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Axiom Mission: अंतरिक्ष में नई गाथा लिखने की तैयारी... शुभांशु 10 जून को भरेंगे उड़ान, 11 को वेलकम टू स्पेस स्टेशन

ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला 11 जून 2025 को दोपहर में अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पहुंचेंगे. यह एक्स-4 मिशन भारत-नासा सहयोग से है. लॉन्च 10 जून को होगा. भारत ने 548 करोड़ रुपये खर्च किए. शुभांशु 7 भारतीय और 5 नासा के प्रयोग करेंगे. यह मिशन गगनयान की तैयारी में मदद करेगा.

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ग्रुप कैप्टन शुभांशु शु्क्ला Ax-4 Mission के तहत 10 जून को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन जाएंगे. (फाइल फोटोः Axiom/NASA/SpaceX)
ग्रुप कैप्टन शुभांशु शु्क्ला Ax-4 Mission के तहत 10 जून को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन जाएंगे. (फाइल फोटोः Axiom/NASA/SpaceX)

भारत के अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला (#Shux) जल्द ही इतिहास रचने जा रहे हैं. वे 11 जून 2025 को दोपहर 12:30 बजे (EDT) अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) से जुड़ेंगे. यह मिशन एक्स-4 (Ax-4) का हिस्सा है, जो भारत और अमेरिका के अंतरिक्ष सहयोग का परिणाम है. आइए इस रोमांचक यात्रा के बारे में विस्तार से जानते हैं.

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मिशन की शुरुआत और बदलाव

शुभांशु शुक्ला का मिशन पहले 8 जून को शुरू होने वाला था, लेकिन मौसम की खराब स्थिति और अंतरिक्ष यान की अंतिम तैयारियों के कारण इसे 10 जून कर दिया गया. नासा और स्पेसएक्स की टीमों ने कहा कि यह बदलाव मौसम की भविष्यवाणी और फाल्कन 9 रॉकेट व ड्रैगन अंतरिक्ष यान की परिवहन प्रक्रिया को ध्यान में रखकर किया गया है. अब लॉन्च 10 जून को होगा. 11 जून को दोपहर 12:30 बजे (EDT) ISS से जुड़ाव होगा. 

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Axiom Space mission Shubhanshu Shukla

मिशन का महत्व

एक्स-4 मिशन स्पेसएक्स का 53वां ड्रैगन मिशन होगा. यह 15वां मानव अंतरिक्ष मिशन और 48वां ISS यात्रा होगी. शुभांशु शुक्ला भारत के गगनयान कार्यक्रम के चार अंतरिक्ष यात्रियों में से एक हैं. 

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भारत का निवेश और तैयारी

भारत ने इस मिशन पर अब तक कम से कम 548 करोड़ रुपये खर्च किए हैं. इसमें लॉन्च के साथ-साथ शुभांशु शुक्ला और उनके बैकअप ग्रुप कैप्टन प्रशांत नायर की ट्रेनिंग भी शामिल है. प्रशांत नायर भी गगनयान कार्यक्रम का हिस्सा हैं. शुभांशु को स्पेसएक्स और एक्सिओम स्पेस ने विशेष ट्रेनिंग दी है.

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Axiom Space mission Shubhanshu Shukla

अंतरिक्ष में प्रयोग

ISS पर पहुंचने के बाद शुभांशु 7 प्रयोग करेंगे, जो भारतीय शिक्षण संस्थानों ने बनाए हैं. इनमें ज्यादातर जैविक प्रयोग होंगे, जैसे कि पौधों के बीज और मानव शरीर पर सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण का असर. इसके अलावा, वे नासा के साथ 5 और प्रयोग करेंगे, जो मानव अनुसंधान से जुड़े हैं. इसरो के प्रोजेक्ट डायरेक्टर सुदीश बलन ने कहा किये प्रयोग भारतीय वैज्ञानिकों ने प्रस्तावित किए हैं. नासा के साथ मिलकर मानव शोध के 5 प्रयोग भी होंगे. 

अंतरिक्ष यान और नाम

एक्स-4 मिशन के लिए इस्तेमाल होने वाला ड्रैगन अंतरिक्ष यान पूरी तरह नया है. स्पेसएक्स के ड्रैगन मिशन मैनेजमेंट डायरेक्टर सारा वॉकर ने बताया कि यह यान क्रू द्वारा एक नाम दिया जाएगा. कमांडर पेगी व्हिटसन ने पिछले हफ्ते कहा कि नया नाम जल्द ही घोषित होगा.

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Axiom Space mission Shubhanshu Shukla

ट्रंप-मस्क विवाद का असर

हाल ही में स्पेसएक्स के संस्थापक एलन मस्क और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच विवाद हुआ था. लेकिन नासा और एक्सिओम ने स्पष्ट किया कि यह मिशन पर कोई असर नहीं पड़ेगा. दोनों पक्षों ने सार्वजनिक रूप से समयसीमा पर प्रतिबद्धता जताई है. इसलिए यह मिशन सुचारू रूप से चलेगा.

शुभांशु शुक्ला का यह मिशन भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम में एक बड़ा कदम है. गगनयान मिशन की तैयारी के लिए उनका यह अनुभव बहुत उपयोगी होगा. 11 जून को जब वे ISS से जुड़ेंगे, तो पूरा भारत उनके साथ होगा. यह मिशन न केवल वैज्ञानिक प्रगति लाएगा, बल्कि भारत को अंतरिक्ष में नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा.

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