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3I ATLAS Interstellar Comet: 'ये 40% एलियन है...', धरती के नजदीक आएगा इंटरस्टेलर, जानिए वैज्ञानिक क्यों चेता रहे

3I ATLAS Interstellar Comet Tracker: 3I/ATLAS धूमकेतु तीसरा इंटरस्टेलर मेहमान अब 19 दिसंबर को धरती के नजदीक आएगा. 29 अक्टूबर को सूरज के सबसे पास पहुंचा था. तब इसकी चमक 16 गुना बढ़ी थी. नीला रंग हो गया था. अवि लोएब ने कहा कि ये 40% एलियन है. वैज्ञानिक कहते हैं ये प्राकृतिक है. लेकिन इस धूमकेतु ने दुनिया को रहस्य में डाल दिया है.

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सूरज के पास से निकलने पर नीले रंग की रोशनी बढ़ गई. (Photo: NASA)
सूरज के पास से निकलने पर नीले रंग की रोशनी बढ़ गई. (Photo: NASA)

सोचिए... एक चमकदार तारा जो दूसरे तारों के सिस्टम से आया हो, सूरज के सबसे करीब पहुंचा और अचानक नीला हो जाए. 3I/ATLAS नाम का यह तीसरा इंटरस्टेलर धूमकेतु जुलाई 2025 में नासा के ATLAS टेलीस्कोप ने खोजा. 29 अक्टूबर 2025 को यह सूरज के सबसे पास (20.3 करोड़ किलोमीटर) पहुंचा. यहां इसकी चमक 16 गुना बढ़ गई और रंग नीला हो गया. हार्वर्ड के वैज्ञानिक अवि लोएब ने कहा कि इसमें कुछ अजीब ताकत काम कर रही है. क्या यह प्राकृतिक धूमकेतु है या एलियन तकनीक?

खोज और यात्रा: कहां से आया यह मेहमान?

3I/ATLAS को 3I कहते हैं क्योंकि यह तीसरा इंटरस्टेलर (अन्य तारों के बीच का) वस्तु है. पहले ओमुआमुआ (2017) और बोरिसोव (2019) थे. यह जुलाई 2025 में चिली के टेलीस्कोप से दिखा. वैज्ञानिकों ने पाया कि यह हमारी सौर मंडल से बाहर से आया है. इसकी गति बहुत तेज है – प्रति सेकंड 30 किलोमीटर. इसका आकार मैनहट्टन जितना बड़ा बताया जा रहा है. 

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यह सूरज के चारों ओर घूम रहा था, लेकिन गुरुत्वाकर्षण के अलावा कुछ और ताकत से प्रभावित हो रहा था. नासा ने कहा कि यह पृथ्वी के लिए कोई खतरा नहीं. यह धरती के सबसे करीब 19 दिसंबर 2025 को 26.9 करोड़ किलोमीटर दूर से गुजरेगा.

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पेरिहेलियन: सूरज के पास पहुंचा और बदला रंग!

29 अक्टूबर 2025 को सुबह 7:47 बजे यह सूरज के सबसे करीब (पेरिहेलियन) पहुंचा. यहां कुछ जादू जैसा हुआ. इसकी चमक अचानक 16 गुना बढ़ गई. रंग ज्यादा नीला हो गया. सामान्य धूमकेतु सूरज के पास पहुंचने पर लाल हो जाते हैं क्योंकि धूल निकलती है, लेकिन यह नीला क्यों? 

नासा के STEREO, SOHO और GOES उपग्रहों ने तस्वीरें लीं. X पर एक पोस्ट में कहा गया कि यह सूरज के पीछे से फिर निकला और चमकदार दिखा. वैज्ञानिकों को लगा कि कार्बन गैस निकल रही है, जो नीला रंग देती है. लेकिन इतनी तेज चमक क्यों? कारण अभी 'अस्पष्ट' है.  

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अवि लोएब ने कहा- एलियन की 40% संभावना?

हार्वर्ड के खगोल वैज्ञानिक अवि लोएब ने इसे 'ब्रेकिंग न्यूज' कहा. उन्होंने पाया कि धूमकेतु बाहर की तरफ के अलावा बगल की तरफ भी धक्का लग रहा है. अगर यह गैस से हो रहा है, तो यह अपना आधा द्रव्यमान खो देगा. लेकिन 9 अजीब बातों (अनोमली) से लोएब ने कहा कि इसके एलियन होने की 40% संभावना है. 
 
X पर एक वीडियो में लोएब बोले कि यह सामान्य धूमकेतु जैसा नहीं लगता. वे कहते हैं कि अजीब डेटा को नजरअंदाज न करें – शायद यह तारों का संदेश हो. लेकिन वे दावा नहीं करते, सिर्फ सवाल उठाते हैं.

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वैज्ञानिकों का मत: बस प्राकृतिक चमत्कार

ज्यादातर वैज्ञानिक कहते हैं कि यह सामान्य धूमकेतु है. बर्फ पिघलने (सब्लिमेशन) और द्रव्यमान खोने से ये बदलाव हो रहे हैं। धूल की बजाय गैस निकलने से नीला रंग सामने आया. X पर एक पोस्ट में मजाक उड़ाया गया कि अगर यह स्पेसशिप है, तो धूमकेतु का बहुत अच्छा नकल कर रखा है. नासा ने पुष्टि की है कि यह प्राकृतिक है, कोई एलियन प्रोब नहीं. लेकिन यह हमारी सौर मंडल से दोगुना पुराना लगभग 9 अरब साल का हो सकता है.  

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क्या नया पता चलेगा?

अभी यह सूरज के पीछे से निकलकर फिर दिख रहा है. नासा का PUNCH मिशन ने पहली तस्वीर ली.  नवंबर 2025 में ईएसए का जूस (JUICE) अंतरिक्ष यान 2-25 नवंबर तक इसे कई उपकरणों से देखेगा. X पर एक यूजर ने कहा कि शायद वीनस के पास सुबह के आकाश में दिखे. इससे इसकी संरचना और उत्पत्ति के बारे में ज्यादा पता चलेगा.

ब्रह्मांड का रहस्य अभी बरकरार

3I/ATLAS हमें सिखाता है कि ब्रह्मांड कितना बड़ा और रहस्यमयी है. चाहे प्राकृतिक हो या कुछ और यह दूसरे तारों की झलक है. अवि लोएब जैसे वैज्ञानिक सवाल उठाते रहेंगे तो नई खोजें होंगी. 

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