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Axiom Mission 4: शुभांशु समेत सभी एस्ट्रोनॉट्स की 3 महीने चली इमरजेंसी ट्रेनिंग...देखिए Video

एक्स-4 क्रू ने व्यापक आपातकालीन ट्रेनिंग ली, जिसमें पानी के नीचे की ड्रिल्स (14,000 फीट), आग बुझाने और स्पेससूट प्रैक्टिस शामिल हैं. मार्च 2025 से 3 महीने चली ट्रेनिंग में 60 से ज्यादा सिमुलेशंस हुए. यह ISS पर सुरक्षा और सफलता सुनिश्चित करेगी. नासा और स्पेसएक्स ने ट्रेनिंग दी.

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तीन महीने की इमरजेंसी ट्रेनिंग में अंडरवाटर एस्केप भी सिखाया गया. (फाइल फोटोः X/पेगी व्हिटसन)
तीन महीने की इमरजेंसी ट्रेनिंग में अंडरवाटर एस्केप भी सिखाया गया. (फाइल फोटोः X/पेगी व्हिटसन)

ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला और एक्स-4 (Ax-4) मिशन के अन्य तीन सदस्य 10 जून 2025 को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की ओर रवाना होंगे. लेकिन इससे पहले, उन्होंने व्यापक आपातकालीन ट्रेनिंग ली है. जिसमें पानी के नीचे की ड्रिल्स से लेकर कई अन्य परिस्थितियां शामिल हैं. 

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ट्रेनिंग का उद्देश्य

एक्स-4 क्रू को ISS पर जाने से पहले कई तरह की आपातकालीन स्थितियों के लिए तैयार होना पड़ता है. यह ट्रेनिंग सुनिश्चित करती है कि वे किसी भी चुनौती का सामना कर सकें. ट्रेनिंग में शामिल हैं...

यह भी पढ़ें: अगला अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन बनाने का रास्ता खोलेंगे शुभांशु शुक्ला और Ax-4 मिशन

  • पानी के नीचे की ड्रिल्स: अंतरिक्ष यान के पानी में गिरने की स्थिति में बचाव.
  • आग बुझाने की प्रैक्टिस: ISS पर आग लगने की स्थिति में क्या करना है.
  • डिप्रेसराइजेशन: हवा के दबाव में अचानक कमी आने पर कैसे सुरक्षित रहें.
  • स्पेससूट और अंतरिक्ष यान का उपयोग: स्पेससूट पहनने और अंतरिक्ष यान में प्रवेश-निकास की प्रैक्टिस.

पानी के नीचे की ड्रिल्स

पानी के नीचे की ड्रिल्स बहुत महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि अगर अंतरिक्ष यान पानी में गिरता है, तो क्रू को तुरंत बाहर निकलना पड़ता है. इस ट्रेनिंग में क्रू को पानी में 14000 फीट की गहराई तक ले जाया जाता है. जहां वे स्पेससूट पहनकर बाहर निकलने की प्रैक्टिस करते हैं. यह ट्रेनिंग नासा और स्पेसएक्स की टीमों द्वारा दी गई है.

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मिशन की स्पेशल कवरेज यहां देखें

अन्य ट्रेनिंग

  • आपातकालीन प्रोटोकॉल: ISS पर आपातकालीन स्थिति में क्या करना है.
  • माइक्रोग्रैविटी में काम करना: सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण में कैसे काम करें. 
  • रॉकेट और अंतरिक्ष यान की जानकारी: फाल्कन 9 रॉकेट और ड्रैगन अंतरिक्ष यान की कार्यप्रणाली समझना.
  • सिमुलेशन: पूरे मिशन का सिमुलेशन, जिसमें लॉन्च से लेकर ISS पर पहुंचने तक की प्रैक्टिस.

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तथ्य और आंकड़े

  • ट्रेनिंग की अवधि: एक्स-4 क्रू ने मार्च 2025 से ट्रेनिंग शुरू की, जो 3 महीने से ज्यादा चली.
  • ट्रेनिंग साइट: नासा के जॉनसन स्पेस सेंटर, ह्यूस्टन और स्पेसएक्स के हॉकिंस, कैलिफोर्निया में.
  • पानी की ड्रिल्स: 14000 फीट की गहराई पर, जहां क्रू को स्पेससूट पहनकर बाहर निकलना सिखाया गया.
  • आपातकालीन स्थिति: 60 से ज्यादा सिमुलेटेड आपातकालीन परिस्थितियां, जिसमें आग, हवा की कमी, और पानी में गिरना शामिल है.

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महत्व

यह ट्रेनिंग सुनिश्चित करती है कि क्रू किसी भी चुनौती का सामना कर सके. उदाहरण के लिए, अगर ISS पर आग लगती है, तो वे तुरंत इसे बुझा सकें. अगर अंतरिक्ष यान पानी में गिरता है, तो वे सुरक्षित बाहर निकल सकें. यह ट्रेनिंग न केवल उनकी सुरक्षा के लिए है, बल्कि मिशन की सफलता के लिए भी जरूरी है.

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शुभांशु शुक्ला और एक्स-4 क्रू की आपातकालीन ट्रेनिंग बहुत व्यापक और चुनौतीपूर्ण रही है. पानी के नीचे की ड्रिल्स से लेकर आग बुझाने तक, हर स्थिति के लिए उन्हें तैयार किया गया है. यह ट्रेनिंग नासा, स्पेसएक्स और एक्सिओम स्पेस की टीमों द्वारा दी गई है. यह सुनिश्चित करती है कि वे ISS पर सुरक्षित और सफल रहें. आने वाले समय में, यह ट्रेनिंग गगनयान मिशन के लिए भी मददगार होगी.

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