ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला और एक्स-4 (Ax-4) मिशन के अन्य तीन सदस्य 10 जून 2025 को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की ओर रवाना होंगे. लेकिन इससे पहले, उन्होंने व्यापक आपातकालीन ट्रेनिंग ली है. जिसमें पानी के नीचे की ड्रिल्स से लेकर कई अन्य परिस्थितियां शामिल हैं.
ट्रेनिंग का उद्देश्य
एक्स-4 क्रू को ISS पर जाने से पहले कई तरह की आपातकालीन स्थितियों के लिए तैयार होना पड़ता है. यह ट्रेनिंग सुनिश्चित करती है कि वे किसी भी चुनौती का सामना कर सकें. ट्रेनिंग में शामिल हैं...
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पानी के नीचे की ड्रिल्स
पानी के नीचे की ड्रिल्स बहुत महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि अगर अंतरिक्ष यान पानी में गिरता है, तो क्रू को तुरंत बाहर निकलना पड़ता है. इस ट्रेनिंग में क्रू को पानी में 14000 फीट की गहराई तक ले जाया जाता है. जहां वे स्पेससूट पहनकर बाहर निकलने की प्रैक्टिस करते हैं. यह ट्रेनिंग नासा और स्पेसएक्स की टीमों द्वारा दी गई है.
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अन्य ट्रेनिंग
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तथ्य और आंकड़े
महत्व
यह ट्रेनिंग सुनिश्चित करती है कि क्रू किसी भी चुनौती का सामना कर सके. उदाहरण के लिए, अगर ISS पर आग लगती है, तो वे तुरंत इसे बुझा सकें. अगर अंतरिक्ष यान पानी में गिरता है, तो वे सुरक्षित बाहर निकल सकें. यह ट्रेनिंग न केवल उनकी सुरक्षा के लिए है, बल्कि मिशन की सफलता के लिए भी जरूरी है.
शुभांशु शुक्ला और एक्स-4 क्रू की आपातकालीन ट्रेनिंग बहुत व्यापक और चुनौतीपूर्ण रही है. पानी के नीचे की ड्रिल्स से लेकर आग बुझाने तक, हर स्थिति के लिए उन्हें तैयार किया गया है. यह ट्रेनिंग नासा, स्पेसएक्स और एक्सिओम स्पेस की टीमों द्वारा दी गई है. यह सुनिश्चित करती है कि वे ISS पर सुरक्षित और सफल रहें. आने वाले समय में, यह ट्रेनिंग गगनयान मिशन के लिए भी मददगार होगी.