो 19, 20 और 21 मई की रात बेहतरीन होगी.