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नासा ने जारी की इंटरस्टेलर धूमकेतु 3I/ATLAS की नई तस्वीर, रहस्यमयी 'पांच रोशनी' ने सबको चौंकाया

इंटरस्टेलर धूमकेतु 3I/ATLAS की नई तस्वीर में केंद्र के चारों तरफ 5 रहस्यमयी रोशनी दिखीं, जो घूमती लग रही हैं. वैज्ञानिक कहते हैं कैमरा इफेक्ट है, लेकिन लोग एलियन थ्योरी बना रहे. नासा ने इसकी आधिकारिक फोटो जारी की है. 19 दिसंबर को पृथ्वी से सुरक्षित दूरी पर कॉमेट गुजरेगा. तब जेम्स वेब टेलीस्कोप जांच करेगा.

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ये है इंटरस्टेलर कॉमेट 3I/ATLAS की पांच रोशनी वाली वायरल फोटो. (Photo: X/@AstronomyVibes)
ये है इंटरस्टेलर कॉमेट 3I/ATLAS की पांच रोशनी वाली वायरल फोटो. (Photo: X/@AstronomyVibes)

अंतरिक्ष में एक रहस्यमयी मेहमान आया है – धूमकेतु 3I/ATLAS. यह हमारी गैलेक्सी के बाहर से आया है और 209214.72 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रहा है. नासा ने इसकी नई तस्वीर जारी की है, जिसमें यह एक चमकदार बिंदु की तरह दिख रहा है और पीछे हल्की पूंछ है.

लेकिन एक नई फोटो में पांच चमकदार बिंदु इसके चारों तरफ घूमते दिख रहे हैं, जिससे लोग हैरान हैं. क्या यह एलियन तकनीक है या सिर्फ कैमरा की गड़बड़ी? वैज्ञानिक कहते हैं कि यह सामान्य है, लेकिन यह तस्वीर सबको दोबारा देखने पर मजबूर कर रही है.

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रहस्यमयी फोटो क्या दिखा रही है?

रेय की एस्ट्रोफोटोग्राफी नाम के एक एस्ट्रोनॉमर ने धूमकेतु की लेटेस्ट फोटो ली है. बीच में धूमकेतु का चमकदार कोर (केंद्र) है, जो बहुत तेज चमक रहा है. लेकिन इसके चारों तरफ पांच चमकदार स्पॉट (बिंदु) हैं, जो ऐसा लग रहा है जैसे पांच चीजें केंद्र के इर्द-गिर्द घूम रही हों.

स्टैक्ड इमेज (कई फोटो जोड़कर बनी तस्वीर) में कोमा (धूमकेतु का बादल) का पैटर्न बदलता दिख रहा है, धूल की जेट्स (फव्वारे) निकल रही हैं. अंदर का कोर हिल रहा है. इससे घूमने का प्रभाव बन रहा है.

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वैज्ञानिकों का कहना है कि ये पांच रोशनी शायद कैमरा की डिफ्रैक्शन (प्रकाश की झुकाव), सेंसर की रिफ्लेक्शन (प्रतिबिंब) या बैकग्राउंड स्टार्स हैं, जो धूमकेतु की चमक से धुंधले हो गए हैं. लेकिन तरीका इतना सही लग रहा है कि लोग सोच रहे हैं – क्या 3I/ATLAS कुछ अनोखा कर रहा है? 

कुछ लोग इसे विजिटर के चारों तरफ पांच रोशनी कहकर एलियन थ्योरी जोड़ रहे हैं. नासा की आधिकारिक तस्वीर आने से पहले यह फोटो वायरल हो गई है.

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नासा की आधिकारिक तस्वीर और बयान

नासा ने धूमकेतु की नई इमेज जारी की है, जिसमें यह एक चमकदार डॉट (बिंदु) दिख रहा है. पीछे हल्की पूंछ है. यह सिर्फ तीसरा इंटरस्टेलर ऑब्जेक्ट है जो 2017 के बाद हमारी सोलर सिस्टम में आया है. नासा के टॉम स्टैटलर ने कहा कि यह दूसरे सोलर सिस्टम की रचना और इतिहास को समझने का नया दरवाजा है.

धूमकेतु 19 दिसंबर को पृथ्वी के पास से गुजरेगा, लेकिन सुरक्षित दूरी – 17 करोड़ मील दूर. जबकि कुछ लोग इसे एलियन तकनीक कह रहे हैं, वैज्ञानिकों के लिए यह और भी रोमांचक है – यह उन स्टार सिस्टम से आया मैसेंजर हो सकता है जो हमारे सोलर सिस्टम से पहले बने थे. दिसंबर में जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप इसकी बारीक जांच करेगा.

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नासा का बड़ा ऑब्जर्वेशन कैंपेन

नासा पूरे सोलर सिस्टम में 3I/ATLAS को ट्रैक कर रहा है – यह अब तक का सबसे बड़ा अभियान है. 12 नासा स्पेसक्राफ्ट ने 1 जुलाई से इसकी फोटो ली और डेटा प्रोसेस किया है. कई और स्पेसक्राफ्ट आगे फोटो लेंगे. इतने जगहों से देखने से वैज्ञानिक समझेंगे कि यह हमारे सोलर सिस्टम के धूमकेतुओं से कैसे अलग है. इससे पता चलेगा कि दूसरे सिस्टम की रचना हमसे कितनी अलग है.

Interstellar Comet 3I ATLAS

मंगल ग्रह से ली गई तस्वीरें

सबसे करीब की फोटो मंगल ग्रह से ली गईं. इस साल की शुरुआत में धूमकेतु मंगल से 1 करोड़ 90 लाख मील दूर से गुजरा. नासा के तीन स्पेसक्राफ्ट ने इसे देखा...

  • मार्स रिकॉनिसेंस ऑर्बिटर (MRO): सबसे करीब की फोटो ली.
  • मावेन (MAVEN) ऑर्बिटर: अल्ट्रावायलेट इमेज लीं, जो धूमकेतु की रचना समझने में मदद करेंगी.
  • पर्सिवियरेंस रोवर: मंगल की सतह से हल्की झलक पकड़ी.
  • ये ऑब्जर्वेशन वैज्ञानिकों को धूमकेतु की गैस, धूल और रचना के बारे में बताएंगे.

यह धूमकेतु क्यों खास है?

3I/ATLAS हमारी गैलेक्सी के बाहर से आया है, इसलिए यह दूसरे सिस्टम की जानकारी दे सकता है. वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि इससे पता चलेगा कि ब्रह्मांड में जीवन कैसे बना. एलियन थ्योरी वाले लोग कहते हैं कि पांच रोशनी एलियन शिप हो सकती हैं, लेकिन नासा कहता है कि यह सिर्फ ऑप्टिकल इफेक्ट (प्रकाश का प्रभाव) है.

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आगे की जांच से सच्चाई पता चलेगी. यह घटना हमें बताती है कि अंतरिक्ष कितना रहस्यमयी है. नासा की टीम लगातार काम कर रही है. दिसंबर में ज्यादा डिटेल आएंगी.

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