आपको ये जानकर आश्चर्य होगा कि दुनिया में सबसे ज्यादा मौतें हार्ट अटैक (Heart attacks) की वजह से होती हैं. इसके लिए जो भी इलाज उपलब्ध हैं, वे या तो बहुत महंगे हैं या लोगों की पहुंच से बाहर हैं. स्थिति सालों से यही है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने 2020 में ये चेतावनी दी थी कि हृदय रोग (Heart Disease) की संख्या तेजी से बढ़ रही है.
बायोटेक कंपनी वर्व थेराप्यूटिक्स (Verve Therapeutics) के पास इस समस्या का समाधान है. इनका कहना है कि खराब कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol) को बनने से रोकने के लिए, मानव जीनोम (Genome) को बदलना अच्छा तरीका हो सकता है. कंपनी के सीईओ शेखर काथिरेसन (Sekar Kathiresan) का कहना है कि यह दिल की बीमारियों का परमानेंट सॉल्यूशन हो सकता है.

ब्लूमबर्ग (Bloomberg) में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, वर्व थेराप्यूटिक्स को गूगल वेंचर्स (Google Ventures) से समर्थन मिला है. शेखर काथिरेसन का कहना है कि हम संभावित रूप से इस मॉडल को 'वन एंड डन' करने वाले हैं.
पूरे विश्व के 3.1 करोड़ से ज्यादा लोगों को प्रभावित करने वाली इस बीमारी के लिए, जीन एडिटिंग तकनीक (Gene Editing Technique) का इस्तेमाल किया जाएगा. इस तकनीक को शुरू में उन लोगों पर आजमाया जाएगा, जिनके लिए यह बीमारी वंशानुगत (Hereditary) है और जिन्हें पहले दिल का दौरा पड़ चुका है.
इसके लिए यह कंपनी CRISPR जीन एडिटिंग टूल का इस्तेमाल करती है, जो शक्तिशाली तो है लेकिन जटिल भी है. CRISPR जीनोम एडिटिंग के लिए एक बेहतरीन टूल है. इससे शोधकर्ता डीएनए सीक्वेंस (DNA sequences) को आसानी से बदल सकते हैं और जीन फ़ंक्शन को मॉडिफाई कर सकते हैं. अगर Verve की यह टेस्टिंग कामयाब होती है, तो वह और ज़्यादा लोगों पर इसका टेस्ट करेंगे.
“We’re on the cusp..." https://t.co/5IqKhWEmsi
— Futurism (@futurism) May 9, 2022
इन नए तरीके से अगर दिल की बीमारी से जूझ रहे लोगों की जान बचती है, तो यह मेडिकल जगह में नई क्रांति से कम नहीं होगा. यह इलाज, फिलहाल उपलब्ध इलाजों की तुलना में सस्ता होगा, जिससे ज़्यादा से ज्यादा लोगों को इसका फायदा मिलेगा.